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लखनऊ बिल्डिंग हादसा…माइक से आवाज लगाई- कोई अंदर तो नहीं:डिटेक्टिव डॉग से सर्चिंग; 8 मौत, 27 घायल; योगी ने जांच कमेटी बनाई

लखनऊ में शनिवार शाम को हुए बिल्डिंग हादसे में 22 घंटे बाद भी रेस्क्यू चल रहा है। टीम स्निफर डॉग की मदद से मलबे में तलाश कर रही है कि कहीं कोई और तो नहीं दबा है। हालांकि, अब किसी के लापता होने की जानकारी नहीं है। न ही किसी के परिजन तलाश करते हुए ट्रांसपोर्ट नगर आए हैं।

हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 27 घायल हैं। इधर, रविवार को सीएम योगी लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की। राज्य सरकार के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार का मुआवजा देने का ऐलान किया है।

SDRF-NDRF के 100 से अधिक जवान ऑपरेशन में लगे हैं। रविवार को बारिश के चलते कई बार रेस्क्यू रोकना पड़ा। मलबा इतना ज्यादा था कि बगल की बिल्डिंग की दीवार कटर से काटकर रास्ता बनाया गया, तब टीम अंदर घुस पाई।

हादसे के दौरान तेज बारिश हो रही थी। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने तुरंत राहत बचाव कार्य शुरू किया।

शनिवार शाम ट्रांसपोर्ट नगर में 3 मंजिला बिल्डिंग (हरमिलाप टावर) भरभराकर गिर गई थी। मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर शवों को बाहर निकाला गया। शुरुआती जांच के मुताबिक, बिल्डिंग के बेसमेंट में काम चल रहा था। इसी वजह से हादसा हुआ।

पुलिस ने बिल्डिंग मालिक पर FIR दर्ज कराई है। कहा है कि बिल्डिंग बनाते वक्त घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ। इसे मालिक ने नजरअंदाज किया। इसके चलते बिल्डिंग 14 साल में जर्जर हो गई। बिल्डिंग के पहले, दूसरे और तीसरे तल के लिए 2010 में नक्शा पास कराया गया था।

मलबे में दबा व्यक्ति मौत और जिंदगी की लड़ाई लड़ रहा था, पुलिस ने देखते ही उसे बचा लिया।
बिल्डिंग के मलबे में कई गाड़ियां दब गई थीं, जिनको बाहर निकाला गया।

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