BJP उम्मीदवार को बागी ने संकट में डाला:वोट बंटे तो होगा नुकसान, कांग्रेस को इसी से फायदा, सीट पर तिकोना मुकाबला
हरियाणा की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली गुरुग्राम विधानसभा सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी है। गुरुग्राम हरियाणा का ऐसा जिला है, जहां शत प्रतिशत इलाका शहरी है। भाजपा ने यहां ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए मुकेश शर्मा को टिकट दिया है। इससे नाराज होकर भाजपा नेता नवीन गोयल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। नवीन गोयल के आने के बाद यहां मुकाबला अप्रत्याशित हो चुका है।
इस सीट पर कांग्रेस ने पंजाबी समाज से आने वाले मोहित ग्रोवर को मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने डॉ. निशांत आनंद, जजपा-असपा ने अशोक जांगड़ा और इनेलो-बसपा ने गौरव भाटी को टिकट दिया है।
नवीन गोयल 11 साल से गुरुग्राम में एक्टिव हैं। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्हें वोटरों की सहानुभूति मिल रही है, जो सीधे तौर पर भाजपा के लिए नुकसानदायक है। 5 अक्टूबर को वोटिंग से पहले दैनिक भास्कर चुनावी माहौल जानने के लिए फील्ड में पहुंचा।
लोगों का कहना है कि जिस तरह से चुनाव प्रचार चल रहा है, उसके मुताबिक 8 अक्टूबर को परिणाम किसी के भी पक्ष में हो सकते हैं। इस हार-जीत का केंद्र बिंदू नवीन गोयल रहने वाले हैं। अगर नवीन भाजपा के वोटों को काटने के साथ पंजाबी वोटरों का मन मोह लेते हैं तो वे जीत की ओर बढ़ेंगे। अगर भाजपा के वोट काटने तक सीमित रहते हैं तो कांग्रेस चुनाव में आगे निकल जाएगी।
5 पॉइंट्स में समझें गुरुग्राम विधानसभा के समीकरण
- गुरुग्राम सीट पर 13 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। यहां 6 बार कांग्रेस, 3 बार भाजपा चुनाव जीत चुकी है। 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां अच्छे मार्जिन से चुनाव जीते। इस बार भाजपा के सामने एंटी इनकंबेंसी है।
- गुरुग्राम में 4,43,593 वोटर हैं। जिनमें सबसे ज्यादा पंजाबी हैं, जो 1 लाख से अधिक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में मोहित ग्रोवर ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए करीब 48 हजार वोट हासिल किए थे। यही कारण है कि कांग्रेस ने पंजाबी समाज से आने वाले मोहित ग्रोवर को ही टिकट दिया। यहां 40 हजार के करीब जाट वोटर भी हैं, जो अधिकतर हुड्डा समर्थक हैं।
- यहां ब्राह्मण और वैश्य समाज के करीब 50-50 हजार वोट हैं। पिछले चुनावों को ट्रेंड देखें तो दोनों समाज का रुख भाजपा की तरफ ही रहा है। पिछले 2 चुनाव में भाजपा ने वैश्य समाज से आने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिया था और उन्होंने जीत भी हासिल की। इस बार नवीन गोयल भाजपा को सीधा नुकसान पहुंचाएंगे।
- भाजपा के मुकेश शर्मा और पार्टी के ही बागी नवीन गोयल में टक्कर चल रही है। जिससे कांग्रेस के मोहित ग्रोवर को फायदा हो सकता है। काउंटिंग के दौरान नवीन का ग्राफ जीतना ऊपर उठेगा, इसका सीधा फायदा कांग्रेस को होगा।
- गुरुग्राम में आज तक ब्राह्मण विधायक नहीं बना है। इसलिए भाजपा ने वैश्य समाज के बजाय ब्राह्मण उम्मीदवार पर दांव खेला। भाजपा ब्राह्मण समाज को नाराज नहीं करना चाहती। यहां से जीएल शर्मा भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। यहां सबसे ज्यादा 4 बार जाट, 4 बार पंजाबी, 3 बार वैश्य विधायक बने हैं। पिछले तीन चुनाव में यहां पंजाबी विधायक नहीं बन पाया है, जबकि यहां सबसे ज्यादा इसी समाज के वोट हैं।
भाजपा के 10 साल के कार्यकाल पर वोट मांग रहे मुकेश
मुकेश शर्मा ने 2009 में भाजपा के टिकट पर पहली बार बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। तब वह चौथे नंबर पर रहे। 2014 में बादशाहपुर से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा से बगावत कर दी और निर्दलीय उतर गए। इस चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बादशाहपुर के बाद मुकेश शर्मा ने गुरुग्राम विधानसभा सीट पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी।
इस चुनाव में वह जनता के बीच जाकर कह रहे हैं कि 10 साल केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है। कई फैसले लिए गए, जिससे हरियाणा का विकास हुआ है। हम इसी पॉलिसी के तहत आगे बढ़ेंगे। गुरुग्राम का विकास होगा। जाम की समस्या को दूर करने के लिए अंडरपास व फ्लाईओवर बनाएंगे, जिसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हरी झंडी मिल चुकी है।
