सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (28 अगस्त) को अवैध खनन मामले में हेमंत सोरेन के करीबी प्रेम प्रकाश को बेल दे दी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज केस में जांच एजेंसी को निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा किसी व्यक्ति की आजादी मूल सिद्धांत है। हमने सिसोदिया केस में भी कहा था कि बेल नियम है और जेल एक अपवाद।
कोर्ट ने कहा- PMLA के सेक्शन 45 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी के बेल की 2 शर्तें दी गई है। पहला, जब ऐसा लग रहा हो कि आरोपी ने कोई अपराध नहीं किया है। दूसरा, जमानत पर आरोपी कोई अपराध नहीं करेगा। लेकिन ये दोनों चीजें आजादी के मूल सिद्धांत को नहीं रोक सकतीं।
कोर्ट ने कहा- जो खुद को दोषी बताता है उसे गवाह बना दिया गया
कोर्ट ने कहा, ‘इस केस में ऐसा लगता है कि आरोपी प्रेम प्रकाश को बेल मिलने के बाद भी केस पर असर नहीं पड़ेगा। इसलिए हम प्रेम प्रकाश को बेल दे रहे हैं। बेंच ने कहा- यह देखकर दुख हो रहा है, प्रॉसिक्यूशन को निष्पक्ष रहना चाहिए। जो व्यक्ति खुद को दोषी बताता है उसे गवाह बना दिया जाता है।’