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शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में पहुंचीं विनेश फोगाट:सम्मान किया गया, बोलीं- हक मांगने वाला हर व्यक्ति राजनेता नहीं होता, धर्म से भी ना जोड़ें

शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में पहुंचीं विनेश फोगाट:सम्मान किया गया, बोलीं- हक मांगने वाला हर व्यक्ति राजनेता नहीं होता, धर्म से भी ना जोड़ें

अमृतसर2 घंटे पहले
विनेश ने किसानों से कहा- आज आपको यहां बैठे 200 दिन हो गए, लेकिन जोश पहले दिन जैसा ही है। आपकी बेटी आपके साथ है।

पेरिस ओलिंपिक से डिसक्वालिफाई हुईं पहलवान विनेश फोगाट आज शनिवार को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहुंचीं। यहां किसान नेताओं ने मंच पर उनको सम्मानित किया। किसानों की तरफ से आंदोलन को 200 दिन पूरे होने पर यहां कार्यक्रम रखा गया था। इसके बाद विनेश फोगाट खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होंगी।

इस मौके पर विनेश फोगाट ने कहा- ”आज किसानों को यहां बैठे 200 दिन हो गए, लेकिन जोश पहले दिन जैसा ही है। आपकी बेटी आपके साथ है। मैं सरकार को कहती हूं कि देश के लोग हक की आवाज उठाते हैं तो हर बार यह पॉलिटिकल नहीं होता। इसे किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए।”

विनेश ने आगे कहा- ”मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि उन्हें सुनना चाहिए। उन्होंने पिछली बार अपनी गलती स्वीकार की थी। उन्हें अपने वादे पूरे करने चाहिए। इसे हल करना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।”

विनेश फोगाट को कृपाण देकर सम्मानित करते किसान नेता सरवण पंधेर व अन्य।

शंभू बॉर्डर पर विनेश फोगाट की 5 अहम बातें

1. चुनाव लड़ने पर बात नहीं करूंगी
कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जाने के सवाल पर विनेश ने कहा कि मुझे नहीं पता पॉलिटिक्स का। मुझे पॉलिटिक्स का इतना नॉलेज नहीं है। सच्चाई बता रही हूं कभी में इतना डीप में गई नहीं हूं। खेलों के बारे में पूछेंगे तो मैं बता सकती हूं, लेकिन हर जगह पर किसान हैं। अगर वो नाराज हैं तो उसका असर खिलाड़ियों पर भी होता है। विनेश के कांग्रेस की टिकट पर चरखी दादरी या जुलाना सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है।

2. मेरा देश पीड़ित, किसान परेशान
मैं अपने परिवार के पास आई हूं। अगर आप इस पर बात करेंगे तो आप उनके (किसानों) के संघर्ष और लड़ाई को बर्बाद कर देंगे। आज फोकस मुझ पर नहीं है, फोकस किसानों पर होना चाहिए। मैं एक एथलीट हूं। मैं पूरे देश की हूं। मुझे इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि किस राज्य में चुनाव हो रहे हैं। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि मेरा देश पीड़ित है, किसान परेशान हैं। उनके मुद्दों का समाधान होना चाहिए।

शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से बात करतीं विनेश फोगाट।

3. किसान देश को चलाते हैं, उन्हें देखकर दुख होता है
विनेश ने कहा कि किसानों के आंदोलन को 200 दिन हो गए हैं। यह देखकर दुख होता है। वे सभी इस देश के नागरिक हैं। किसान देश को चलाते हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है। यहां तक कि खिलाड़ी भी नहीं हैं। अगर वे हमें खाना नहीं देंगे तो हम भी कॉम्पिटिशन नहीं कर पाएंगे। कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते हैं। हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हम अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते हैं। भले ही हम उन्हें दुखी देखते हों।

