Headlines

SC बोला- गरीब दलित को IIT धनबाद में एडमिशन दो:ऐसा टैलेंट जाने नहीं दे सकते; फीस के 17500 रुपए नहीं जुटा पाया था

उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर का गरीब छात्र अतुल कुमार अब IIT धनबाद में पढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 30 सितंबर को दाखिला देने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा, ‘प्रतिभाशाली छात्रों को निराश नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे टैलेंट को जाने नहीं दे सकते।’ CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट में मौजूद छात्र से कहा, ऑल द बेस्ट, अच्छा करिए।

दरअसल, अतुल को पैसों की तंगी की वजह से एडमिशन नहीं मिल पाया था। वह समय पर फीस के 17,500 रुपए नहीं जुटा पाया था। जब पैसों का इंतजाम हुआ, तो फीस जमा करने का समय निकल चुका था। इसलिए उसे दाखिला नहीं मिला।

अतुल ने हार नहीं मानी। उसने पहले झारखंड हाईकोर्ट, फिर मद्रास हाईकोर्ट में अपील की। आखिरी में वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

बहन के साथ छात्र अतुल कुमार।

कोर्ट रूम Live

  • CJI: ‘हम इतने प्रतिभाशाली लड़के को जाने नहीं दे सकते। वह झारखंड लीगल सर्विसेस गया। फिर उसे चेन्नई लीगल सर्विसेस भेजा गया। इसके बाद उसे हाईकोर्ट भेजा जाता है। वह एक दलित लड़का है, जिसे इधर-उधर दौड़ाया गया।’
  • आईआईटी प्राधिकारी: ‘यह अंतिम समय में लॉगिन नहीं था। मॉक इंटरव्यू में उन्हें भुगतान करने के लिए कहा गया था। भुगतान पूरा करने के लिए NIC ने उन्हें एक एसएमएस भेजा था। IIT ने उन्हें दो वॉट्सऐप चैट भेजे।
  • CJI: वह एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा है। कुछ ऐसा कहा जाता है तो ठीक है। हम जानते हैं कि तकनीक अच्छी है।
  • याचिकाकर्ता के वकील: उसके परिवार की दैनिक आय 450 रुपए है। 17,500 रुपए की व्यवस्था करना बहुत बड़ी बात है। उसने ग्रामीणों से पैसा लिया था।
  • CJI: अनुच्छेद 142 में.. कुछ मामले हैं जिनमें हम कानून को थोड़ा अलग रख देते हैं।

कोर्ट ने फैसले में छात्र को हॉस्टल सहित सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जो छात्र आईआईटी धनबाद में दाखिला ले चुके हैं, उनके दाखिले पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि छात्र को अतिरिक्त सीट पर एडमिशन दिया जाएगा।

अतुल पढ़ाई के साथ परिवार का भी हाथ बंटाता है।

अतुल की 1455 रैंक आई थी, पिता टेलर

  • अतुल मुजफ्फरनगर में खतौली क्षेत्र के टिटोडा गांव का रहने वाला है। पिता राजेंद्र कुमार टेलर हैं। अतुल ने बताया, ‘इस बार जॉइंट इंजीनियरिंग एग्जाम मद्रास आईआईटी ने कराई थी। रैंक 1455 के आधार पर आईआईटी धनबाद में एडमिशन लेना था। 24 जून की शाम 5 बजे तक फीस जमा करना था। लेकिन, परिवार रुपए नहीं जुटा सका।’
  • पिता राजेंद्र ने बताया, ‘गांव के ही एक व्यक्ति ने रुपए देने की बात कही थी। लेकिन, वक्त पर रुपए नहीं दिए। फीस का इंतजाम करने में शाम 4:45 बज गए। जब तक वेबसाइट पर डेटा अपलोड करते, समय समाप्त हो गया।

छात्र ने पहले एससी-एसटी आयोग में प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन, कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद छात्र पहले झारखंड हाईकोर्ट और फिर मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा। मद्रास हाईकोर्ट के बाद प्रकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

अतुल के दो भाई भी आईआईटियन हैं।

मजदूर के परिवार में तीसरा आईआईटियन राजेंद्र के दो बेटे पहले ही आईआईटी की पढ़ाई कर रहे हैं। एक बेटा मोहित कुमार हमीरपुर और दूसरा बेटा रोहित खड़गपुर आईआईटी से इंजीनियरिंग कर रहा है। तीसरे बेटे अतुल ने कानपुर में टेस्ट दिया था। वहीं चौथा बेटा अमित खतौली में पढ़ाई कर रहा है। जबकि माता राजेश देवी ग्रहणी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Budget 2024