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नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ में आर्मी कैंप खोलने की तैयारी:बस्तर में पहली बार सेना बनाएगी बेस; शासन ने मांगी जमीन सर्वे की रिपोर्ट

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नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ में आर्मी कैंप खोलने की तैयारी:बस्तर में पहली बार सेना बनाएगी बेस; शासन ने मांगी जमीन सर्वे की रिपोर्ट

जगदलपुर6 घंटे पहलेलेखक: लोकेश शर्मा
नक्सलियों की राजधानी कहे जाने वाले अबूझमाड़ में इंडियन आर्मी का बेस कैंप खोला जा सकता है।

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में इंडियन आर्मी का कैंप खोलने की तैयारी है। यह पहली बार होगा, जब बस्तर में आर्मी अपना बेस कैंप खोलेगी। इसके लिए जमीन का सर्वे भी किया जा चुका है। अबूझमाड़ इलाके को नक्सलियों का सबसे मजबूत ठिकाना माना जाता है। करीब 10 साल पहले कोंडागांव में आर्मी जवानों की ट्रेनिंग हुई थी।

 एक पत्र मिला है। यह पत्र अवर सचिव उमेश कुमार पटेल ने नारायणपुर कलेक्टर को लिखा है। पत्र में थल सेना के कैंप से संबंधित जमीन की जानकारी मांगी गई है। लिखा है, नारायणपुर जिले के माड़ क्षेत्र में भूमि राजस्व सर्वेक्षण संबंधित जो कार्यवाही की गई है, उसकी तथ्यात्मक जानकारी दी जाए।

लेटर में किस जगह कैंप खुलेगा और उसके लिए कितनी हेक्टेयर जमीन लगेगी यह भी लिखा हुआ है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोकेशन की जानकारी और पत्र को प्रकाशित नहीं कर रहे हैं। (फाइल फोटो)

अभी तक बस्तर में पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान

बस्तर में अलग-अलग फोर्स के करीब 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। इनमें कांकेर में SSB, BSF, ITBP, नारायणपुर में ITBP, BSF, STF, कोंडागांव में ITBP, CRPF, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में STF, कोबरा, CRPF के जवान तैनात हैं। इसके अलावा सभी जिलों में DRG, जिला बल, बस्तर फाइटर्स, बस्तरिया बटालियन भी नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेती है।

पहले जानिए क्या अंतर है आर्मी और पैरा-मिलिट्री फोर्स में

अब जानिए क्या कहा था शाह ने

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त को छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने रायपुर में कहा था- ‘मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म कर देंगे। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत और रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए।’

शाह ने छत्तीसगढ़, ओडिशा समेत अन्य पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर स्ट्रैटजी भी बनाई थी। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभाव वाला सबसे ज्यादा और बड़ा क्षेत्र बस्तर है।

छत्तीसगढ़ पुलिस अब पहले के मुकाबले और एग्रेसिव ढंग से झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र पुलिस के साथ नक्सल ऑपरेशन करेगी। इसके निर्देश केंद्रीय गृहमंत्री ने दिए हैं। ये भी कहा गया है कि जॉइंट टास्क फोर्स (JTF) बनाई जाए। इसमें राज्य के अनुभवी अधिकारी और जवान होंगे।

आर्मी का कैंप क्यों?

बस्तर के अबूझमाड़ को नक्सलियों का अभेद किला कहा जाता है। यहीं पर थल सेना का बेस कैंप खोला जाएगा। नक्सलगढ़ में बेस कैंप स्थापित करने का आखिर क्या मकसद है? क्या बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए आर्मी की मदद ली जाएगी? इस बेस कैंप से आर्मी कैसे ऑपरेट होगी? यहां क्या काम करेगी? अब ये तमाम सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

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