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असली NCP किसकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली:बेंच बिना मामला सुने उठी; शरद गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले फैसले की मांग की

असली NCP किसकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली:बेंच बिना मामला सुने उठी; शरद गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले फैसले की मांग की

नई दिल्ली7 मिनट पहले
जुलाई 2023 में अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) तोड़कर भाजपा सरकार के गठबंधन में शामिल हो गए थे।

अजीत पवार गुट और शरद पवार गुट के बीच असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को लेकर चल रहे मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई नहीं हुई। हालांकि अगली सुनवाई कब होगी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

25 सितंबर को हुई सुनवाई में शरद पवार एनसीपी गुट के वकील ने अपील की थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले का निपटारा करें।

इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जवल भुइयां की बेंच ने मामले की सुनवाई 1 अक्टूबर के लिए तय की थी।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ था… पिछली सुनवाई में शरद पवार के वकील ने दावा किया कि अजित पवार ने शरद पवार को अपना भगवान बताया है और कहा है कि वे सभी एक साथ हैं। वकील ने कहा कि अजित पवार गुट ने अदालत के पिछले आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए कोर्ट अजित पवार गुट को विधानसभा चुनावों के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए अप्लाई करने का निर्देश दे।

दरअसल, शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके चुनाव आयोग के 6 फरवरी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अजित पवार समूह को आधिकारिक तौर पर असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की मान्यता दी गई थी और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया गया था।

शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की थी, ताकि अजित पवार गुट को NCP और उसके चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल करने से रोका जा सके।

पूरा मामला क्या है…

6 फरवरी: चुनाव आयोग ने अजीत गुट को असली NCP माना, शरद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

6 फरवरी को चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में NCP कार्यालय में अजित पवार के समर्थकों ने जश्न मनाया।

चुनाव आयोग ने भी इसी साल 6 फरवरी को अजित पवार गुट को ही असली NCP माना था। साथ ही आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए 7 फरवरी की शाम 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा था।

चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया था। आयोग ने कहा कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की।

जिसके खिलाफ पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की इस याचिका को अर्जेंट सुनवाई के लिए स्वीकार किया था।

शरद की ओर से वकील अभिषेक जेबराज ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा का 20 फरवरी को स्पेशल सेशन बुलाया गया है।

अजित गुट की ओर से व्हिप जारी किया जा सकता है। इसलिए इस केस को तुरंत सुना जाए।

शरद पवार ने 11 फरवरी को कहा था – इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिसने पार्टी की स्थापना की, उसके हाथ से पार्टी लेकर किसी और को सौंपी गई।

मुझे भरोसा है कि लोग चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे। इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को राहुल नार्वेकर को बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया था। पूरी खबर पढ़े…

15 फरवरी: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने अजित गुट को असली NCP बताया

महाराष्ट्र स्पीकर राहुल नार्वेकर को सुप्रीम कोर्ट ने NCP विधायकों की अयोग्यता पर 15 फरवरी तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था।

इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को अजीत पवार के गुट को असली NCP की मान्यता दी थी। उन्होंने अजीत गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग भी खारिज कर दी थी।

स्पीकर ने कहा था कि संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल विरोधी कानून का उपयोग आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता। जब जुलाई 2023 में NCP विभाजित हुई थी तब अजीत पवार गुट के पास 53 में से 41 विधायकों का “भारी विधायी बहुमत” था। पूरी खबर पढ़ें…

अजित ने 5 जुलाई को कहा था- अब मैं NCP चीफ अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया।

इसके बाद अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।

अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCP के नाम-निशान पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को लेटर भेजा था। वहीं, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 मंत्रियों सहित 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।

शरद से बगावत के बाद अजित ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है, इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है। आयोग में याचिका दायर करके अजित ने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज पेश किए थे।

29 जुलाई की सुनवाई में कोर्ट ने अजित गुट से जवाब मांगा था शरद गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर द्वारा अजित गुट को असली NCP घोषित करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की। कोर्ट ने अजित पवार और उनके गुट के 40 विधायकों से मामले में जवाब मांगा था।

शरद गुट की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो जाने का तर्क देते हुए जल्द सुनवाई की मांग की। इस पर बेंच ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर इसी तरह की याचिका पर सुनवाई के बाद शरद गुट की इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

CJI ने कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे और अंत में सभी आपत्तियों पर सुनवाई की जाएगी। इसमें अन्य रिस्पॉन्डेंट्स को भी दस्ती (नोटिस देने का एक तरीका) देने की स्वतंत्रता है। दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट को असली शिवसेना घोषित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

NCP केवल 2 राज्यों में सीमित सन् 2000 के तत्कालीन चुनाव परिणामों के आधार पर NCP का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 10 अप्रैल 2023 को छिन गया था। अब यह केवल महाराष्ट्र और नगालैंड में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता रखती है।

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