रिटायरमेंट के बाद मेरी जगह किसी महिला जज को ही अपॉइंट करें।’ ये बात सुप्रीम कोर्ट की 8वीं महिला जज जस्टिस हिमा कोहली ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ से कही। शुक्रवार (30 अगस्त) को उनकी फेयरवेल सेरेमनी थी।
इस मौके पर बोलते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा- ‘गूंजते रहते हैं अल्फाज मेरे कानों में, तू तो आराम से कह देता है अल्लाह-हाफिज।’ आगे उन्होंने कहा कि जस्टिस कोहली न सिर्फ एक महिला जज हैं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की प्रबल रक्षक रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट में तीन साल तक सेवा देने के बाद जस्टिस कोहली 1 सितंबर को रिटायर होने वाली है। जस्टिस कोहली 40 सालों तक कानून के पेशे में रहीं। उन्होंने 22 साल वकील और 18 साल बतौर जज काम किया। वो 31 अगस्त 2021 से सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर कार्यरत थीं।
CJI ने कहा- सीनियर एडवोकेट्स महिला वकीलों की भर्ती करें
CJI चंद्रचूड़ ने जस्टिस कोहली की तारीफ करते हुए कहा कि जस्टिस कोहली के साथ बैठना बेहद खुशी की बात है। हमने बहुत गंभीर विचारों पर बातचीत और चर्चा की है। कई बार ऐसा हुआ है जब उन्होंने मेरा समर्थन किया।
आगे CJI ने कहा- सीनियर एडवोकेट्स को अधिक महिला वकीलों को ट्रेनिंग देनी चाहिए और उनकी भर्ती करनी चाहिए। एक बार जब कानूनी पेशे में समान अवसर मिलेंगे, तो जस्टिस कोहली की तरह अधिक महिलाएं वकील बनेंगी।
कपिल सिब्बल बोले- बड़े केस लड़ने के बाद भी महिलाओं को मौके नहीं मिल रहे
जस्टिस हिमा कोहली के फेयरवेल सेरेमनी में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) चीफ और सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने अनुरोध किया कि महिलाओं को न्यायपालिकों में उचित स्थान देना चाहिए। उन्होंने CJI से कहा कि लॉ फर्म्स में बड़े केस लड़ने के बाद भी महिला वकीलों को मौका नहीं मिल रहा है। ऐसी प्रतिभावान महिलाओं को हाई कोर्ट जज के तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए। अगर महिलाएं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बन सकती हैं तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जज भी बन सकती है। CJI ने कपिल सिब्बल की बातों को सहमति दी।
जस्टिस हिमा कोहली के महत्वपूर्ण फैसले
- पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में जस्टिस हिमा कोहली ने कहा था कि स्वास्थ्य का अधिकार मौलिक अधिकार है। लोगों को कंज्यूमर राइट्स के तहत प्रोडक्ट्स की क्वालिटी जानने का अधिकार है।
- सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हीमा कोहली की अगुवाई वाली बेंच ने फैसला सुनाया था कि जो अंडरट्रायल अधिकतम सजा की अवधि का एक तिहाई जेल काट चुका है उसकी रिहाई सुनिश्चित कराई जाए।
- सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2023 में समलैंगिक की शादी को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि समलैंगिक कपल बच्चा गोद नहीं ले सकता है। इस बेंच में जस्टिस हिमा कोहली भी थी।
कौन है जस्टिस हिमा कोहली
जस्टिस हिमा कोहली ने 1984 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से लॉ की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहे सुनंदा भंडारे, वाईके सभरवाल और विजेंद्र जैन से ट्रेनिंग ली थी। जस्टिस कोहली 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट की एडिशनल जज बनीं। 2007 में स्थायी जज बन गईं। इसके बाद वो 7 जनवरी 2021 को तेलंगाना हाई कोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं। CJI एनवी रमना ने 31 अगस्त 2021 को तीन महिला जजों को सुप्रीम कोर्ट की जज की शपथ दिलाई। इसमें जस्टिस कोहली, बीवी नागरत्ना और बेला एम त्रिवेदी शामिल थी।