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कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी ने सोमवार(2 सितंबर) को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से सुखोई-30MKI विमान के लिए इंजन खरीद को मंजूरी दी। इस समझौते के तहत HAL 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 240 एरो-इंजन भारतीय वायुसेना को देगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एरो-इंजनों की पहली डिलीवरी एक साल बाद शुरू होगी और आठ सालों में सभी डिलीवरी पूरी कर ली जाएगी। इस इंजन में 54% से अधिक कंपोनेन्टस मेड-इन-इंडिया होगा। इसको HAL के कोरापुट डिवीजन में बनाया जाएगा। सुखोई-30 MKI की खासियत नए इंजन से सुखोई 30 MKI अपग्रेड होंगे नए इंजनों के इस्तेमाल से भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करेगी। इससे सुखोई 30 MKI विमान अगले 30 साल की जरूरतें के हिसाब से अपग्रेड हो जाएंगी। इस पूरे अपग्रेड में 63 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले फेज में 84 सुखोई विमान अपग्रेड किए जाएंगे। इन लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता को अचूक बनाने के लिए AI और डाटा साइंस का भी इस्तेमाल किया जाएगा। अब LCA के इंजन भी देश में ही बनेंगे हल्के लड़ाकू विमान LCA MARK 2 (तेजस एमके 2) और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की पहली दो स्क्वॉड्रन के इंजन अब देश में ही बनेंगे। भारत में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने 18 नवंबर 2023 को बताया था कि अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर ये इंजन बनाएंगी। अमेरिका से इसकी सभी मंजूरी मिल गई है। पूरी खबर पढ़ें…

इंदौर-मनमाड़ के बीच 309 किलोमीटर नई लंबी रेल लाइन डाली जाएगी। इसकी घोषणा सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद कर दी गई। यह रेल लाइन मध्यप्रदेश के 4 और महाराष्ट्र के 2 जिलों से होकर गुजरेगी। 30 लाख की आबादी आजादी के बाद पहली बार अपने क्षेत्र में ट्रेन देख सकेगी।

मध्य प्रदेश के तीन जिले धार और बड़वानी ट्रेन रूट से पूरी तरह कटे हुए हैं। यह रूट आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे के पेरैलल कुछ दूरी से घुमाकर निकाला जाएगा। प्रोजेक्ट पर कुल 18,036 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2029 की डेडलाइन तय की है। प्रोजेक्ट पूरा होने पर 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। नए प्रोजेक्ट के तहत 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे।

नई लाइन की 5 बड़ी बातें

  1. महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आने वाले महाराष्ट्र, दक्षिण और निमाड़ के लोगों के लिए सीधी ट्रेन कनेक्टिविटी।
  2. नासिक के प्याज और अंगूर जैसे उत्पाद सीधे इंदौर आ सकेंगे। निमाड़ की मक्का और ज्वार का ट्रांसपोर्टेशन आसान।
  3. इंदौर या उज्जैन से मुंबई जाने के लिए करीब 200 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
  4. धार, खरगोन, बड़वानी, नासिक, धुले की 30 लाख आबादी पहली बार ट्रेन से सीधी जुड़ जाएगी।
  5. पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया के सीधे मुंबई से जुड़ने से यहां की बड़ी कंपनियों को बाय रोड ट्रांसपोर्टेशन नहीं करना पड़ेगा।

इंदौर से सीधे महाराष्ट्र की तरफ जाने के लिए रेलवे लाइन नहीं

इंदौर से मुंबई की सीधी कनेक्टिविटी इस नई लाइन से पहली बार हो सकेगी। अभी तक इंदौर से मुंबई के लिए सीधा कोई रूट नहीं है। अभी मुंबई जाने के लिए खंडवा या फिर भोपाल होते हुए जाना पड़ता है। इंदौर से सनावद, ओंकारेश्वर पुरानी लाइन थी जो नवीनीकरण के कारण बंद पड़ी है। अभी यहां केवल पातालपानी टूरिस्ट ट्रेन चल पा रही है। बाकी पूरा रूट बंद है।

धार जिले में यह तीसरी तो बड़वानी में पहली लाइन होगी

इस लाइन का सीधा फायदा इंदौर संभाग के तीन बड़े आदिवासी बहुल जिलों को होगा। बड़वानी ऐसा जिला है, जहां से कोई ट्रेन नहीं गुजरती, न कहीं लाइन है। धार जिले में दाहोद-इंदौर लाइन का काम चल रहा है। इसके अलावा छोटा उदयपुर लाइन भी प्रस्तावित हुई थी। अब मनमाड़ की नई लाइन धार जिले से होकर जाने पर धार जिले में यह तीसरा रेल प्रोजेक्ट होगा। अभी इन दोनों जिलों में केवल बस या निजी वाहन ही एक से दूसरे शहर जाने के लिए साधन मौजूद हैं।

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