शराब नीति मामले से जुड़े CBI केस में CM अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है। 3 सितंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेकर केजरीवाल को समन जारी किया था।
CBI ने अरविंद केजरीवाल, दुर्गेश पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर, सरथ रेड्डी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपियों को जवाब दाखिल करने के लिए 11 सितंबर तक का समय दिया था।
वहीं 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। केजरीवाल के वकील ने दलील दी कि केजरीवाल को इसलिए गिरफ्तार किया गया, ताकि वे जेल से बाहर ना आ सकें जबकि जमानत नियम और जेल अपवाद है।
CBI ने जवाब दिया कि केजरीवाल को जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए, सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आना चाहिए। अगर उन्हें जमानत मिली तो हाईकोर्ट को निराशा होगी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।0
चार्जशीट में केजरीवाल का नाम मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल CBI ने 30 जुलाई को चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें केजरीवाल को आरोपी बनाया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया गया कि केजरीवाल शराब नीति घोटाले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं। CBI को राउज एवेन्यू कोर्ट से 23 अगस्त को केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली थी।
CBI ने पांचवी और आखिरी चार्जशीट में कहा- केजरीवाल शुरू से आपराधिक साजिश में शामिल रहे इस केस में CBI ने 7 सितंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी पांचवी और आखिरी चार्जशीट दाखिल की। CBI ने कहा कि जांच पूरी हो गई है और इसमें सामने आया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने और उसे लागू करने की आपराधिक साजिश में शुरू से शामिल थे। वे पहले से ही शराब नीति के प्राइवेटाइजेशन का मन बना चुके थे।
चार्जशीट के मुताबिक, मार्च 2021 में जब तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शराब नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने कहा था कि पार्टी को पैसों की जरूरत है। उन्होंने अपने करीबी और AAP के मीडिया और संचार प्रभारी विजय नायर को फंड जुटाने का काम सौंपा था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
26 जून को CBI ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था शराब नीति केस में केजरीवाल के खिलाफ ED और CBI का केस चल रहा है। ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ED मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन CBI केस में वह जेल में बंद हैं। CBI ने 26 जून को शराब नीति केस में भ्रष्टाचार के आरोपों पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 अगस्त को केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही जमानत के लिए लोअर कोर्ट जाने को कहा था। केजरीवाल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। CBI केस में उनकी जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सुनवाई होगी।
केजरीवाल को 12 जुलाई को ED केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी सुप्रीम कोर्ट ने ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
जस्टिस खन्ना ने कहा था कि हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है। पूरी खबर पढ़ें…