पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेजों में थ्रेट नेक्सस (धमकी देकर उत्पीड़न करने वाला गिरोह) को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में गुरुवार (26 सितंबर) को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस टी एस शिवगणनम की बेंच ने कहा कि अगर इनमें से एक भी आरोप सही पाया जाता है, तो यह मामला बेहद गंभीर है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से 21 नवंबर तक जवाब मांगा है। साथ ही नेशनल मेडिकल कमीशन और पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल को भी मामले में अपनी राय देने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता का आरोप- जूनियर डॉक्टरों का शोषण किया जाता है राज्य के मेडिकल कॉलेजों में थ्रेट कल्वर को लेकर एक डॉक्टर और एक सोशल वर्कर ने याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की दलील है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में परीक्षा की आंसर-की बिक्री, रिश्वतखोरी, यौन उत्पीड़न और स्टूडेंट्स के साथ गलत व्यवहार हो रहा है। याचिका में नॉर्थ बंगाल लॉबी का भी जिक्र किया, इसके बारे में वह बताते है कि यह ट्रांसफर और प्रमोशन के लिए दबाव डालती है।
याचिकाकर्ता ने नेक्सस से जुड़े कुछ लोगों के नाम भी बताए याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को कुछ लोगों के नाम दिए, जिन्हें उन्होंने थ्रेट नेक्सस के लीडर बताया और दावा किया इनमें से कुछ को राज्य सरकार ने दूसरे अस्पतालों में ट्रांसफर कर दिया है और कुछ को सस्पेंड कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा, अगर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह दूसरे कॉलेजों में भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।