भारत दुनिया का चौथा सबसे युवा देश है। इस लिस्ट में नाइजीरिया पहले, फिलीपींस दूसरे और बांग्लादेश तीसरे पर है। लेकिन चिंता की बात ये है कि देश तेजी से बूढ़ा भी हो रहा है।
देश की औसत उम्र 2024 में बढ़कर 28-29 वर्ष हो गई है, जो 2021 में 24 वर्ष ही थी। इसका मतलब ये है कि आबादी में बुजुर्गाें की संख्या तेजी से बढ़ रही है और युवाओं की घट रही है।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि 2024 में देश की आबादी की ग्रोथ रेट 1% पर पहुंच गई, जो 1951 के बाद सबसे धीमी है। तब यह 1.25% थी। 1972 में यह 2.2% के साथ उच्चतम स्तर पर थी।
2021 में यह ग्रोथ रेट 1.63% थी। 2011 में देश की जनसंख्या 121.1 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 142 करोड़ के करीब है। SBI की जनसंख्या पर आई ताजा रिसर्च रिपोर्ट में ये अनुमान जताए गए हैं।
देश की आबादी में किस आयु वर्ग की कितनी हिस्सेदारी
सभी आंकड़े % में, 2024 के आंकड़े अनुमानित…
देश की कुल आबादी में 15-59 उम्र वाले कामकाजी लोगों की हिस्सेदारी 2024 में 65% हो गई। 1991 में 55.4%, 2001 में 56.9% और 2011 में 60.7% थी।
संख्या के हिसाब से देखें तो 2024 में 0-14 वाले 34 करोड़, 15-59 वाले 91 करोड़ और 60 साल से ऊपर वाले 15 करोड़ लोग हैं।
देश की आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी करीब 2% बढ़ी साल 2011 से 2024 के बीच देश की आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी करीब 2% बढ़ी है, जो सबसे तेज बढ़ोतरी है। 2024 में आबादी में 10.6% यानी 15 करोड़ बुजुर्ग हो गए, जो 2011 में 8.6% यानी 10.4 करोड़ थे।
वहीं, 0-14 साल वालों की आबादी में हिस्सेदारी 2024 में 24.3% पर सिमट गई, जो 2011 में 30.9% थी। वहीं, शहर भी तेजी से बढ़े हैं। 10 लाख से ज्यादा की जनसंख्या वाले शहर 80 हो गए हैं, जो 2011 में सिर्फ 52 थे।
केरल में सर्वाधिक (16.5%) बुजुर्ग आबादी है। तमिलनाडु (13.6%) दूसरे, हिमाचल (13.1%) तीसरे, पंजाब (12.6%) चौथे और आंध्र प्रदेश (12.4%) 5वें स्थान पर है।
राजस्थान में देश के 8.6%, मप्र में 8.5%, छग में 8.8% गुजरात में 10.2%, महाराष्ट्र में 11.7% बुजुर्ग हैं।
चंडीगढ़ में 100% शहरी आबादी, मप्र में 29%
देश की शहरी आबादी 2011 में 31.1% थी, जो अब बढ़कर 37% के आसपास पहुंच गई है। संख्या के आधार पर देखें तो 16.6% आबादी शहरी है, जो 2021 में 16% थी।
- चंडीगढ़ 100% शहरी और दिल्ली 99.7% आबादी वाले केंद्रशासित प्रदेश हैं।
- गोवा (76%) सबसे ज्यादा शहरी आबादी वाला राज्य है। केरल (77.4%) दूसरे पर है।
- बड़े राज्यों में तमिलनाडु (54%) शहरी आबादी के साथ सबसे आगे है। महाराष्ट्र (48.8%) दूसरे पर।
- मध्यप्रदेश (29.1%), राजस्थान (26.8%), झारखंड (26.3%) में शहरी आबादी 35.4% के राष्ट्रीय औसत से कम है।
- गुजरात (49.2%), हरियाणा (42.7%) और पंजाब (42%) अग्रणी शहरी आबादी वाले राज्यों में हैं।
- हिमाचल (10.3%) सबसे कम शहरी आबादी वाला राज्य। बिहार (12.4%) दूसरे, असम (15.7%) तीसरे, ओडिशा (19%) चौथे पर।
- संख्या के आधार पर महाराष्ट्र नंबर वन है। यहां देश की 12.5% (6.2 करोड़) शहरी आबादी रहती है। यूपी में 5.75 करोड़ और तमिलनाडु में 4.17 करोड़ आबादी शहरों में रहती है।
दक्षिण भारत में सबसे कम, उत्तर में सबसे ज्यादा आबादी बढ़ी दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या की ग्रोथ रेट तेजी से घट रही है। इसकी तुलना में उत्तरी राज्यों में बढ़ रही है।
2011 से 2024 के बीच दक्षिण में यह 12% रही और उत्तर में 29% पर पहुंच गई। 2001 से 2011 के बीच दक्षिण में यह दर 15% थी और उत्तर में 27% थी।