बिहार में पुलिस वालों पर तीर से हमला:महिला SI के चेहरे पर लगा तीर, जमीन विवाद सुलझाने गई थी टीम
अररिया में जमीन से अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस टीम पर तीर और लाठी से हमला हुआ है। इसमें जोकीहाट थाने के 2 पुलिस वाले घायल हुए हैं। सब इंस्पेक्टर नुसरत जहां की आंख के पास तीर लगा है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार नट को भी चोट आई है। दोनों को इलाज के लिए पूर्णिया भेज गया है। घटनास्थल पर फिलहाल पुलिस की टीम कैंप कर रही है।
ये हमला महलगांव थाना क्षेत्र के बागनगर पंचायत के पोखरिया गांव में हुआ है। यहां करीब अठारह एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर विवाद था। पुलिस इसी मामले में कार्रवाई करने गई थी। पुलिस की कार्रवाई से नाराज लोगों ने टीम पर हमला कर दिया। इस जमीन पर महादलित समुदाय के लोग रहते हैं।
जमीन मालिक भूपनारायण यादव ने बताया है कि ‘जमीन पर कब्जे का विरोध करने पर बिरेन्द्र ऋषिदेव और उसके साथियों ने हमारे परिवार पर लाठी-डंडों, ईंट-पत्थर और तीर-धनुष से हमला किया। इसके बाद हमने CO और पुलिस को इसकी जानकारी दी। वो लोग आए तो उन पर भी हमला कर दिया।’
घायल महिला दरोगा खतरे से बाहर
पूर्णिया के कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार घायल महिला दरोगा का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि जानकारी लेने गए थे। महिला दरोगा का ऑपरेशन हो गया है। वो खतरे से बाहर हैं। फिलहाल डॉक्टरों ने उन्हें 48 घंटे के ऑब्जर्वेशन में रखा है।
वहीं, मैक्स में महिला दरोगा का इलाज करनेवाले डॉ. अमित झा ने कहा कि ‘आंख के नीचे लगा तीर चेहरे के अंदर फंस गया था। उसे निकालने में बहुत सावधानी बरतनी पड़ी। हालांकि, हम लोगों ने तीर को सफलतापूर्वक निकाल लिया है। महिला दरोगा की हालत खतरे से बाहर है।’
एसपी ऑफिस से बताया गया कि ‘महलगांव थाना क्षेत्र के पोखरिया गांव में सोमवार की सुबह 3 बजे दो पक्षों में जमीनी विवाद की शिकायत आई थी। इसमें एक पक्ष की ओर से लगभग 200 लोगों ने संबधित जमीन पर बांस लगाने का काम शुरू कर दिया था। इसी को सुलझाने के लिए महलगांव थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ स्थल पर पहुंचे थे।’
250 से 300 की संख्या में लोगों ने किया हमला
जोकीहाट के CO ने सोमवार को महलगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने अपने आवेदन में लिखा है कि ’22 सितंबर की रात 12:45 बजे के करीब जमीन मालिक भूपनारायण यादव से मोबाइल पर सूचना मिली कि 18 एकड़ 79 डिसमिल जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। बताया कि गांव के बिरेन्द्र ऋषिदेव ने अपने साथियों के साथ मिलकर रात में ही बांस-बल्ली और प्लास्टिक से 35-40 घर बना लिए हैं। बिरेन्द्र ऋषिदेव जमीन कब्जा करने वाले गिरोह का सरगना है।’
‘DM को जानकारी देने के बाद हम लोग आसपास के थानों की पुलिस को लेकर मलहरिया (रहिका टोल पोखरिया) स्थित घटना स्थल पहुंचे। वहां पहुंचे तो कब्जे की सूचना सही थी। वहां 250-300 की संख्या में लोग लाठी, तीर-धनुष और ईंट-पत्थर के साथ तैनात थे।
उन्होंने गाली-गलौज और हंगामा करते हुए हमला कर दिया। इसी हमले में सब इंस्पेक्टर नुसरत जहां की आंख के पास तीर लग गया। साथ में सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार नट भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उनका इलाज पूर्णिया में चल रहा है। पुलिस ने बने हुए घरों को तहस-नहस करते हुए बांस-बल्ली और प्लास्टिक को जब्त कर ली है।’
25 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया
पुलिस ने इस मामले में बिरेन्द्र ऋषिदेव, उसके पिता सुर्ति ऋषिदेव समेत 25 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। साथ में करीब 250 से 300 अज्ञात के खिलाफ भी प्राथमिकी कराई गई है।
6 महीने में बिहार के 3 दरोगा का मर्डर
15 अगस्त 2023 को समस्तीपुर में बदमाशों ने एक दरोगा को गोलियों से भून डाला। फिर 20 दिसंबर 2023 को बेगूसराय में शराब तस्करों ने एक दरोगा को कार से कुचलकर मार डाला। घटना के 3 दिन बाद बदमाशों ने राजधानी पटना में एक दरोगा पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जमुई में एक दरोगा को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला गया। एक-दो नहीं 365 दिन में 100 बार बिहार पुलिस को मुंह की खानी पड़ी। अफसर सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने में लगे रहे और ग्राउंड पर पुलिस अपनी इज्जत बचाती रही।
हाल के दिनों में बिहार पुलिस पर हमलों की तस्वीरें देखिए…
3 साल से हर तीसरे दिन पिट रही बिहार पुलिस
बिहार पुलिस 3 साल से हर तीसरे दिन पिटी है। बिहार पुलिस के आंकड़े यही कह रहे हैं। साल 2023 में बिहार पुलिस को 100 से अधिक बार पुलिस पर हमले हुए। इस साल बदमाशों ने पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
दिन दहाड़े दरोगा और सिपाही को गोलियों से छलनी कर दिया गया। बिहार पुलिस 2023 के आंकड़ों पर पर्दा डाल रही है, क्योंकि इस साल पूरे देश में सबसे अधिक बिहार पुलिस पिटी है।
साल 2020 और 2021 में 340 बार बिहार पुलिस को बदमाशों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। वहीं साल 2022 में 450 बार बिहार पुलिस की पिटाई हुई। साल 2023 को लेकर पुलिस के अफसरों की चुप्पी बनी है, जबकि घटनाएं बताती हैं कि इस साल पुलिस के लिए अच्छा नहीं रहा। इस साल 100 से अधिक बार बिहार पुलिस की पिटाई हुई है।