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हरियाणा कांग्रेस ने 13 बागियों को निकाला:अब तक 16 नेताओं पर कार्रवाई; इनमें से 8 निर्दलीय लड़ रहे, बाकी पार्टी उम्मीदवारों के विरोध में

हरियाणा कांग्रेस ने 13 बागियों को निकाला:अब तक 16 नेताओं पर कार्रवाई; इनमें से 8 निर्दलीय लड़ रहे, बाकी पार्टी उम्मीदवारों के विरोध में

बल्लभगढ़2 घंटे पहले

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने बागी नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने 11 विधानसभाओं के 13 नेताओं को एक साथ निष्कासित कर दिया है। कारण बताया गया है कि ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।

बताया जा रहा है कि ये सभी नेता हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने और पार्टी की ओर से उनकी अनदेखी किए जाने से नाराज थे। इसलिए, कुछ नेता निर्दलीय ही कांग्रेस उम्मीदवार के सामने चुनावी मैदान में उतर गए थे, और कुछ नेता पार्टी उम्मीदवार को सपोर्ट नहीं कर रहे थे।

पार्टी से निकाले गए नेताओं में ये शामिल पार्टी अध्यक्ष चौधरी उदयभान की सिफारिश पर 13 नेताओं को निष्कासित किया गया है। इनमें कलायत विधानसभा सीट से टिकट कटने से निर्दलीय चुनाव लड़ रही अनीता ढुल, पानीपत ग्रामीण से विजय जैन, आरक्षित सीट गुहला से नरेश ढांडे, जींद से प्रदीप गिल, पुंडरी से सज्जन सिंह ढुुल और सुनीता बट्‌टन को 6 साल के लिए निकाला है।

वहीं, आरक्षित विधानसभा सीट निलोखेरी से राजीव गोंदर और दयाल सिंह सिरोही, उचानां कलां से दिलबाग संडील, दादरी से अजीत फोगाट, भिवानी से अभिजीत सिंह, आरक्षित सीट बवानी खेड़ा से सतवीर रतेड़ा और पृथला विधानसभा से नीत मान को पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित किया गया है।

13 नेताओं को कांग्रेस से निकालने का आदेश…

3 नेता पहले ही निकाले जा चुके इससे पहले गुरुवार को पार्टी ने फरीदाबाद की तिगांव विधानसभा से विधायक रहे ललित नागर को भी 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। ललित नागर तिंगाव से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने यशपाल नागर के बेटे रोहित नागर को टिकट दिया। इसके बाद ललित नागर बागी हो गए। वह तिगांव से ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

नागर के अलावा पार्टी अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरीं चित्रा सरवारा और बहादुरगढ़ सीट से टिकट कटने पर नाराज हुए राजेश जून पर कार्रवाई कर 6 साल के लिए निष्कासित कर चुकी है। कुल मिलाकर पार्टी ने अब तक 16 नेताओं पर कार्रवाई की है।

ललित नागर को निष्कासित करने का जारी लेटर…

ये नेता निर्दलीय लड़ रहे जींद से प्रदीप गिल को कांग्रेस से टिकट का दावेदार माना जा रहा था। वहीं, दिलबाग संडील उचाना विधानसभा से कांग्रेस के दावेदारों की लिस्ट में शामिल थे, लेकिन कांग्रेस ने जींद विधानसभा से महावीर गुप्ता को और उचाना से पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को टिकट दिया। इसके बाद दोनों नेताओं ने निर्दलीय नॉमिनेशन कर दिया।

इसके अलावा भिवानी की बवानी खेड़ा सीट से टिकट मांग रहे सतबीर रतेरा भी अब निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। वहीं, फरीदाबाद की पृथला सीट से नीतू मान भी निर्दलीय लड़ रही हैं।

2019 में मिली थी हार उधर, ललित नागर 2014 से 2019 तक कांग्रेस पार्टी से तिगांव से विधायक रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें 2019 में भी टिकट दिया, लेकिन भाजपा के प्रत्याशी राजेश नागर ने उन्हें हार दिया था।

टिकट कटने पर फूट-फूट कर रोए थे ललित टिकट कटने पर पूर्व विधायक ललित नागर सभा में फूट-फूट कर रोए थे। इस दौरान ललित ने कहा था कि उनके साथ धोखा हुआ। उन्होंने विधायक रहते इलाके के विकास में कोई कमी रहने नहीं दी। कभी भी किसी के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई। उन्हें पूरा भरोसा था कि इस बार टिकट जरूर मिलेगी, लेकिन कांग्रेस ने उनके साथ छल किया और अंतिम लिस्ट में उनका नाम काट दिया।

उन्होंने कहा था कि यदि उनके इलाके की 36 बिरादरी चाहती है कि वह चुनाव लड़े तो वह चुनाव लड़ेंगे। जनता अगर मना करेगी तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके बाद ललित ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा था।

टिकट कटने पर ललित नागर सभा में फूट-फूट कर रोए थे।

राजेश जून और चित्रा सरवारा​​​​​ को भी पार्टी से निकाला 24 सितंबर को झज्जर जिले की बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजेश जून को कांग्रेस ने पार्टी से निकाला था। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद 6 साल के लिए निकाला गया है।

राजेश जून बहादुरगढ़ से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देकर राजेंद्र सिंह जून को उम्मीदवार बनाया है। इसके कारण उन्होंने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया।

चित्रा पर सबसे पहले कार्रवाई सबसे पहले कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त नेता चित्रा सरवारा को निकाल दिया था। उन्होंने कांग्रेस से टिकट न मिलने पर अंबाला कैंट विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया है।

अंबाला कैंट से पार्टी ने परविंदर परी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज यहां से उम्मीदवार हैं। बता दें कि चित्रा सरवारा अंबाला सिटी से कांग्रेस कैंडिडेट निर्मल सिंह की बेटी हैं।

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