भाजपा की नीतियों के खिलाफ वोट मांग रहे मोहित ग्रोवर
कांग्रेस उम्मीदवार मोहित ग्रोवर के पिता स्व. मदनलाल ग्रोवर का पंजाबी समाज में अच्छा होल्ड रहा है। वह समाज के प्रधान भी रह चुके हैं। 2019 विधानसभा चुनाव में मोहित ग्रोवर ने गुरुग्राम से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। तब वह 48638 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे। कुछ महीने पहले सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मोहित ग्रोवर की कांग्रेस में एंट्री कराई।
इस चुनाव में मोहित जनता के बीच जाकर भाजपा को उनके 10 साल के कार्यकाल पर टारगेट कर रहे हैं। वह भाजपा की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि 10 साल में गुरुग्राम में कोई विकास नहीं हुआ। यहां सड़कें टूटी हुई पड़ी हैं।
नवीन विकास के मुद्दे पर वोट मांग रहे
नवीन गोयल इस बार भाजपा से टिकट मांग रहे थे। टिकट दावेदारों में उनका नाम सबसे ऊपर माना जा रहा था। हालांकि भाजपा ने यहां मुकेश शर्मा को टिकट दे दिया। इसके बाद नवीन गोयल बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव में उतरने का फैसला किया।
इस चुनाव में उन्होंने जनता के लिए संकल्प पत्र भी जारी किया है। जिसमें उन्होंने महिलाओं के लिए अस्पतालों में डिलीवरी की अच्छी सुविधा, गर्ल्स हॉस्टल, देवीलाल स्टेडियम में खेल सुविधाओं में वृद्धि, सीवरेज व्यवस्था ठीक करना, मेट्रो लाइन का विस्तार, पार्किंग समस्या का समाधान, बस स्टैंड और ऑटो स्टैंड का सुधारीकरण जैसे वादे किए हैं।
नवीन गोयल का कहना है कि वे 11 साल से शहर की समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। आगे भी वे इसे जारी रखेंगे। लोग उन्हें विकास के मुद्दे पर वोट देंगे। वे गुरुग्राम को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने की कोशिश करेंगे।
क्या कहते हैं गुरुग्राम के वोटर…
रामकिशन ने कहा- बिरादरीवाद में वोट बंट रहे
रामकिशन का कहना है कि समीकरण तो भाजपा के हैं। बिरादरीवाद की वजह से कुछ लोग खराब कर रहे हैं। लोग भाजपा के साथ हैं, लेकिन बिरादरी की वजह से वोट बंट रहे हैं। ये लोग अपने आप को बांट रहे हैं। नवीन गोयल भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे हैं, चाहे वह कितनी भी वोट की क्यों न हो। कांग्रेस ने जानबूझकर पंजाबी समाज का उम्मीदवार खड़ा किया। भाजपा ने मुकेश शर्मा को खड़ा किया। सभी पार्टियां भाजपा के खिलाफ हैं।
राम बोले- भाजपा से लोग परेशान
राम कहते हैं कि गुरुग्राम में हालात काफी खराब है। यहां सड़कें टूटी हुई हैं। पानी और जाम भी बड़ी समस्या है। भाजपा से लोग परेशान हो चुके हैं। इस बार मोहित चुनाव जीतेंगे। जनता बदलाव की मांग कर रही है। मोहित मेहनत भी अच्छी कर रहे हैं।
राजेश शर्मा बोले- नवीन ऊपर, पार्टियों से मतलब नहीं
राजेश शर्मा कहते हैं कि अभी निर्दलीय उम्मीदवार नवीन गोयल ऊपर चल रहे हैं। गुरुग्राम की जनता को किसी पार्टी से मतलब नहीं है। यहां के लोगों को सिर्फ विकास चाहिए। नवीन पिछले 5 साल से जनता के बीच तन, मन, धन से लगे हुए हैं। उन्होंने लोगों को काम करके दिखाए हैं। अगर किसी ने उन्हें काम के लिए फोन किया है तो वह हुआ है। सामाजिक काम में वह कभी पीछे नहीं रहे।
चंद्रभान गोयल ने कहा- यहां त्रिकोणीय मुकाबला
चंद्रभान गोयल का कहना है कि यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। इनमें मुकेश शर्मा, नवीन गोयल और मोहित ग्रोवर हैं। नवीन की वजह से भाजपा मुश्किल में है। 10 साल राज करने वाली पार्टी के खिलाफ नाराजगी होती है। यह नेचुरल चीज है। प्रत्याशियों का चयन सिर्फ गुरुग्राम की समस्या नहीं है। नवीन ने साबित कर दिया कि वह टिकट का दावेदार था। वह बहुत अच्छी फाइट के अंदर है। हालांकि, फैसला 8 अक्टूबर को होगा।
अवतार बोले- पिछले विधायक से नाराजगी
अवतार सिंह राणा का कहना है कि गुरुग्राम में मुद्दों की लड़ाई है। जनता भाजपा के साथ है। पिछला विधायक ठीक नहीं था। चुनाव से पहले अक्सर यहां पार्क में घूमा करते थे। इसके बाद घर से नहीं निकले, काम तो क्या करेंगे। महंगाई मुद्दा नहीं है। अब कमाई भी बढ़ी है। आज 10 लाख वाला मकान एक करोड़ रुपए का है।
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