सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के जज के सुनवाई के दौरान दिए 2 विवादित बयानों पर एक्शन लिया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद की टिप्पणियों पर कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को 2 हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
CJI ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से भी मदद मांगी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ बेसिक गाइडलाइन जारी की जा सकती हैं।
इधर, वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के गलत इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है। डिस्क्लेमर में कहा गया है कि कोई भी कार्यवाही की रिकॉर्डिंग नहीं करेगा।
जस्टिस श्रीशानंद ने महिला वकील पर भी आपत्तिजनक कमेंट किया था जस्टिस श्रीशानंद के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। एक वीडियो में वे पश्चिमी बेंगलुरु के एक मुस्लिम इलाके को पाकिस्तान कहते दिखे। दूसरे वीडियो में वे एक महिला वकील को फटकार लगाते नजर आ रहे हैं। जस्टिस श्रीशानंद ने महिला वकील से कहा कि वह दूसरे पक्ष के बारे में बहुत कुछ जानती हैं। हो सकता है अगली बार वे उसके अंडरगारमेंट का रंग भी बता दें।
अब से कर्नाटक हाईकोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग रिकॉर्ड करने के लिए परमिशन जरूरी
यूट्यूब चैनल से वीडियो क्लिप वायरल होने के एक दिन बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने से आधा घंटे पहले एक डिस्क्लेमर दिया। इसमें बिना परमिशन वीडियो रिकॉर्ड करने पर रोक लगा दी गई है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मैसेज में कहा गया है- कोई भी व्यक्ति, संस्था, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाइव-स्ट्रीम की गई कार्यवाही को रिकॉर्ड, शेयर या पब्लिश नहीं करेगा। इसके लिए पहले से परमिशन लेनी होगी।