कोलकाता रेप-मर्डर केस, ममता सरकार ने पुलिस कमिश्नर को हटाया:विनीत गोयल की जगह मनोज वर्मा होंगे कमिश्नर; मेडिकल एजुकेशन और हेल्थ सर्विस डायरेक्टर भी बदले
पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटा दिया है। उनकी जगह मनोज वर्मा लेंगे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस कमिश्नर समेत स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को हटाने की मांग की थी।
स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. कौस्तुव नायक को स्वास्थ्य-परिवार कल्याण का डायरेक्टर बनाया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर डॉ. देबाशीष हलदर को पब्लिक हेल्थ का OSD बनाया गया है। त्रिपुरारी अथर्व को DEO का डायरेक्टर चुना गया है।
इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए हैं। जावेद शमीम ADG कानून व्यवस्था, विनीत गोयल ADG और IG स्पेशल टास्क फोर्स, ज्ञानवंत सिंह ADG और IG इंटेलीजेंस ब्यूरो, दीपक सरकार नॉर्थ कलेक्टर, अभिषेक गुप्ता CO ईएफआर सेकंड बटालियन का नाम शामिल है।
16 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच बैठक हुई थी। इसके बाद ममता ने कहा था कि उन्होंने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मान ली हैं। CM ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा था वे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगी।
हालांकि, डॉक्टरों का प्रदर्शन मंगलवार को 39वें दिन भी जारी है। वे अधिकारियों को हटाने के औपचारिक आदेश और सुप्रीम कोर्ट में आज मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे थे
अस्पताल में वित्तीय अनियमितता मामले में ED का छापा दूसरी तरफ, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता मामले में मंगलवार को कोलकाता में फिर से छापा मारा है। एजेंसी एक नर्सिंग होम सहित कई जगहों पर तलाशी ले रही है।
वित्तीय अनियमितता मामले में ED की यह तीसरी रेड है। एजेंसी ने 6 सितंबर को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था। 12 सितंबर को घोष के पिता सत्य प्रकाश घोष के घर सहित कई ठिकानों पर तलाशी ली थी।
घोष पर कॉलेज के प्रिंसिपल रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता का आरोप है। इस मामले में CBI ने घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। CBI ने रेप-मर्डर केस में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में 14 सितंबर को SHO अभिजीत मंडल के साथ संदीप घोष को फिर से गिरफ्तार किया था।
ममता बोलीं- हमने डॉक्टरों की 99% मांगें मानीं जूनियर डॉक्टरों ने सरकार के सामने ये पांच मांगें रखी थीं। ममता बनर्जी के मुताबिक पहली तीन मांगें पूरी हो गई हैं। ट्रेनी डॉक्टर का रेप मर्डर करने का आरोपी संजय गिरफ्तार हो चुका है। सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के SHO को गिरफ्तार किया जा चुका है। और अब कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पद से हटा दिया गया है।
ममता ने कहा, ‘हमने डॉक्टरों की 99% मांगें मान ली हैं, क्योंकि वे हमारे छोटे भाई हैं। जूनियर डॉक्टर्स की तरफ से 42 लोगों ने मिनिट्स ऑफ मीटिंग पर साइन किया, जबकि सरकार की तरफ से मुख्य सचिव मनोज पंत ने साइन किया है। मुझे लगता है कि मीटिंग पॉजिटिव रही। मेरे हिसाब से डॉक्टरों का भी यही मानना है, वरना वे मिनिट्स ऑफ मीटिंग पर साइन क्यों करते?’
ममता बनर्जी ने CCTV, वॉशरूम जैसे हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने की मांग भी मान ली है और इसके लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इसके अलावा ममता ने कहा कि हेल्थ सर्विस के डायरेक्टर और मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर को उचित पदों पर तैनात किया जाएगा। हम उनका अपमान नहीं कर सकते हैं। इस मामले में उनकी कोई गलती नहीं है।
बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए स्टेनोग्राफर्स साथ ले गए थे डॉक्टर्स
एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए चार असफल प्रयासों के बाद सोमवार शाम 35 जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल बैठक के लिए पहुंचा था।
बैठक पहले शाम 5 बजे होनी थी, लेकिन शाम 6.50 बजे शुरू हुई और रात करीब 9 बजे तक चली। इसके बाद करीब 11:30 बजे तक बैठक पर चर्चा हुई। बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए डॉक्टर अपने साथ दो स्टेनोग्राफर्स भी ले गए थे।
इससे पहले बंगाल सरकार डॉक्टर्स को मीटिंग के लिए 4 बार बुलाया, लेकिन लाइव टेलीकास्ट और वीडियोग्राफी जैसी मांगों के चलते बातचीत नहीं हो सकी थी।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रेप-मर्डर के बाद लगातार 38 दिन से जूनियर डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि डॉक्टर्स प्रदर्शन खत्म कर काम पर लौटें तो उन पर एक्शन नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- हड़ताल खत्म करें, नहीं तो कार्रवाई होगी सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों को 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। इस मामले में आज फिर सुनवाई होगी।
