हाथ में तिरंगा लेकर सिद्धारमैया के जूते खोलने पर विवाद:बेंगलुरु में गांधी जयंती कार्यक्रम में आए थे CM; BJP बोली- यही कांग्रेस की संस्कृति
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक नए विवाद में घिर गए हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि एक कांग्रेस कार्यकर्ता हाथ में तिरंगा लेकर सिद्धारमैया के जूते उतार रहा है।
मामला बुधवार का है। सिद्धारमैया बेंगलुरु में महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में आए थे। इस दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से पहले एक कार्यकर्ता सिद्धारमैया का जूता उतारने में मदद करने लगा।
वह अपने हाथ से जूते का फीता खोलने लगा, इस दौरान वह अपने हाथ में एक छोटा तिरंगा भी पकड़े था। थोड़ी देर में सीएम सिद्धारमैया की सुरक्षा में तैनात एक कर्मचारी ने उसके हाथ से झंडा ले लिया।
वीडियो सामने आने के बाद से सिद्धारमैया की आलोचना हो रही है। सिद्धारमैया पहले ही मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले को लेकर भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) के निशाने पर हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी ने एक्स पर लिखा- यह अपमान है और कांग्रेस की “संस्कृति” दिखाता है। यह राष्ट्र के गौरव का अपमान है। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई।
MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसुरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी।
हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था।
प्लॉट वापस लेने को तैयार हुई MUDA, 30 सितंबर को सिद्धारमैया की पत्नी ने लिखी थी चिट्ठी मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) 1 अक्टूबर को CM सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. की तरफ से लौटाए 14 प्लॉट वापस लेने को तैयार हो गई है। पार्वती ने लेटर लिखकर प्लॉट लौटाने की बात कही थी। इसके बाद MUDA ने कहा था कि वे इसे वापस लेने से पहले कानूनी सलाह लेंगे, क्योंकि मामला जांच के दायरे में है।
वहीं, CM सिद्धारमैया ने पत्नी के जमीन लौटाने के फैसले पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ चल रहे राजनीतिक षड्यंत्र से आहत होकर मेरी पत्नी ने प्लॉट वापस करने का फैसला लिया है।
सिद्धारमैया ने कहा कि पत्नी के इस फैसले से मैं हैरान हूं। मेरी पत्नी ने मेरी चार दशक लंबी राजनीति में कभी हस्तक्षेप नहीं किया। वह मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार हुई है और मेंटल टॉर्चर झेल रही है।
सिद्धारमैया ने MUDA मामले में ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज करने पर भी सवाल उठाए। सिद्धारमैया ने कहा कि ED ने किस आधार पर केस दर्ज किया है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा नहीं है, क्योंकि हमें जमीन के बदले जमीन मुआवजे के तौर पर दी गई थीं। सिद्धारमैया ने कहा कि उनके खिलाफ बदले की राजनीति हुई है।
दरअसल, ED ने 30 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इससे पहले मैसुरु लोकायुक्त ने 27 सितंबर को सभी के खिलाफ केस दर्ज किया था। लोकायुक्त ने 1 अक्टूबर से मामले की जांच शुरू कर दी है।
CM की पत्नी बोलीं- राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें
30 सितंबर को ED के केस दर्ज करने के कुछ घंटों बाद CM सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती ने MUDA को मुआवजे में मिली जमीन लौटाने की पेशकश की थी। बीएन पार्वती ने MUDA कमिश्नर को लेटर लिखा, जिसे CM कार्यालय ने देर रात शेयर किया।
पार्वती ने लेटर में लिखा-
मुझे कसाबा होबली के केसारे गांव में मेरे 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन के बदले मैसुरु में विजयनगर के तीसरे और चौथे फेज में 14 वैकल्पिक प्लॉट आवंटित किए गए थे। मैं सेल डीड कैंसिल करके 14 साइटों को वापस करना चाहती हूं। मैंने यह फैसला उसी दिन लिया था जिस दिन आरोप लगे थे। मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और मीडिया से अपील करती हूं। कृपया राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें। उन्हें राजनीतिक विवादों में शामिल करके उनकी गरिमा और सम्मान को नुकसान न पहुंचाएं।
सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं
- सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत कसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है।
- स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर MUDA साइट को पारिवारिक संपत्ति का दावा करने के लिए डॉक्युमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
- 1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे। भले ही सीधे तौर पर वे इस घोटाले से न जुड़े हों, लेकिन उन्होंने अपने पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों की मदद की।
- सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डेनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी। 2004-05 में कर्नाटक में फिर कांग्रेस-JDS गठबंधन की सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी CM थे।
- योजना के तहत, जिन लैंड ओनर्स की भूमि MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई है। उन्हें मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं। साथ ही रियल एस्टेट एजेंट्स को भी इस स्कीम में जमीन दी गई है।
- भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक RTI एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में 50:50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं।
- भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह 3 हजार से 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। इसमें सिद्धारमैया का परिवार शामिल है। कांग्रेस इस पर चुप्पी साधे हुए है। राज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं, उनका शुक्रिया।