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कोलकाता रेप-मर्डर, डॉक्टरों ने ममता से मिलने का समय मांगा:सरकार ने आज 6 बजे का टाइम दिया, कल ममता से मिलने नहीं गया था प्रतिनिधिमंडल

कोलकाता रेप-मर्डर, डॉक्टरों ने ममता से मिलने का समय मांगा:सरकार ने आज 6 बजे का टाइम दिया, कल ममता से मिलने नहीं गया था प्रतिनिधिमंडल

कोलकाता1 घंटे पहले
ट्रेनी-डॉक्टर से रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार देर रात विरोध किया। उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के इस्तीफे की मांग की।

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में हड़ताली जूनियर डॉक्टर्स बुधवार को सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक ईमेल भेजकर मिलने का समय मांगा।

डॉक्टरों की शर्त है कि पूरी मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए। बंगाल के चीफ सेक्रेटरी ने डॉक्टरों को आज शाम 6 बजे मुलाकात का टाइम दिया है। इसमें लाइव स्ट्रीमिंग का जिक्र नहीं है। पहले डॉक्टरों ने अपने डेलिगेशन से 30 लोगों के शामिल होने की बात कही थी, लेकिन सरकार के नए मेल में 12-15 लोगों के मिलने की इजाजत दी गई है।

CM ममता ने मंगलवार (10 सितंबर) को डॉक्टरों को मीटिंग के लिए सचिवालय बुलाया था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें मेल भेजा गया। ममता ने डॉक्टर्स का करीब 80 मिनट इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए। फिर ममता लौट गईं।

डॉक्टर्स ने मीटिंग में आने से इनकार करते हुए कहा- हम जिसका (राज्य स्वास्थ्य सचिव) इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर तक आंदोलन खत्म करने को कहा था

जूनियर डॉक्टर्स बुधवार (11 सितंबर) को लगातार दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।

कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन का आज 32वां दिन हैं। वे कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल, राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी, हेल्थ एजुकेशन डायरेक्टर (DHE) और हेल्थ सर्विसेज डायरेक्टर (DHS) को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को जूनियर डॉक्टरों को 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया था। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे।

आंदोलनकारी डॉक्टर्स मंगलवार (10 सितंबर) से स्वास्थ्य विभाग के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। कल पीड़ित के पेरेंट्स भी प्रदर्शन में पहुंचे। पीड़ित की मां ने कहा कि मेरे हजारों बच्चे सड़कों पर हैं। इसलिए मैं घर पर नहीं रह सकती थी। मुख्यमंत्री ने त्योहार में शामिल होने के लिए कहा था, अब यही मेरा त्योहार है।

मंगलवार (10 सितंबर) को हुए प्रदर्शन की तस्वीरें…

प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स ट्रेनी डॉक्टर के प्रतीक के तौर पर थर्माकोल से बना स्टेच्यू लेकर पहुंचे।
प्रदर्शन के दौरान जूनियर डॉक्टर्स अपने हाथ में झाड़ू और दिमाग का मॉडल लेकर चल रहे थे।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप पीड़ित को न्याय की मांग करते हुए बुजुर्ग महिलाओं ने भी प्रदर्शन किया।
स्वास्थ्य भवन पहुंचे डॉक्टर्स के हाथ में झाड़ू और चप्पल भी नजर आई।

बंगाल कैबिनेट का फैसला- 5 और POCSO कोर्ट खुलेंगे पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने राज्य में 5 और स्पेशल POCSO कोर्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद से ऐसे कोर्ट की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि 6 ई-पॉक्सो कोर्ट भी मामलों के जल्द निपटारे के लिए काम कर रहे हैं। उधर, एक सूत्र ने बताया कि बंगाल कैबिनेट में यह फैसला भी लिया गया है कि CM ममता के अलावा आरजी कर कॉलेज के मामले पर कोई भी मंत्री बयान नहीं देगा।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 51 डॉक्टरों से पूछताछ आज आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की इन्क्वायरी कमेटी ने मंगलवार को 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी करके बुधवार (11 सितंबर) को पूछताछ के लिए बुलाया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज में डर की संस्कृति को बढ़ावा दिया है और लोकतांत्रिक माहौल को खतरा पहुंचाया है। इन डॉक्टरों को अस्पताल प्रशासन के सामने अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी।

स्पेशल काउंसिल कमेटी ने फैसला लिया है कि इन 51 डॉक्टरों को कैंपस में तब तक नहीं आने दिया जाए, जब तक इन्क्वायरी कमेटी उनसे पूछताछ पूरी नहीं कर लेती।

काम पर क्यों नहीं लौटे, डॉक्टर्स ने 5 वजह बताईं सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर की सुनवाई में डॉक्टरों को 10 सितंबर शाम 5 बजे से पहले काम पर लौटने को कहा था। कोर्ट ने आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था। जूनियर डॉक्टर्स ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है, इसलिए वे काम पर नहीं लौटेंगे। इसलिए डेडलाइन खत्म होने के बाद भी उनका प्रदर्शन जारी रहा।

संदीप घोष की पत्नी ने बंगाल सरकार की मंजूरी के बिना खरीदी प्रॉपर्टी प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की पत्नी डॉ. संगीता ने पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी के बिना दो अचल संपत्तियां खरीदीं। ED ने 6 सितंबर को कोलकाता में घोष के 7 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान उसे डॉक्टर दंपती के लगभग आधा दर्जन घरों, फ्लैटों और एक फार्महाउस से जुड़े स्तावेज मिले हैं।

दिलचस्प बात यह है कि डॉ. संगीता घोष को 2021 में डॉ. संदीप घोष ने ही ये प्रॉपर्टी खरीदने के लिए परमिशन दी थी। तब संदीप घोष आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में और डॉ. संगीता घोष वहां सहायक प्रोफेसर थीं।

इधर, भ्रष्टाचार केस में अलीपुर कोर्ट ने संदीप घोष और उसके दो साथियों मेडिकल इक्विपमेंट्स सेलर बिप्लब सिंघा और फार्मेसी शॉप ओनर सुमन हजारा को 23 सितंबर तक ज्यूडीशियल कस्टडी में भेज दिया है।

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