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विनेश फोगाट-दीपक हुड्‌डा, राव के लिए आसान नहीं राजनीतिक दंगल:2019 में 2 रेसलर हार चुके; हॉकी कैप्टन जीते लेकिन यौन शोषण केस में फंसे

विनेश फोगाट-दीपक हुड्‌डा, राव के लिए आसान नहीं राजनीतिक दंगल:2019 में 2 रेसलर हार चुके; हॉकी कैप्टन जीते लेकिन यौन शोषण केस में फंसे

पानीपत5 मिनट पहले

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनाव में 2019 की तरह कुछ खिलाड़ी भी लड़ रहे हैं। इनमें भाजपा की पहली लिस्ट में महम से कबड्‌डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा और शूटिंग प्लेयर आरती राव का नाम है। वहीं कांग्रेस ने पहलवान विनेश फोगाट को जुलाना से मैदान में उतारा है।

इसके अलावा पहलवान योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट, बॉक्सर विजेंद्र और महिला बॉक्सर स्वीटी बूरा ने भी दावेदारी ठोकी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।

हरियाणा चुनाव के आंकड़े खिलाड़ियों के मामले में काफी दिलचस्प हैं। हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए राजनीतिक दंगल बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। ग्राउंड से विधानसभा तक पहुंचने का सपना तो कई खिलाड़ियों ने देखा, लेकिन सफल केवल हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह हो पाए। हालांकि वे भी मंत्री रहते जूनियर महिला कोच के यौन शोषण केस में फंसकर पहले मंत्री पद और अब सीट भी गंवा बैठे।

अभी तक इन तीन खिलाड़ियों को मिल चुका टिकट

विनेश फोगाट: पहलवानों के परिवार से देश-दुनिया में प्रसिद्धि पाने वाली हरियाणा की धाकड़ पहलवान विनेश फोगाट ने अब कांग्रेस जॉइन कर ली। इतना ही नहीं, इसके 7 घंटे के भीतर पार्टी ने उन्हें टिकट देकर जुलाना विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। जुलाना, विनेश की ससुराल है। ये ही विनेश की सबसे बड़ी मजबूती भी है। दूसरा वह प्रदेश का बड़ा जाट चेहरा बन चुकी हैं। जिन्हें खाप पंचायतों और किसान-मजदूर वर्ग ने भी यौन शोषण के खिलाफ आंदोलन से लेकर पेरिस ओलिंपिक में डिसक्वालिफाई होने के बाद सम्मानित किया।

दीपक निवास हुड्डा: भारतीय कबड्‌डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक निवास हुड्‌डा को ‌BJP ने महम विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। अपने करियर का पहला चुनाव लड़ रहे दीपक हुड्डा का महम के लोगों ने विरोध भी किया है। महम विधानसभा से एक साथ कई भाजपा नेताओं ने इसके खिलाफ अपना सामूहिक इस्तीफा दिया है। नेताओं ने कहा कि दीपक हुड्‌डा को टिकट देना गलत है। अगर कोई महम का उम्मीदवार होता तो अच्छा होता, लेकिन बाहरी उम्मीदवार को टिकट देना सही नहीं है। जिसके कारण यह फैसला लिया गया है।

10 अप्रैल 1994 को हरियाणा के रोहतक में जन्मे दीपक ने छोटी उम्र में ही कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें प्यार से डुबकी किंग कहा जाता है। दीपक भारत की राष्ट्रीय कबड्डी टीम की कप्तानी कर चुके हैं। वह 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्होंने प्रो कबड्डी लीग के सभी सीजन में भी हिस्सा लिया है।

दीपक हुड्‌डा ने पंच क्वीन कही जाने वाली इंटरनेशनल वर्ल्ड चैंपियन बॉक्सर स्वीटी बूरा से शादी की है।

आरती राव: महेंद्रगढ़ में अटेली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को टिकट दिया है। हालांकि उन्हें टिकट दिए जाने का क्षेत्र में विरोध भी हो रहा है। उन्हें बाहरी होने का टैग देकर स्थानीय नेता को ही टिकट दिए जाने की मांग उठी है।

