सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों की उस प्रैक्टिस की निंदा की, जिसमें एक ही मामले को अलग-अलग वकील तत्काल सुनवाई के लिए लिस्ट कराते हैं।
उन्होंने कहा- वे ऐसा नहीं होने देंगे, क्योंकि इससे उनकी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर लग जाती है। वकील केस लिस्ट कराने के लिए जोखिम उठाते हैं। इस प्रथा को रोका जाए।
CJI ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के रूप में मेरे पास जो भी थोड़ा बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा, क्योंकि इस अदालत को धोखा देने की कोशिश की जा रही है।
तीन अलग-अलग वकील लाओ और देखो, जज पलक झपकाते हैं और आपको आदेश मिल जाता है। इस अदालत में यही हो रहा है। मैं ऐसा नहीं करूंगा।
दरअसल, मंगलवा को एक वकील ने खनन पट्टे की समाप्ति से संबंधित एक मामले को तत्काल सुनवाई के लिए लिस्ट कराया था। इसी पर सीजेआई ने टिप्पणी की ।
वकील के Ya.. Ya.. Ya.. बोलने पर CJI नाराज हुए, बोले- Yes कहिए, यह कोर्ट है, कॉफी शॉप नहीं CJI डीवाई चंद्रचूड़ 30 सितंबर को एक सुनवाई के दौरान वकील के अंग्रेजी में ‘या.. या..’ कहने पर नाराज हो गए। उन्होंने वकील को डांटते हुए कहा- यह कोई कॉफी शॉप नहीं है। ये क्या है या.. या..। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। इसकी परमिशन नहीं दी जा सकती। आप Yes बोलिए।
डांट सुनने के बाद वकील ने बताया कि वह पुणे का रहने वाला है। वह मराठी में दलीलें देने लगा, इस पर CJI ने भी मराठी में ही उसे समझाने की कोशिश की। दरअसल, याचिका पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ इन हाउस जांच की मांग को लेकर लगाई गई थी। CJI चंद्रचूड़ ने वकील से केस से पूर्व CJI का नाम हटाने का निर्देश दिया है। पूरी खबर पढ़ें…
CJI बोले- SC के जजों के पास सातों दिन काम, शनिवार को फैसला लिखवाते और रविवार को सोमवार की फाइल पढ़ते हैं
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों की छुट्टी और पेंडिंग केस की गति को लेकर कहा- सुप्रीम कोर्ट के जज सातों दिन काम करते हैं। सोमवार से शुक्रवार तक 40-50 मामले निपटाते हैं, शनिवार को छोटे केसेस पर सुनवाई होती है। इसी दिन सुरक्षित रखे गए फैसलों को लिखवाया जाता है। रविवार को सोमवार के केस पढ़े जाते हैं।
दरअसल, PM के इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के मेंबर संजीव सान्याल ने हाल ही में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जज बहुत अधिक छुट्टियां ले रहे हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट के कई जजों ने असहमति जताई थी। CJI चंद्रचूड़ ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में स्पीच के दौरान इसी बात का जवाब दिया।
CJI ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के जज छुट्टी के दौरान संवैधानिक मुद्दों पर विचार करते हैं। हमारे लिए यह करना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि संवैधानिक मामले देश की सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति के साथ-साथ लोगों के अधिकारों को भी प्रभावित करते हैं। पूरी खबर पढ़ें…