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कोलकाता रेप-मर्डर, डॉक्टरों के प्रदर्शन का 25वां दिन:पूर्व प्रिंसिपल अलीपुर कोर्ट में पेश; डॉक्टरों का 22 सदस्यीय दल पुलिस कमिश्नर से मिलेगा

कोलकाता रेप-मर्डर, डॉक्टरों के प्रदर्शन का 25वां दिन:पूर्व प्रिंसिपल अलीपुर कोर्ट में पेश; डॉक्टरों का 22 सदस्यीय दल पुलिस कमिश्नर से मिलेगा

कोलकाता30 मिनट पहले
आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य तीन लोगों को भ्रष्टाचार मामले में 2 सिंतबर को गिरफ्तार किया गया था।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ 8-9 अगस्त की रात रेप-मर्डर केस में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन 25वें दिन भी जारी है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मंगलवार को पुलिस हेडक्वॉर्टर के बाहर धरना दिया। वे पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

डॉक्टरों ने आम लोगों के साथ सोमवार को 2 सितंबर को पुलिस हेडक्वॉर्टर लालबाजार तक रैली निकाली थी। पुलिस ने हेडक्वॉर्टर से आधा किमी पहले बीबी गांगुली स्ट्रीट पर ही बैरिकेडिंग लगाकर सभी को रोका था।

सोमवार से ही सभी वहीं बैठे हुए हैं। रातभर प्रदर्शन किया गया। डॉक्टरों ने पुलिस बैरिकेड पर रीढ़ की हड्डी और लाल गुलाब लगा दिए। उनका कहना था इससे पुलिस काे जनता के लिए उसका फर्ज याद दिलाने की कोशिश की गई है।

आज पुलिस ने जूनियर डॉक्टरों की मांग को माना और बैरिकेड्स हटाने को राजी हुई। साथ ही ट्रैफिक के जॉइंट कमिश्नर ने डॉक्टरों को बेंटिक स्ट्रीट जाने की परमिशन दी। अब डॉक्टरों का 22 सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी मांगें रखेगा।

इधर, CBI आज आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य लोगों को CBI अलीपुर जजेज कोर्ट में पेश करेगी। इन सभी को अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।

डॉक्टर्स के प्रदर्शन की तस्वीरें…

अलीपुर जजेज कोर्ट में वकीलों ने आरजी कर की पीड़ित के लिए न्याय और संदीप घोष को फांसी देने की मांग की।
डॉक्टरों ने पुलिस की लगाई बैरिकेडिंग पर रीढ़ की हड्‌डी का मॉडल और गुलाब के फूल लगाए।
तस्वीर बीबी गांगुली स्ट्रीट की है, जहां डॉक्टर्स 2 सितंबर की शाम से धरने पर बैठे हैं।
जूनियर डॉक्टर्स और आम लोगों ने 2 सितंबर को दोपहर 2 बजे से विरोध मार्च शुरू किया था।
पुलिस ने डॉक्टर्स को बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रोक दिया। यहां से पुलिस हेडक्वॉर्टर आधा किमी दूर है।
पुलिस ने डॉक्टर्स को रोकने के लिए हेडक्वॉर्टर्स की तरफ डबल लेयर में बैरिकेडिंग की है।
डॉक्टर्स अपने साथ बैनर-पोस्टर, तख्तियां लाए हैं, जिनमें विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग की गई है।

डॉक्टर बोले- पुलिस हमसे डरी हुई है
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने रेप-मर्डर केस की जांच में शुरू से ही लापरवाही की है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर गोयल की तस्वीरें हाथ में लेकर उन्के इस्तीफे की मांग की। बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रोके जाने के बाद डॉक्टरों ने पुलिस कमिश्नर का पुतला भी जलाया।

धरने पर बैठे एक डॉक्टर ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा- हमें नहीं पता था कि कोलकाता पुलिस हमसे इतनी डरी हुई है कि हमें रोकने के लिए 9 फीट ऊंचा बैरिकेड लगा देगी। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें लालबाजार पहुंचने और कमिश्नर से मिलने की परमिशन नहीं दी जाती। हम तब तक यहीं बैठे रहेंगे।

डॉक्टरों ने BJP सांसद के खिलाफ गो बैक के नारे लगाए
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और मौजूदा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय सोमवार को प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने के लिए विरोध स्थल पर पहुंचे। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें देखकर हंगामा कर दिया। साथ ही गो बैक के नारे लगाए।

