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ट्रेन में TTE ने पैसेंजर को CPR देकर बचाई जान:वीडियो कॉल पर डॉक्टर बताता रहा तरीका, दरभंगा से सवार हुए बुजुर्ग को हार्ट अटैक आया

ट्रेन में TTE ने पैसेंजर को CPR देकर बचाई जान:वीडियो कॉल पर डॉक्टर बताता रहा तरीका, दरभंगा से सवार हुए बुजुर्ग को हार्ट अटैक आया

समस्तीपुर20 मिनट पहले
ट्रेन में बेहोश हुए पैसेंजर को CPR देते TTE सविंद कुमार।

बिहार के दरभंगा से वाराणसी जा रहे ट्रेन पैसेंजर को पवन एक्सप्रेस ट्रेन में हार्ट अटैक आया। उनके साथ यात्रा कर रहे भाई ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देकर मदद मांगी। ट्रेन में ड्यूटी पर तैनात TTE ने मौके पर पहुंचकर पैसेंजर को CRP दिया जिससे उनकी जान बच गई। रेलवे ने TTE के लिए इनाम का ऐलान किया है। घटना सोमवार रात की है जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई।

दरभंगा से पवन एक्सप्रेस (11062) के फर्स्ट क्लास कोच A-1 में अपने भाई के साथ सवार हुए बीपी कर्ण (65) को ट्रेन में ही सीने में तेज दर्द उठा और वे गिर गए। साथ यात्रा कर रहे भाई ने तुरंत रेलवे के हेल्प लाइन नंबर पर मदद मांगी। रेलवे से TTE सविंद कुमार को भी अलर्ट मिला वे कोच में पहुंचे। इस बीच मरीज के भाई ने अपने फैमिली डॉक्टर को फोन लगा लिया था। भाई ने TTE सविंद कुमार की डॉक्टर से बात कराई।

डॉक्टर ने पहले नब्ज चेक करने को कहा। नब्ज चल रही थी। इसके बाद डॉक्टर ने TTE से कहा कि वे मरीज को CPR दें। कहा। डॉक्टर वीडियो कॉल पर TTE को गाइड करते गए और TTE सविंद CRP देते रहे।

सोनपुर -छपरा रेलखंड के बीच TTE ने करीब 15 मिनट तक CRP दिया। जिसके बाद मरीज को होश आ गया। थोड़ी देर में ट्रेन छपरा पहुंच गई। रेलवे स्टेशन पर पहले से मेडिकल टीम मौजूद थी। तुरंत बुजुर्ग को अस्पताल भेजा गया। मरीज की हालत अब ठीक है।

ट्रेन के अंदर बुजुर्ग यात्री को CPR देते TEE सविंद कुमार।
रेलवे के अधिकारियों ने TTE सविंद कुमार को सम्मानित किया।

सीपीआर क्या है सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) एक इमरजेंसी प्रोसेस है। इसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की जान बचाने के लिए किया जाता है जब उसका हार्ट काम करना बंद कर दे और वह सांस न ले रहा हो। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के केस में मरीज को पांच मिनट के अंदर सीपीआर दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।

सीपीआर के जरिए ऑक्सिजिनेटेड ब्लड (ऑक्सीजन ले जाने वाला रक्त) को ब्रेन की सेल्स तक पहुंचाते रहते हैं। इससे ब्रेन सेल्स डेड नहीं होते। साथ ही हम हार्ट को वापस अपनी स्थिति में चलने के लिए स्टिमुलेट करते हैं। इससे हार्ट की पल्स फिर स्टार्ट हो सकती है।

इस तरीके से मरीजों को दिया जाता है CPR
सीपीआर में मुंह से सांस देकर भी मरीज की जान बचाने की कोशिश की जाती है।

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