असम में अब सभी नए आधार कार्ड आवेदकों को अपने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) आवेदन की रसीद नंबर जमा करनी होगी। यह घोषणा शनिवार (7 सितंबर) को मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने की है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस कदम से अवैध घुसपैठियों को रोकने में मदद मिलेगी।
राज्य में 1 अक्टूबर से नई प्रक्रिया लागू की जाएगी। इसमें चाय बागान क्षेत्रों को छूट मिलेगी। हालांकि, जिन 9.55 लाख लोगों की बायोमेट्रिक जानकारी NRC प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दी गई थी, उन्हें इस नियम से नहीं गुजरना पड़ेगा।
CM ने बताया कि धुबरी जिले में आबादी से ज्यादा आधार कार्ड जारी किए गए थे। ऐसे में आशंका है कि कुछ संदिग्ध लोगों को भी आधार कार्ड मिला हो। इसी के बाद यह कदम उठाया गया है।
असम में इस साल 54 अवैध प्रवासियों मिले जनवरी 2024 से अब तक राज्य में 54 अवैध प्रवासियों की पहचान की गई है, जिनमें से अधिकांश करिमगंज, बोंगाईगांव, हाफलोंग और धुबरी जिलों में पाए गए हैं। इनमें से 45 लोगों को उनके देश वापस भेज दिया गया है, जबकि 9 को करिमगंज में गिरफ्तार किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से हो रहे अवैध प्रवास को रोकने के लिए पुलिस और BSF को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत सीमा से लगे जिलों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की जाएगी। साथ ही सीमा चौकियों पर गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
स्थानीय लोगों को भी जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी दे सकें।
असम में 43 साल में पकड़े गए 47,900 विदेशी घुसपैठिए असम में सीमा पार से घुसपैठियों कि संख्या लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार ने 22 अगस्त को कहा कि 1971 से 2014 तक राज्य में 47,900 से ज्यादा विदेशी पकड़े गए। सीएम सरमा ने बताया कि पकड़े गए विदेशियों में 27,309 मुस्लिम, 20,613 हिंदू और छह अन्य धर्मों के थे। कछार में सबसे अधिक विदेशी पकड़े गए।
CM सरमा बोले- असम की संस्कृति को बचाया जाएगा असम में बांग्लादेश के रास्ते होने वाली घुसपैठ बड़ा मुद्दा है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य की 72% जनसंख्या असमिया भाषी है, जबकि 28% बांग्ला बोलते हैं। असम सरकार ने प्रदेश में बाहरी घुसपैठ और असम की संस्कृति को बचाने को लेकर आश्वासन भी दिया है।