आरती ने वर्ष 2005 में एशियन शूटिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था, जबकि वर्ष 2010 में उन्होंने कॉमनवेल्थ खेलों में रजत पदक हासिल किया। IASF की कई अहम प्रतियोगिताओं में आरती जलवा दिखा चुकी हैं। आरती को वर्ष 2003-04 में दिल्ली सरकार की तरफ से राजीव गांधी राज्य खेल पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया जा चुका है। स्कीट प्रतियोगिता में 15 बार राष्ट्रीय खिताब जीतने का रिकॉर्ड आरती राव के नाम पर ही है।

2019 में कितने खिलाड़ियों ने चुनाव लड़ा था? पिछले हरियाणा विधानसभा चुनाव में तीन खिलाड़ियों ने अपनी सियासी किस्मत आजमाई थी। इनमें पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त और हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह थे। तीनों में से केवल संदीप को ही जीत मिली थी। वहीं बबीता और योगेश्वर हरियाणा चुनाव 2019 में हार गए थे। तीनों खिलाड़ी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। तीनों ही 21 अक्तूबर को हुए चुनाव से कुछ सप्ताह पहले सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हुए थे।

शुक्रवार (6 सितंबर) को विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद विनेश को जुलाना से उम्मीदवार बनाया गया।

योगेश्वर दत्त: ओलिंपिक पदक विजेता और पद्मश्री से सम्मानित योगेश्वर दत्त ने सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। 2012 लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर को कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा के सामने हार का सामना करना पड़ा था। योगेश्वर यह चुनाव 4,840 मतों के अंतर से हार गए थे। ओलिंपियन योगेश्वर दत्त हरियाणा सरकार में DSP पद से त्यागपत्र देकर बरोदा विधानसभा हलके से राजनीति के अखाड़े में उतरे थे।

बबीता फोगाट: 2019 विधानसभा चुनाव में हरियाणा की चरखी दादरी जिले की दादरी विधानसभा सीट से BJP के टिकट पर बबीता चुनाव में उतरी थीं। कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली बबीता फोगाट को अपनी पहली सियासी टक्कर में हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सोमवीर सांगवान ने बबीता फोगाट को 14,272 मतों के अंतर से हराया था। सोमवीर इस सीट से 2019 में BJP के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वे INLD के राजदीप फोगाट से मात्र 1600 वोटों से हार गए थे।

संदीप सिंह: साल 2019 में चुनाव लड़ने वाले तीन खिलाड़ियों में से केवल संदीप सिंह को ही जीत मिली थी। वह कुरुक्षेत्र जिले की पिहोवा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। संदीप सिंह ने कांग्रेस के मंदीप सिंह चिट्ठा को 5,314 मतों से हराया था। चुनाव में जीत के बाद उन्हें मनोहर लाल वाली सरकार में खेल मंत्री बनाया गया।

बाद में संदीप तब विवादों में फंस गए जब हरियाणा के एक जूनियर एथलेटिक्स कोच ने करीब दो साल पुराने मामले में उनके खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद संदीप ने खेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। चंडीगढ़ की एक अदालत ने इसी साल जुलाई के आखिर में संदीप के खिलाफ जूनियर महिला कोच द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप भी तय किए।

ये खिलाड़ी भी आजमा चुके भाग्य

रणबीर सिंह महेंद्रा: इन तीनों खिलाड़ियों के अलावा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष रणबीर सिंह महेंद्रा ने भी सियासी भाग्य आजमाया था। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चरखी दादरी जिले की बाढड़ा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि रणबीर सिंह महेंद्रा को जननायक जनता पार्टी की उम्मीदवार नैना चौटाला के हाथों 13,704 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।

पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा: अपने जमाने में क्रिकेट के बड़े खिलाड़ी हुआ करते थे। पंजाब और हरियाणा की तरफ से 25 रणजी ट्राफी मैच खेले। बाद में क्रिकेट ग्राउंड से राजनीति के मैदान में उतरे तो यहां भी पहले ही झटके में पास हो गए। कृष्णमूर्ति हुड्डा का 1965 से लेकर 1976 तक क्रिकेट करियर रहा।

इस दौरान उन्होंने तीन शतक भी बनाए थे। एक शतक तो हरियाणा की तरफ से खेलते हुए इंदौर में मध्यप्रदेश के खिलाफ जड़ा था। वह क्वार्टर फाइनल का बड़ा महत्वपूर्ण मैच था। कृष्णमूर्ति हुड्डा ने बताया कि BCCI की तरफ से उनको रणजी ट्राफी मैच खेलने पर पेंशन भी मिलती है। 1991 में किलोई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और विधायक व सरकार में मंत्री बने।

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