महाराष्ट्र के डिप्टी CM और NCP अध्यक्ष अजित पवार ने पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़वाने पर एक बार फिर अपनी गलती मानी है। उन्होंने कहा कि हमारा समाज परिवार में लड़ाई को पसंद नहीं करता है।
अजित गढ़चिरौली में शनिवार (7 सितंबर) को एक जनसम्मान रैली को संबोधित कर रहे थे। इसमें उन्होंने कहा- परिवार में फूट डालने की गलती नहीं करनी चाहिए। मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है। मैंने भूल स्वीकारी है।
अजित ने एक महीने के भीतर दूसरी बार अपनी बात दोहराई है। उन्होंने इससे पहले 13 अगस्त को एक मराठी न्यूज चैनल को इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति को घर में घुसने नहीं देना चाहिए। मेरा अपनी पत्नी को बहन के खिलाफ चुनाव लड़ाने का फैसला गलत था।
अजित ने विधायक की बेटी को बगावत से रोकने की कोशिश की अजित ने गढ़चिरौली में भाषण के जरिए NCP नेता राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम की बेटी भाग्यश्री को NCP (शरद गुट) में जाने से रोकने की कोशिश की।
दरअसल, आगामी विधानसभा चुनाव में भाग्यश्री के अहेरी विधानसभा सीट से NCP (शरद गुट) के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकले हैं। ऐसा हुआ तो वो अपने पिता के खिलाफ ही चुनाव लड़ेंगी।
धर्मराव बाबा आत्राम 2019 से अहेरी के विधायक हैं। जुलाई 2023 में जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की थी, तो उनका साथ देने वालों विधायकों में धर्मराव बाबा भी थे। तब NCP दो खेमे में बंट गई थी।
अजित NCP (अविभाजित) के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया था।
अजित बोले- बेटी को पिता से ज्यादा प्यार कोई नहीं कर सकता अजित ने धर्मराव बाबा की बेटी से कहा- बेटी को उसके पिता से ज्यादा कोई प्यार नहीं कर सकता। आत्रम ने भाग्यश्री को जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया। अब वे अपने ही पिता के खिलाफ लड़ने के लिए तैयारी कर रही हैं। उन्हें अपने पिता का साथ देना चाहिए। उन्हें जीतने में मदद करनी चाहिए। एक बाप अपनी बेटी को जितना प्यार करता है, उतना कोई नहीं कर सकता।
लोकसभा चुनाव में NCP सिर्फ 1 सीट जीती महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार में भाजपा के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की वाली NCP शामिल है। लोकसभा चुनाव 2024 में महायुति को 48 में से सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली। इसमें भाजपा ने 9 सीटें जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों और अजित गुट की NCP को एक सीट पर जीत मिली।
इसके उलट, महाविकास अघाड़ी (MVA) में शामिल कांग्रेस को 13, शिवसेना (उद्धव गुट) को 9 और शरद पवार की NCP को 8 सीटों पर जीत मिली। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई।
नवंबर 2024 को बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार का कार्यकाल खत्म होगा
- महाराष्ट्र में इस वक्त बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) की सरकार है। इसका कार्यकाल नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। अक्टूबर 2024 में चुनाव हो सकते हैं। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी।
- मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में बात नहीं बन पाई। 56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।
- मई 2022 महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी। वह बीजेपी के साथ मिल गए। 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
अजित की बगावत, पांचवी बार डिप्टी सीएम बने
- अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया।
- अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।
- चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को कहा था कि अजित पवार गुट ही असली NCP है। आयोग ने कहा था विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न (एनालॉग घड़ी) हासिल करने में मदद की।