केजरीवाल एक हफ्ते में सरकारी मकान छोड़ेंगे:संजय सिंह बोले- सरकारी सुविधाएं भी नहीं लेंगे, उन पर कई हमले हुए, सुरक्षा को लेकर चिंता
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास छोड़ेंगे। आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने बुधवार को कहा कि हमने सुरक्षा को लेकर उनसे कहा कि सरकारी आवास ना छोड़ें, लेकिन वे नहीं माने।
एक दिन पहले AAP विधायक दल की मीटिंग में आतिशी मार्लेना को मुख्यमंत्री चुना गया था। इसके बाद केजरीवाल ने शाम को LG विनय सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
केजरीवाल पर कई बार हमले हुए, हमें चिंता-AAP संजय सिंह ने कहा, “केजरीवाल अपनी सभी सरकारी सुविधाएं छोड़ने जा रहे हैं। हम लोगों को चिंता है। केजरीवाल पर कई बार हमले हो चुके हैं। जब उनके माता-पिता घर में थे, तब भी उन पर हमला हुआ है। अभी यह तय नहीं हुआ है कि केजरीवाल कहां रहेंगे। उन्होंने कहा है कि वे जनता के बीच रहेंगे, जगह अभी तय नहीं है।”
बंगले का रिनोवेशन हुआ था, 52.71 करोड़ खर्च हुए
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले और इसके कैम्पस में बने ऑफिस के रिनोवेशन किया गया था। इस पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। उपराज्यपाल विनय सक्सेना को भेजी गई फैक्चुअल रिपोर्ट में यह जानकारी आई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि बंगले पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, वहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके कैंप ऑफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था।
आतिशी ने LG से शपथ ग्रहण की तारीख मांगी
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर शाम को उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना को CM पद से इस्तीफा सौंपा था। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद थे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की भी मांग की है। दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है।
26-27 सितंबर को विधानसभा सत्र, आतिशी बोलीं- केजरीवाल को CM बनाना लक्ष्य इसी दिन सुबह AAP की विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था। इस पर विधायकों ने सहमति जताई। CM चुने जाने के बाद आतिशी ने कहा था कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड्यंत्र से रक्षा करना। दूसरा- केजरीवाल को फिर से CM बनाना।
आतिशी के दो बड़े बयान…
1. ये हमारे लिए दुख का क्षण केजरीवाल के खिलाफ केंद्र सरकार ने दुष्प्रचार किया, फर्जी आरोप लगाए। 6 महीने जेल में रखा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा किया। कोई और व्यक्ति होता तो वह तुरंत CM की कुर्सी पर बैठ गया होता। केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता का फैसला मानूंगा। ये हमारे लिए दुख का क्षण है। दिल्ली के लोग इस बात का प्रण ले रहे हैं कि अगले चुनाव में वे केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे।
2. दिल्ली की जनता गुस्से में है दिल्ली आज गुस्से में है। उन्हें पता है कि केजरीवाल CM नहीं रहे तो फ्री बिजली नहीं मिलेगी, सरकारी स्कूल बदहाल हो जाएंगे, अस्पतालों में अच्छा इलाज नहीं मिलेगा, मोहल्ला क्लिनिक बंद हो जाएगी, महिलाओं की फ्री बस यात्रा, बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा बंद हो जाएगी। उन्होंने देखा है कि 22 राज्यों में भाजपा की सरकार है। किसी एक में भी फ्री बिजली, बस यात्रा नहीं दे पा रहे।
BJP के दो बड़े बयान … 1. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बदल दिया है, इससे आम आदमी पार्टी का भाग्य नहीं बदलने वाला। 2. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि AAP के नेता पार्टी का कायाकल्प करने की कोशिश कर रहे हैं। वे भूल जाते हैं कि वे पार्टी का चेहरा बदल सकते हैं, लेकिन चरित्र नहीं। वे अपने चरित्र पर लगे भ्रष्टाचार के काले दागों को नहीं धो सकते। दिल्ली की जनता के लिए चुनाव में एकमात्र मुद्दा अरविंद केजरीवाल का भ्रष्टाचार होगा।
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केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों दिया, 3 बातें…
1. मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन पावर नहीं दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वे CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रही।
2. सिर्फ 5 महीने का कार्यकाल बचा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।
3. ईमानदार नेता की छवि को मजबूत करेंगे दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे थे। इस्तीफा देने के बाद वे भाजपा नेताओं को सीधे कह सकेंगे कि सिर्फ आरोप रहते उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया। अब उनकी ईमानदारी का फैसला जनता करेगी।
केजरीवाल इस्तीफे के बाद क्या करेंगे केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से भले हट जाएं, लेकिन वे आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक बने रहेंगे। इस्तीफे के बाद उनका पूरा फोकस हरियाणा विधानसभा चुनाव पर होगा। वे पार्टी प्रत्याशियों के लिए फुल टाइम प्रचार कर पाएंगे। AAP कांग्रेस से गठबंधन पक्का नहीं होने के बाद सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल खुद हरियाणा में सिरसा जिले के सिवानी गांव के रहने वाले हैं।
इसके बाद वे झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर फोकस करेंगे। झारखंड में आप झामुमो के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है।
केजरीवाल का पॉलिटिकल करियर
मुख्यमंत्री रहते कई विवादों में जुड़ा केजरीवाल का नाम, शराब नीति घोटाला सबसे चर्चित
- खालिस्तानी संगठनों से 133 करोड़ रुपए लेने का आरोप : मार्च 2024 में वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी आतंकी समूहों से 133 करोड़ रुपए लिए थे, ताकि देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई कराई जा सके। इसके बाद वीके सक्सेना ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश की। हालांकि आप ने आरोपों का खंडन किया था।
- दिल्ली शराब नीति घोटाला : 2021 में केजरीवाल सरकार नई शराब नीति लाई। जुलाई 2022 में LG ने इसमें गड़बड़ी बताते हुए CBI जांच की सिफारिश की। अगस्त 2022 में ED-CBI ने केस दर्ज किए। केजरीवाल को ED और CBI ने गिरफ्तार किया, उन्हें घोटाले का मास्टरमाइंड बताया। जुलाई में ED और सितंबर में CBI केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। वे करीब 177 दिन तिहाड़ जेल में रहे।
- अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग : 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया। साथ ही कहा कि दिल्ली LG राज्य सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे। यह आदेश आने के कुछ देर बाद CM अरविंद केजरीवाल ने सर्विस सेक्रेटरी आशीष मोरे को हटा दिया था। LG ने आशीष मोरे के खिलाफ लिए गए इस फैसले पर रोक लगा दी है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
- ठग सुकेश का दावा- प्रोजेक्ट के बदले तोहफे दिए: ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली LG सक्सेना को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उसने करोलबाग में एक प्रोजेक्ट दिलाने के गिफ्ट के तौर पर घर के रिनोवेशन के लिए फर्नीचर भेजा था। इसमें राल्फ लॉरेन और विजनायर ब्रांड का फर्नीचर भी शामिल था। इसके अलावा 90 लाख रुपए की चांदी की क्रॉकरी भी उन्हें दी।
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अप्रैल 2023 में मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल 2023 को आम आदमी पार्टी को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
दिल्ली के अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी का संगठन हरियाणा और गुजरात में भी मजबूत है। पार्टी के लोकसभा में तीन जबकि राज्यसभा में 10 सांसद है। देश के अन्य राज्यों में भी AAP के कैडर एक्टिव हैं।
दिल्ली विधानसभा 2020 और लोकसभा 2024 में AAP की परफॉर्मेंस