2 दिन पहले जमानत पर जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वे 2 दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के दफ्तर में बोल रहे थे। उन्होंने कहा- भाजपा ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होगा। चुनाव तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया पर भी वही आरोप हैं, जो मुझ पर हैं। उनका भी यही सोचना है कि वे भी पद पर नहीं रहेंगे, चुनाव जीतने के बाद ही पद संभालेंगे।
केजरीवाल की स्पीच, 4 मैसेज 1. भगत सिंह की किताब लेकर पहुंचे: केजरीवाल सभा में भगत सिंह की जेल में लिखी किताब “भगत सिंह की जेल डायरी” लेकर पहुंचे। कहा कि भगत सिंह के खत अंग्रेज बाहर ले जाते थे। मैं जेल में था, मेरी चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे धमकाया गया कि दोबारा ऐसा ना करूं।”
2. खुद को क्रांतिकारी मुख्यमंत्री कहा: केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह के बाद, 90-95 साल बाद आजाद भारत में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। 15 अगस्त से 3 दिन पहले एलजी से कहा था कि मेरी जगह आतिशी को तिरंगा फहराने दिया जाए। चिट्ठी एलजी तक नहीं गई।
3. माता सीता की तरह मेरी अग्निपरीक्षा: दिल्ली सीएम ने कहा कि जब 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो माता सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं अग्निपरीक्षा दूंगा।
4. दिल्ली विधानसभा चुनाव नवंबर में हो: केजरीवाल बोले- फरवरी में चुनाव हैं, मैं मांग करता हूं कि चुनाव नवंबर में कराए जाएं। महाराष्ट्र के साथ चुनाव हों। आपका फैसला आने तक मैं जिम्मेदारी नहीं संभालूंगा। आम आदमी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा।
केजरीवाल की स्पीच की 5 बातें…
- भगत सिंह की जेल डायरी पढ़िएगा। भगत सिंह के बाद आजादी के बाद एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। मैंने सिर्फ एक खत एलजी को लिखा। 15 अगस्त को दिल्ली सरकार का मुख्यमंत्री झंडा फहराता है। इसके 3 दिन पहले LG को चिट्ठी लिखी कि मेरी जगह आतिशी को झंडा फहराने की इजाजत मिले।
- अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा होगा कि आजादी के अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूर और अत्याचारी शासक आएगा। भगत सिंह और बटुकेश्वर ने असेंबली में बम फेंका था। दोनों को एक ही जेल में अगल-बगल वाली कोठरी में रखा गया था। इसके 95 साल बाद मनीष और केजरीवाल एक ही केस में जेल जाते हैं, दोनों को अलग जेल में रखा गया, साथ मिलने की इजाजत नहीं थी। गांधी, नेहरू, पटेल जेल में गए उन्हें सबसे मिलने की इजाजत थी।
- इनका मकसद आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के हौसले को तोड़ना है। इनका फॉर्मूला है, विधायक तोड़ दो, जेल में डाल दो, ईडी भेज दो, पार्टी तोड़ दो, सरकारें गिरा दो अपनी सरकार बना दो। इन्हें लग रहा था कि केजरीवाल को जेल भेजा तो केजरीवाल की पार्टी टूट जाएगी। हमारे MLA तो छोड़ो कार्यकर्ता भी नहीं टूटे।
- इनका एक फॉर्मूला और है। जहां-जहां ये हारें, वहां के सीएम पर फर्जी केस करके उसे गिरफ्तार कर लो और सरकार बना लो। सिद्धारमैया, ममता और पिनराई विजयन पर केस है। मैं जेल गया तो सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जेल के भीतर से सरकार क्यों नहीं चल सकती है।
- इनकम टैक्स में कमिश्नर था। 2000 में नौकरी छोड़कर 2010 तक दिल्ली की सेवा की। झुग्गियों में रहा हूं मैं। अगर पैसे कमाने होते तो मेरी नौकरी बुरी नहीं थी। उस वक्त पार्टी नहीं थी, मुख्यमंत्री नहीं बनना था, सिर्फ देश के लिए जुनून था। 49 दिन की सरकार के बाद इस्तीफा उसूलों के लिए दिया था। किसी ने मांगा नहीं था। कोई चपरासी की नौकरी नहीं छोड़ता, मैंने सीएम का पद छोड़ दिया था। पद का लालच नहीं है।
दिल्ली में 2013 से केजरीवाल की सरकार, लगातार 3 बार सीएम बने दिल्ली में फरवरी 2025 में केजरीवाल सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला है। केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी 2013 से दिल्ली की सत्ता में हैं।दिल्ली में 4 दिसंबर, 2013 को कुल 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए थे। 8 दिसंबर 2013 को नतीजे आए।इसमें भाजपा 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हालांकि, बहुमत नहीं मिला।
AAP को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं। कांग्रेस के समर्थन से अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनते हुए सरकार बनाई। हालांकि, 49 दिन बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया। 7 फरवरी, 2015 को दिल्ली में फिर से विधानसभा चुनाव हुए। इसमें AAP ने 67 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गई थी।पांच साल बाद 8 फरवरी, 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने कुल 70 सीटों में 62 सीटों पर जीत हासिल की है। 8 सीटें भाजपा के खाते में गईं।