गुजरात मे दाहोद जिले के पिपलिया गांव के प्राथमिक विद्यालय की पहली कक्षा में पढ़ने वाली 6 वर्षीय बच्ची का शव तीन दिन पहले स्कूल से ही बरामद हुआ था। अब इस मामले में खुलासा हुआ है कि स्कूल के एक प्रिंसिपल ने ही बच्ची से दुष्कर्म करने की कोशिश में उसकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद बच्ची का शव स्कूल के ही कमरे के पीछे फेंक गया था
स्कूल में कमरे के पीछे पड़ा था बच्ची का शव
बच्ची पिपलिया गांव के टॉयनी प्राइमरी स्कूल की पहली कक्षा में पढ़ती थी। रोजाना की तरह गुरुवार (19 सितंबर) की सुबह भी 10 बजे अपना बैग लेकर घर से निकली थी। स्कूल का समय समाप्त होने के बाद भी वह शाम के पांच बचे तक घर नहीं पहुंची। इससे परिवार वाले उसकी तलाश में जुटे। पहले आसपास के उन घरों में उसकी तलाश की गई, जहां वह खेलने जाया करती थी।
बच्ची के न मिलने पर परिवार और गांव के कई लोग स्कूल पहुंचे। स्कूल में ताला लगा था, जिससे कुछ लोग दीवार फांदकर स्कूल में दाखिल हुए। जांच के दौरान देखा कि बच्ची पीछे पड़ी हुई थी। परिवार वाले तुरंत उसे दाहोद के सामुदायिक केंद्र ले गए। हालांकि, बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी।
स्कूल का प्रिंसिपल ही निकला हत्यारा
इस मामले में पुलिस ने 10 अलग-अलग टीमें बनाकर जांच शुरू की थी। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि 6 साल की बच्ची का हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि स्कूल का ही प्रिंसिपल है। आरोपी गोविंद नट स्कूल की छुट्टी के बाद बच्ची को सड़क से ही अपनी गाड़ी में बिठाकर ले गया था।
वह बच्ची को स्कूल लेकर गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। इसी बीच बच्ची की चीख-पुकार से डर गया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने खुद ही बच्ची के शव को क्लासरूम के पीछे खुली जगह पर रख दिया था। पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।
बीजेपी के कनेक्शन पर अब मचा राजनीतिक बवाल
आरोपी की पहचान होने के बाद अब राज्य में राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता पार्थिवराज कठवाडिया ने आरोपी गोविंद नट की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं, जिसमें वह आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लेते और पूर्व मंत्री अर्जुन सिंह से मुलाकात करते नजर आ रहा है।
पार्थिवराज का आरोप है कि आरोपी गोविंद बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार भी करता था। संघ के कार्यक्रम में शामिल होने पर पार्थिवराज ने संघ से सवाल किया है कि भाजपा सरकार बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देती है। जबकि स्कूल में पढ़ने जाने वाली बच्ची ही सुरक्षित नहीं है। संघ अपने आपको सभ्य संस्था बताता है, जबकि आज एक बच्ची की हत्या में उसी संघ का आदमी शामिल है।