इस पर भाजपा सांसद ने कहा कि उन लोगों ने मुझे गलत समझा है, मैं यहां आम नागरिक के रूप में उनका साथ देने के लिए आया हूं। मैं उनके खिलाफ नहीं हूं। गंगोपाध्याय ने पुलिस कमिश्नर से भी डॉक्टरों से मिलने की अपील की। उन्होंने कहा- कमिश्नर क्यों नहीं आ रहे। वे डॉक्टर हैं, गुंडे नहीं हैं।

कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और मौजूदा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय सोमवार रात डॉक्टरों के प्रदर्शन में पहुंचे थे, लेकिन वहां उनका जमकर विरोध हुआ।

डॉक्टरों को कसाई कहने पर TMC विधायक के खिलाफ केस दर्ज
दूसरी तरफ, डॉक्टरों पर टिप्पणी करने के मामले में TMC विधायक लवली मैत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। TMC विधायक ने डॉक्टरों की तुलना कसाई से की थी।

TMC विधायक लवली मैत्रा ने कहा था, ‘विरोध के नाम पर डॉक्टर कसाई बन रहे हैं। गरीब और वंचित लोग बंगाल के दूरदराज इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों से सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं। जो लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने में असमर्थ हैं, वे परेशान हैं। उनका इलाज नहीं हो रहा है। क्या वे (डॉक्टर) इंसान हैं? क्या यह इंसानियत है?’

अभिषेक बनर्जी ने पार्टी नेताओं को बयानबाजी से बचने को कहा
सूत्रों के अनुसार, TMC ने अपने नेताओं को इस तरह के बयान देने से मना किया है। TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने भी अपने पार्टी नेताओं को इससे बचने की चेतावनी दी है।

उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा, ‘मैं TMC के सभी नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे मेडिकल बिरादरी या समाज के किसी भी व्यक्ति के बारे में बुरा न बोलें। सभी को विरोध करने और अपनी बात कहने का अधिकार है। यही बात पश्चिम बंगाल को अन्य भाजपा शासित राज्यों से अलग बनाती है।’

प्रदर्शनकारियों को धमकाने पर TMC नेता सस्पेंड
लवली मैत्रा से पहले TMC नेता आतिश सरकार का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारियों को धमकी दी थी। वीडियो में सरकार ने कहा, ‘मैं तुम्हारी मां-बहनों की अश्लील तस्वीर बनाकर तुम्हारे घर के दरवाजे पर टांग दूंगा। तुम अपने घर से बाहर नहीं निकल पाओगे। सावधान रहो, TMC के लोग सड़कों पर हैं।’ TMC ने आतिश सरकार को एक साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।

ममता बोलीं- डॉक्टर्स के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला, उन्हें कभी नहीं धमकाया

ममता ने हाल ही में विरोध-प्रदर्शनों के खिलाफ भाषण दिया था, जिसके बाद उनकी भी काफी आलोचना हुई थी। बाद में ममता को सफाई भी देनी पड़ी थी। दरअसल, 28 अगस्त को ममता ने भाजपा के 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ के दिन भाषण दिया था।

ममता ने कहा था-

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारों के पास एक्शन लेने का अधिकार है। अगर मैंने किसी स्टूडेंट के खिलाफ FIR दर्ज की, तो उसका करियर बर्बाद हो जाएगा। उसको पासपोर्ट, वीजा नहीं मिलेगा। हमने आज तक आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। मुझे पता है कि आपकी शिकायतें और मांगें हैं। आप न्याय चाहते हैं, लेकिन अब आपको धीरे-धीरे काम पर वापस लौटने की जरूरत है।

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भाजपा ने आरोप लगाया कि ममता डॉक्टरों को धमका रही हैं। ममता ने भाषण के अगले दिन ही X पर पोस्ट में लिखा-

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मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैंने मेडिकल छात्रों और उनके अभियान के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। कुछ लोग मुझ पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं। ये झूठ है। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं। उनका प्रदर्शन सही है।

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सुप्रीम कोर्ट ने भी पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया था
सुप्रीम कोर्ट में 20 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान CBI ने कहा था- क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया था। उन्होंने कहा था- जांच में ऐसी लापरवाही मैंने अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।

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