यूपी में सोमवार रात 2 ट्रेनों पर पथराव हुआ। प्रयागराज में आनंद विहार से बरौनी (बिहार) जा रही सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन पर पत्थर फेंके गए। इसमें एक यात्री घायल हो गया। दूसरी घटना मिर्जापुर में महाबोधि एक्सप्रेस की है। यहां भी ट्रेन पर पत्थर फेंके गए।
सीमांचल एक्सप्रेस सोमवार शाम 5.30 बजे प्रयागराज जंक्शन से रवाना हुई। शाम 5.40 बजे यमुना ब्रिज से पहले उस पर पथराव शुरू हो गया। ट्रेन पर 10 से ज्यादा पत्थर फेंके गए।
घटना में गेट पर बैठे सुजीत कुमार को पत्थर लग गया। उसका दांत टूट गया और होंठ कट गए। मिर्जापुर पहुंचने पर उसका इलाज किया गया। सुजीत उसी ट्रेन से आगे की यात्रा के लिए रवाना हो गया।
प्रयागराज RPF प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया- घायल सुजीत बिहार के बेगूसराय का रहने वाला है। घटना के समय वह स्लीपर कोच S-3 के गेट पर बैठा था। इलाज कराकर उसे रवाना कर दिया गया है।
2-3 युवकों ने मारे पत्थर घायल सुजीत के भाई ने बताया- हम लोग परिवार समेत दिल्ली से बरौनी जा रहे थे। हमारे पास 3 कंफर्म और 5 वेटिंग टिकट था। यमुना ब्रिज पर जैसी ही ट्रेन पहुंची, 2-3 युवकों ने हमें पत्थर फेंक कर मारे।
गेट पर बैठे मेरे चाचा के लड़के सुजीत के होंठ पर एक पत्थर आकर लगा। उसका एक दांत टूट गया और होंठ पर भी गहरा घाव हो गया। हमारे बड़े पापा का देहांत हो गया, इसलिए हम लोग बरौनी लौट रहे थे।
अब मिर्जापुर की घटना पढ़िए…
RPF के SI अशोक कुमार ने बताया- गया से नई दिल्ली जाने वाली महाबोधि एक्सप्रेस (12397) ट्रेन ने शाम 7.21 बजे मिर्जापुर में एंट्री की, तभी गार्ड ने कंट्रोल रूम में सूचना दिया कि गार्ड लॉबी में गिट्टी आकर लगी है। किसी अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर मारा है।
हालांकि, गार्ड ने किसी को पत्थर मारते देखा नहीं है, न ही किसी को गिट्टी लगी है। गार्ड के बयान के आधार पर RPF ने मामला दर्ज किया।
कानपुर में की गई थी ट्रेन पलटने की साजिश
अभी 2 दिन पहले रविवार को कानपुर में ट्रेन को पलटने की साजिश की गई थी। प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। शुक्र था कि ड्राइवर की पहले ही नजर पड़ गई। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ठीक 10 फीट पहले गुड्स ट्रेन रुक गई। घटना सुबह 5.50 बजे की कानपुर से 35 किमी दूर प्रेमपुर रेलवे स्टेशन की है।
38 दिनों में 5वीं साजिश यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की यह 5वीं साजिश थी। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को कासगंज रूट पर भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। ट्रैक के पास बोतल में पेट्रोल और बारूद रखा मिला था।