केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। मेंढर में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा- 90 के दशक में फारूक की मेहरबानी से आतंकवाद आया।
90 के दशक में यहां बहुत गोलीबारी होती थी, क्योंकि यहां के आका पाकिस्तान से डरते थे। शाह ने कहा कि अब पाकिस्तान नरेंद्र मोदी से डरता है। इनकी हिम्मत नहीं है गोलीबारी करने की। अगर गोलीबारी की तो मोदी गोली का जवाब गोले से देंगे।
ये चुनाव जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों का शासन खत्म करने वाला चुनाव है। तीनों परिवार ने यहां जम्हूरियत और चुनावों को रोक कर रखा था। इन्होंने पूरे जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक से 2014 तक दहशतगर्दी फैलाई। 40 हजार युवा मारे गए।
अमित शाह मेंढर के बाद पूंछ, थानामंडी, राजौरी और अखनूर में भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। शाह का 5 दिन में यह दूसरा दौरा है। इससे पहले 16 सितंबर को उन्होंने पाड्डर नागसेनी, किश्तवाड़ और रामबन में जनसभा की थी।
शाह की स्पीच की 3 बड़ी बातें…
- 1947 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए हर जंग में जम्मू-कश्मीर के सैनिकों ने भारत की रक्षा की है। 1990 के दशक में जब आतंकवाद आया, तो यह मेरे पहाड़ी, गुर्जर और बकरवाल भाई ही थे, जिन्होंने सीमाओं पर बहादुरी से गोलियों का सामना किया।
- हम हर घर में एक महिला को 18 हजार का चैक सालाना देंगे। सीधा बैंक अकाउंट में ये चैक जाएगा। ईद और मुहर्रम के मौके पर 2 गैस के सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। किसानों को मिल रहे 6 हजार रुपए 10 हजार में बदलेंगे। कृषि के बिजली बिल हम 50% कर देंगे। 500 यूनिट तक फ्री बिजली भी देंगे।
- जम्मू में मेट्रो लगाएंगे। तवी में रिवर फ्रंट लाएंगे और मेंढर, पूंछ-रजौरी में पर्यटन लाएंगे। 70 साल तक इन्होंने जम्मू के इस इलाके को अन्याय दिया है। हम 5 लाख सरकारी नौकरियां देंगे। हम बच्चों को लैपटॉप और टैबलेट भी देंगे। किश्तवाड़ में आयुसर्बल पार्क बनाएंगे। जम्मू में IT हब बनाएंगे।
फारूक बोले- मुझे लगता है कि भाजपा वाले पाकिस्तानी है फारूक अब्दुल्ला ने अमित शाह के हमले का जवाब देते हुए कहा- जब भी कोई चीज आती है तो ये लोग भाजपा पाकिस्तान का नाम लेते हैं फिर हमसे कहते हैं कि हम पाकिस्तानी हैं। ये लोग कहते हैं कि फारूक अब्दुल्ला और राहुल गांधी का गठबंधन पाकिस्तान की तरफ से हुआ है। हमें पाकिस्तान से क्या लेना देना है। मुझे तो लगता है ये खुद पाकिस्तानी हैं।
फारूक ने कहा कि भाजपा वाले कहते थे 370 आतंकवाद का जिम्मेदार है, क्या आतंकवाद बंद हुआ? कल ही हमंने देखा कि एनकाउंटर हुआ। इन्होंने यहां के टुकड़े कर दिए। 370 सन 1927 में आया था। ये कभी भारत को नहीं बनाएंगे, ये सिर्फ विभाजन की राजनीति करेंगे। पूरी खबर पढ़ें…
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।
18 सितंबर को पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है। 25 सितंबर को दूसरे फेज और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं।
2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।
भाजपा 90 में से 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी कश्मीर में 47 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बची हुई 28 सीटों पर भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन करेगी।
पहले चरण में रिकॉर्ड 61.13% वोटिंग 18 सितंबर को पहले फेज में 7 जिलों की 4 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इस दौरान 61.13% मतदान हुआ है। चुनाव आयोग के मुताबिक किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 80.14% और पुलवामा में सबसे कम 46.65% वोटिंग हुई।
दूसरे नंबर पर डोडा 71.34%, तीसरे नंबर पर रामबन 70.55% रहा। पहले फेज की वोटिंग को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले 35 हजार से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने भी वोट डाले। उनके लिए कुल 24 स्पेशल बूथ बनाए गए थे। दिल्ली 4, जम्मू 19 और उधमपुर में 1 बूथ था। पूरी खबर