हरियाणा कांग्रेस में चुनाव के बीच मची कलह को देखते हुए हाईकमान एक्टिव हो गया है। कांग्रेस ने चुनाव की देखरेख के लिए 3 ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिए हैं। इनमें राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, सीनियर कांग्रेस नेता अजय माकन और पंजाब विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से विपक्षी दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा शामिल हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हरियाणा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद गुटबाजी बढ़ गई है।
कांग्रेस ने इस बार हुड्डा पर भरोसा करते हुए उनके 60 से ज्यादा समर्थकों को टिकटें दी हैं। ऐसी सूरत में कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला गुट की नाराजगी कहीं पार्टी का नुकसान न करे, इसको लेकर हाईकमान नजर रखेगा। इसके अलावा भूपेंद्र हुड्डा गुट के सैलजा समर्थकों वाली सीटों पर भी कामकाज की निगरानी की जाएगी।
ये होंगे कमेटी के 3 काम
हरियाणा चुनाव को लेकर ऑल इंडिया कमेटी (AICC) के द्वारा गठित की गई 3 ऑब्जर्वर की कमेटी चुनाव के दौरान हर पहलू पर नजर रखेगी। कमेटी के 3 काम महत्वपूर्ण होंगे। पहला जिन सीटों पर बगावत हो रही है उन सीटों के बागी नेताओं से मुलाकात कर उन्हें मनाने की जिम्मेदारी होगी।
इसके साथ ही कमेटी यह भी तय करेगी कि कमजोर सीटें कौन-कौन सी हैं, उन्हें जीतने वाली सीटों की लिस्ट में शामिल करने के लिए क्या करने की जरूरत है।
तीसरा सबसे महत्वपूर्ण काम कमेटी का पार्टी के बड़े नेताओं के बीच चल रहे मतभेद को खत्म कराना होगा।
इसलिए हाईकमान ने लिया फैसला
हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान 2 विधानसभा और 3 लोकसभा चुनाव में उठाया है। लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। किरण अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गई है।
किरण चौधरी ने तो हुड्डा कैंप पर उनकी सियासी हत्या की साजिश रचने जैसे आरोप तक लगाए थे। गुरुग्राम, रेवाड़ी जिलों में लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव कांग्रेस का बड़ा चेहरा है मगर हुड्डा से उनकी कुछ खास नहीं बनती।
इसी तरह कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और चौधरी बीरेंद्र सिंह जैसे नेताओं की भूपेंद्र सिंह हुड्डा से दूरी बनाए रहते हैं।
कांग्रेस में सीएम फेस
1. इस बार विधानसभा सीटों के आवंटन में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की खूब चली है। यही वजह है कि पार्टी के 89 घोषित उम्मीदवारों में 72 हुड्डा गुट के प्रभाव वाले हैं। ऐसे में चुनाव होने के बाद पूर्व सीएम हुड्डा सीएम फेस के सबसे प्रवल दावेदार होंगे।
2. सीएम फेस की हुड्डा के अलावा कुमारी सैलजा भी दावेदार हैं। वह अपनी इस इच्छा को कई बार सार्वजनिक मंच पर भी साझा कर चुकी हैं। हालांकि इस बार के टिकट वितरण में कुमारी सैलजा समर्थित मात्र 12 उम्मीदवारों को ही टिकट मिल पाई है, ऐसे में सीएम फेस को लेकर उनका दावा हुड्डा के मुकाबले काफी कमजोर है।