CBI आज दूसरी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी। पिछली सुनवाई में जांच एजेंसी ने पहली रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में सामने आया था कि केस से जुड़े कुछ दस्तावेज गायब हैं। इस पर कोर्ट ने कहा था- यह मामला गड़बड़ लगता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को मिसिंग डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।
CBI की पहली स्टेटस रिपोर्ट की 2 बड़ी बातें…
- राज्य सरकार ने जांच एजेंसी को घटना वाले दिन का सिर्फ 27 मिनट का CCTV वीडियो शेयर किया। राज्य सरकार ने कहा था- वीडियो के कुछ हिस्से दिए गए हैं। कुछ तकनीकी गड़बड़ आई थी।
- ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी जब मिली थी तो वह अर्धनग्न थी। सरकार ने बंगाल में CFSL में जांच कराई। जबकि CBI ने सैंपल को AIIMS और बाहर की फोरेंसिक लैब में भेजने का फैसला लिया है।
CBI जांच में अब तक क्या-क्या हुआ…
16 सितंबर: CBI ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल से पूछताछ की सोमवार को CBI ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के SHO अभिजीत मंडल से एक साथ पूछताछ की। CBI अधिकारी ने बताया कि उन्हें आमने-सामने बैठाकर सवाल पूछे गए।
उनसे पूछा गया कि डॉक्टर की मौत की खबर सुनने के बाद क्या-क्या किया, FIR दर्ज करने में बेवजह देरी क्यों हुई और बिना औपचारिक FIR के पोस्टमार्टम क्यों किया गया। उनसे यह भी पूछा गया कि जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, तो उन दोनों के बीच कई बार फोन पर क्या बातचीत हुई। अधिकारी बताया कि पूछताछ देर रात तक जारी रहने की संभावना है।
इसके अलावा सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें कहा गया है कि घटना को लेकर संदीप घोष के जवाब गुमराह करने वाले पाए गए हैं। संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट और वॉइस एनालिसिस किया गया था।
14 सितंबर: आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल को CBI ने अरेस्ट किया कोलकाता रेप-मर्डर केस मामले में 14 सितंबर को CBI ने आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक थाने के SHO अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।
अभिजीत मंडल ताला पुलिस स्टेशन में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) के पद पर तैनात था। दोनों को 17 सितंबर तक CBI की कस्टडी में भेज दिया गया।
आरजी कर मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी संजय रॉय को कोलकाता पुलिस ने वारदात के दूसरे दिन गिरफ्तार किया था।
5 सितंबर: जांच में खुलासा- घोष ने घटना के अगले दिन रेनोवेशन का ऑर्डर दिया 5 सितंबर को CBI की जांच में सामने आया था कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था।
सूत्रों के मुताबिक, CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था। इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं।
PWD स्टाफ ने सेमिनार हॉल से लगे कमरे का रेनोवेशन शुरू कर दिया था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन के काम को वहीं रोक दिया गया।
जांच अधिकारियों का कहना है कि रेनोवेशन लेटर से यह साफ हो रहा है कि घोष को यह काम कराने की जल्दी थी, लिहाजा यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है।
CBI जांच में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े खुलासे…
- संदीप घोष ने मेडिकल हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए एक इंटरव्यू सिस्टम शुरू किया। हालांकि अस्पताल में इंटरव्यू लेने वालों का कोई पैनल नहीं था। नियुक्ति से पहले इंटरव्यू के फाइनल मार्क्स जारी किए जाते थे। घोष पर कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को नियुक्त नहीं करने का भी आरोप है।
- संदीप घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टेड था। वह तब से बिप्लव और सुमन को जानता था। घोष अपने सिक्योरिटी गार्ड, बिप्लव और सुमन के साथ भ्रष्टाचार का नेटवर्क चलाता था।
- घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनने के बाद बिप्लव और सुमन को कोलकाता बुला लिया। उसने दोनों वेंडर्स को अस्पताल के कई टेंडर दिलवाए। घोष का गार्ड अस्पताल के बायोमेडिकल कचरे को बेचने के लिए भी वेंडर्स से कॉन्ट्रैक्ट करता था।
- बिप्लब मां तारा ट्रेडर्स, बाबा लोकनाथ, तियाशा एंटरप्राइजेज समेत कई कंपनियां चलाता था। वह इन सभी कंपनियों के नाम पर अस्पताल में टेंडर्स के लिए अप्लाई करता था। ताकि टेंडर के लिए मार्केट में कॉम्पिटिशन दिखे। इसी में किसी एक कंपनी को टेंडर मिलता था।
- CBI को बिप्लब की कंपनियों को टेंडर दिए जाने के तरीके में भी कई खामियां मिली हैं। CBI ने कहा कि वर्क ऑर्डर के लेटर कॉलेज के कई अधिकारियों को लिखे जाते थे, लेकिन उन्हें ये लेटर कभी सौंपे ही नहीं गए। इसका मतलब टेंडर प्रोसेस में अन्य अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया।
- एजेंसी के मुताबिक, घोष के गार्ड की पत्नी नरगिस की कंपनी ईशान कैफे को अस्पताल में कैंटीन का ठेका मिला। संदीप घोष ने गार्ड की पत्नी की कंपनी को नॉन-रिफंडेबल कॉशन मनी भी लौटा दी।