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केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर की सेवा समाप्त की:फर्जी सर्टिफिकेट का मामला; पूर्व ट्रेनी IAS बोली थीं- UPSC को मुझे हटाने का अधिकार नहीं

केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर की सेवा समाप्त की:फर्जी सर्टिफिकेट का मामला; पूर्व ट्रेनी IAS बोली थीं- UPSC को मुझे हटाने का अधिकार नहीं

नई दिल्ली6 मिनट पहले
28 अगस्त की सुनवाई में पूजा ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि UPSC के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है।

केंद्र सरकार ने शनिवार (7 सितंबर) को पूर्व ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया। उनके खिलाफ ये एक्शन IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत लिया गया है।

पूजा 2023 बैच की ट्रेनी IAS थीं। उन्हें CSE-2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने रिजर्वेशन का फायदा उठाने के लिए सिविल सर्विस एग्जाम 2022 में खुद से जुड़ी गलत जानकारी दी थी।

UPSC ने अपनी जांच में पूजा को दोषी पाया था। इसके बाद 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द कर दिया गया। पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था। सिलेक्शन रद्द होने के बाद पूजा का पद छिन गया। उन पर भविष्य में UPSC का कोई भी एग्जाम देने पर रोक लग गई है।

5 सितंबर: पूजा बोलीं- मैं AIIMS में जांच कराने को तैयार पूजा खेडकर की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। पूजा ने कोर्ट से कहा था कि वो अपनी विकलांगता की जांच AIIMS में कराने को तैयार हैं। 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि पूजा की तरफ से UPSC में जमा कराए गए दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट में से एक फर्जी होने का शक है।

इस पर पूजा ने कहा कि मैं अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हूं। पहले इन्होंने कहा कि मैंने अपना नाम बदलकर एग्जाम दिया। अब ये कह रहे हैं कि मेरी विकलांगता पर भी संदेह है। ऐसा है तो मैं AIIMS जाने को तैयार हूं।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि पुलिस ने मामले में और जांच करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है, इसलिए मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। तब तक खेडकर को गिरफ्तारी से मिली राहत जारी रहेगी। पूरी खबर पढ़ें…

4 सितंबर: पुलिस ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार (4 सितंबर) को नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी। इसमें बताया था कि हमने UPSC की तरफ से जमा कराए गए डॉक्यूमेंट की जांच की।

इसमें सामने आया कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विसेज एक्जामिनेशन- 2022 और 2023 के दौरान दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (मल्टीपल डिसेबिलिटी) जमा कराए थे, जो उनके (पूजा के) मुताबिक महाराष्ट्र के अहमदनगर की मेडिकल अथॉरिटी की तरफ से जारी किए गए थे।

पुलिस ने अहमदनगर मेडिकल अथॉरिटी ने इन दोनों सर्टिफिकेट की जांच कराई। ​​​​​अथॉरिटी ने बताया- ‘हमारे सिविल सर्जन के ऑफिस रिकॉर्ड के मुताबिक डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (मल्टीपल डिसेबिलिटी) नंबर MH2610119900342407 को इस अथॉरिटी ने जारी नहीं किया। लिहाजा इस बात की संभावना है कि इस डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को जाली तरीके से बनाया गया है।’

31 जुलाई: UPSC ने 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द किया UPSC ने 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द किया था और भविष्य में कोई एग्जाम देने पर भी रोक लगाई थी। UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को CSE-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया था। आयोग ने दिल्ली पुलिस में केस भी दर्ज कराया था।

इस सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व IAS अफसर पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि दिल्ली पुलिस इस मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करना चाहती है, इसलिए खेडकर की अंतरिम जमानत याचिका की सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए टाली जाती है।

30 जुलाई: पूजा ने हाईकोर्ट को बताया- मैं 47% दिव्यांग हूं 30 अगस्त को पूजा ने दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था कि था कि UPSC की परीक्षा में आरक्षण के लिए कैंडिडेट का 40% दिव्यांग होना जरूरी है। मैं 47% दिव्यांग हूं। इसलिए UPSC परीक्षा में मेरे सिर्फ ​​दिव्यांग कैटेगरी वाले अटेम्प्टस को गिना जाए।

उन्होंने कहा था कि उनके पास महाराष्ट्र के हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट है, जिसमें उन्हें ओल्ड ACL (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) के फटने और बाएं घुटने में अस्थिरता की पुष्टि की गई है। पूजा ने बताया कि उन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जाम के 12 अटेम्प्ट्स दिए हैं। इनमें 7 अटेम्प्ट्स जनरल कैटेगरी से दिए हैं। पूजा ने जनरल कैटेगरी के सातों अटेम्प्ट्स नजरअंदाज करने की अपील की।

28 अगस्त: UPSC के पास मेरे खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं पूजा ने 28 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि UPSC के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। पूजा ने कहा कि UPSC ने 2019, 2021 और 2022 के पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान कलेक्ट किए बायोमेट्रिक डेटा (सिर और उंगलियों के निशान) के जरिए मेरी पहचान वैरिफाई की है। मेरे सारे डॉक्यूमेंट को 26 मई 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट में आयोग ने वैरिफाई किया था। पूरी खबर पढ़ें…

पूजा के विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े विवाद

  • विकलांगता सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर का एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे’ लिखा गया था। जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है। पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
  • सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था।
  • विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे।
  • पूजा ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बनी रिपोर्ट को UPSC में जमा कर दिया।
  • यशवंत राव चह्वाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल ने साफ कर दिया है कि पूजा खेडकर का लोकोमीटर सर्टिफिकेट बनाने में कोई गलती नहीं हुई। सर्टिफिकेट में पूजा को 7% लोकोमीटर डिसेबिलिटी बताई गई थी। अस्पताल को पिंपरी चिंचवाड नगर निगम संचालित करता है।
  • पूजा ने UPSC को दिए एक हलफनामे में दावा किया था कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें देखने में भी दिक्कत होती है। पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से 6 बार मना किया था, जबकि मेडिकल टेस्ट देना जरूरी होता है।
  • कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था। उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था।

UPSC के एक्शन के खिलाफ पूजा की 4 दलीलें

  • अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1954 और प्रशिक्षु नियमों के तहत कार्रवाई केवल DoPT (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) ही कर सकता है, जो CSE 2022 नियमों के नियम 19 के अनुसार है।
  • साल 2012 से 2022 तक उनके नाम या फिर सरनेम में कोई बदलाव नहीं हुआ है और न ही UPSC को उन्होंने अपने बारे में कोई गलत जानकारी उपलब्ध कराई है।
  • UPSC ने बायोमेट्रिक डेटा के जरिए पहचान वेरिफाई की थी। आयोग ने किसी भी डॉक्यूमेंट को डुप्लीकेट या फर्जी नहीं पाया है।
  • शैक्षणिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जन्मतिथि और व्यक्तिगत जानकारी सहित अन्य सारा डेटा डिटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) में सही बने हुए हैं।

UPSC ने बताया था- पूजा को 2 बार समय दिया, लेकिन जवाब नहीं आया

  • पूजा ने रूल्स तोड़े: UPSC ने बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
  • 15,000 डेटा की जांच की, यह पता नहीं चला कि पूजा ने कितने अटेम्प्ट्स दिए: खेडकर के केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे। मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था। उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम, बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।

लाल बत्ती लगी ऑडी कार से ऑफिस आतीं, सीनियर अफसर को धमकातीं पूजा पुणे में ट्रेनी अफसर की ट्रेनिंग ले रही थीं। इस दौरान उन पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायत भी सामने आई। वे अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई।

पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था। इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई तो कई खुलासे हुए।

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