जम्मू-कश्मीर में बैन जमात-ए-इस्लामी 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारेगी:आज NC-कांग्रेस की लिस्ट संभावित; 27 अगस्त पहले फेज के नॉमिनेशन की आखिरी तारीख
जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेता 7 सीटों पर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इस पार्टी को 2019 में केंद्र सरकार ने UAPA एक्ट 1967 के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित कर बैन कर दिया था। इस साल फरवरी में प्रतिबंध को 5 साल बढ़ाया गया है।
वहीं, NC और कांग्रेस के कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट आज जारी हो सकती है। गठबंधन के तहत पहले फेज में नेशनल कॉन्फ्रेंस 15 और कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। NC और कांग्रेस ने 22 अगस्त को गठबंधन का ऐलान किया है।
सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस 52 और कांग्रेस 38 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। दोनों पार्टियों के बीच अभी भी कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा है। इसकी वजह से ही लिस्ट में देरी हो रही है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन फेज में होने हैं। पहले फेज की 24 सीटों के लिए अब तक 14 कैंडिडेट्स ने नॉमिनेशन किया है। पहले फेज के लिए नॉमिनेशन की आखिरी डेट 27 अगस्त है।
NC-कांग्रेस गठबंधन के बीच 3 सीटों पर पेंच फंसा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 22 अगस्त को सभी 90 सीटों पर गठबंधन का ऐलान किया। सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस 52 और कांग्रेस 38 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। दोनों पार्टियों के बीच अभी भी कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा है। इन सीटों में नगरोटा, विजयपुर और हब्बा कदल की सीटें शामिल हैं। इसको लेकर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के साथ चर्चा चल रही है।
सीटों बंटवारे पर NC उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा- ज्यादातर सीटों पर गठबंधन फाइनल हो चुका है, जबकि कुछ सीटों पर सहमति बननी बाकी है। दोनों ही पार्टियां कुछ सीटों पर अड़ी हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर आज अंतिम दौर की बैठक होगी।
जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में वोटिंग होगी
इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। राज्य में तीन फेज में वोटिंग होगी। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है।
जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें
जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने 5 मई 2022 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें और 5 संसदीय सीटें यानी लोकसभा सीटें होंगी। डिवीजन की नजर से देखें तो जम्मू डिवीजन में 6 सीटें बढ़ाकर 43 विधानसभा सीटें की गई हैं और कश्मीर घाटी में 1 सीट जोड़कर 47 सीटें बनाईं गईं।
जम्मू डिवीजन के सांबा जिले में रामगढ़, कठुआ में जसरोता, राजौरी में थन्नामंडी, किश्तवाड़ में पड्डेर-नागसेनी, डोडा में डोडा पश्चिम और उधमपुर में रामनगर सीट जोड़ी गईं। वहीं, कश्मीर घाटी में कुपवाड़ा जिले में त्रेहगाम नई सीट शामिल की गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें बनाईं गईं, जो बारामूला, श्रीनगर, अनंतनाग-राजौरी, उधमपुर और जम्मू हैं।
2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव
आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।