महबूबा बोली- BJP के कहने पर EC ने तारीखें बदली:अब हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग; दोनों राज्यों के नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे
PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार (1 सितंबर) को BJP और चुनाव आयोग पर चुनाव की तारीखें बदलने का आरोप लगाया। महबूबा बोली, ‘चुनाव आयोग वही करते हैं जो भाजपा को सूट करता है। जब मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा था, तो उन्होंने बेवजह वोटिंग की तारीख बदल दी थी। सब कुछ BJP और उसकी अलायंस वाली पार्टियों की इच्छा के अनुसार होता है।’
वहीं महबूबा मुफ्ती ने चुनाव के दौरान पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर खुशी जताई। PDP प्रमुख ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सभी अधिकारी स्थानीय हैं। उम्मीद है कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएंगे।
बिश्नोई समाज के त्योहार की वजह से हरियाणा में वोटिंग टली
राजस्थान की ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा ने चुनाव आयोग से त्योहार की वजह से वोटिंग की तारीखों को बदलने की मांग की थी। इसे लेकर महासभा ने कहा था कि कई पीढ़ियों से गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर जिले में सालाना उत्सव होता है। इसमें पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार ‘असोज’ महीने की अमावस्या में हिस्सा लेते हैं।
इस साल यह उत्सव 2 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसके चलते सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के हजारों बिश्नोई परिवार मतदान के दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे वे 1 अक्टूबर को वोट नहीं डाल पाएंगे। इस वजह से चुनाव आयोग ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव की वोटिंग को 5 अक्टूबर कर दिया है। अब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होंगे।
बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर
बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट है। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
चुनाव की तारीख बदलने के समर्थन में आयोग को भेजी गईं 3 चिटि्ठयां…
1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली
हरियाणा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा था कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है।
बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में असोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या ज्यादा है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है।
2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला
INLD महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने लेटर में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है।
इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो हफ्ते तक आगे बढ़ाया जाए।
3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए।
राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां असोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार असोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी।
चुनाव की तारीख बदलने के विरोध में दो दलों ने क्या कहा था…
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान: भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए। इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। इसलिए भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है। जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है।
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला: प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंच गई है। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही।
पहले भी 3 राज्यों में बदली गई चुनाव की तारीख
राजस्थान : साल 2023 के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए। यहां चुनाव आयोग ने 23 नवंबर को एक चरण में चुनाव की घोषणा की थी, लेकिन इस दिन बड़े स्तर पर विवाह समारोह होने के कारण इसे आयोग 25 नवंबर कर दिया था।
मिजोरम : यहां चुनाव मतगणना की डेट में आयोग ने बदलाव किया था। पहले 3 दिसंबर को यहां वोटों की गिनती की जानी थी, लेकिन बाद में इसे 4 अक्टूबर कर दिया था। इसकी वजह यही रही कि यहां इस दिन ईसाइयों का पवित्र दिन था। काउंटिंग डेट बदले जाने को लेकर सभी राजनीतिक दल भी एकमत थे। इसके बाद आयोग ने यह डेट चेंज की थी।
सिक्किम-अरुणाचल प्रदेश : इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव की वोटिंग की डेट में बदलाव किया गया था। आयोग ने यहां मतगणना की तारीख 4 जून से बदलकर 2 जून कर दी थी।
जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में होंगे चुनाव, नई सरकार का कार्यकाल 6 साल का होगा
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया था। इसके बाद से यहां LG मनोज सिन्हा प्रशासक हैं। चुनाव के बाद नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल का होगा।
जम्मू-कश्मीर की 90 सीटें, परिसीमन में 7 जुड़ीं
जम्मू-कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनाव में 87 सीटें थीं। जिनमें से 4 लद्दाख की थीं। लद्दाख के अलग होने पर 83 सीटें बचीं थीं। बाद में परिसीमन के बाद 7 नई सीटें जोड़ी गईं। उनमें 6 जम्मू और 1 कश्मीर में है। अब कुल 90 सीटों पर चुनाव होगा। इनमें 43 जम्मू, 47 कश्मीर संभाग में हैं। 7 सीटें SC (अनुसूचित जाति) और 9 सीटें ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए रिजर्व हैं।