4. पहलवान आंदोलन में हमारा भी हौसला टूटता था
विनेश ने कहा कि जब कोई आंदोलन चलता है तो उम्मीद टूटने लगती है, क्योंकि हम खुद ऐसी जगह से निकले हैं। जब हम दिल्ली में बैठे थे तो हमारा भी हौसला ऐसा होता था कि पता नहीं ये कब मानेंगे, लेकिन यहां हौसला देखकर लग रहा कि पहली ही दिन है। हां, अगर लोग इस तरह सड़कों पर बैठे रहेंगे तो देश आगे नहीं बढ़ेगा।

5. हमारे परिवार को लड़ना आ गया है
विनेश ने कहा कि हमारे परिवार को लड़ना आ गया है। उन्हें पता लग गया है कि अपना हक चाहिए तो सड़क पर आना पड़ेगा। इन्हें देखकर हमें भी बहुत हौसला मिला। अपने हकों के लिए लड़ना सिखाया। सच्चाई के लिए बोलना सिखाया। मैं भगवान की शुक्रगुजार हूं कि मुझे इस परिवार में जन्म दिया। मुझे मौका दिया कि मैं इस परिवार को जानूं।

कल गोल्डन टेंपल में माथा टेका
इससे पहले विनेश परिवार के साथ शुक्रवार (30 अगस्त) को अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में माथा टेकने पहुंची थीं। यहां उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की तरफ से सम्मानित किया गया। इस दौरान श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने विनेश को गोल्डन टेंपल का मॉडल देकर सम्मानित किया।

पति सोमवीर राठी व परिवार के साथ गोल्डन टेंपल पहुंचीं विनेश फोगाट।

खाप पंचायतें गोल्ड मेडल से सम्मानित कर चुकीं
इससे पहले जींद में 27 अगस्त को खटकड़ टोल प्लाजा पर विनेश फोगाट का भव्य स्वागत किया गया। लोगों ने उन्हें चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया। करीब एक हफ्ता पहले उन्हें रोहतक में सर्वखाप पंचायत ने गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। सर्वखाप का किसी भी व्यक्ति को सम्मान के रूप में दिया गया यह पहला गोल्ड मेडल है और यह सम्मान विनेश को मिला है।

सर्वखाप पंचायत के दिए मेडल को दिखाती विनेश फोगाट। इस दौरान दंगल मूवी से सुर्खियों में आए उनके ताऊ महावीर फोगाट भी मंच पर उनके साथ रहे।

फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई की गईं
गौरतलब है कि विनेश ने पेरिस ओलिंपिक में 50KG फ्री-स्टाइल कुश्ती कैटेगरी के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन 7 अगस्त को फाइनल खेलने से पहले 100 ग्राम वजन अधिक पाए जाने पर उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। फाइनल तक पहुंचने के लिए विनेश ने ओलिंपिक चैंपियन जापान की रेसलर समेत 3 पहलवानों को हराया था।

कुश्ती से संन्यास का ऐलान
इसके बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाली थी। उसमें लिखा था, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।”

भारत लौटने पर ग्रैंड वेलकम
विनेश फोगाट पेरिस से 17 अगस्त को भारत लौटीं। इसके बाद एयरपोर्ट से लेकर उनके गांव बलाली तक 125 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला गया। इस रोड शो में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी शामिल हुए थे। जगह-जगह विनेश का ग्रैंड वेलकम किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में चल रहा शंभू बॉर्डर खोलने का मामला
200 दिन से बंद शंभू बॉर्डर को खोलने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए हैं। यहां पर किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने बैरिकेडिंग कर रखी है। हालांकि, हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार से किसानों व केंद्र के बीच बातचीत के लिए एक्सपर्ट लोगों के नाम लिए। इसके अलावा महिलाओं-बच्चों, बुजुर्गों और एंबुलेंस के लिए बॉर्डर आंशिक रूप यानी एक लेन खोलने के लिए कहा। इस पर पंजाब, हरियाणा के अधिकारियों और किसान नेताओं की 2 मीटिंग हो चुकी हैं। हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसान बिना ट्रैक्टर दिल्ली जाएं, लेकिन किसान ट्रैक्टर समेत जाने पर अड़े हैं। इस वजह से बॉर्डर की एक लेन नहीं खुल पा रही है।

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