बदलापुर यौन शोषण केस, स्कूल प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी गिरफ्तार:मुख्य आरोपी की एनकाउंटर में मौत हो चुकी; बॉम्बे हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों से यौन शोषण मामले में पुलिस ने स्कूल प्रेसिडेंट उदय कोटवाल और सेक्रेटरी तुषार आप्टे को गिरफ्तार किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर को कोतवाल और आप्टे की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। ठाणे क्राइम ब्रांच दोनों को SIT को सौंपेगी, जो पूरे मामले की जांच कर रही है।
बदलापुर में 12 और 13 अगस्त को स्कूल के गर्ल्स वॉशरूम में एक स्वीपर ने किंडरगार्टन में पढ़ने वाली 3 और 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया था। मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था। 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई।
मुख्य आरोपी के एनकाउंटर केस में गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट से आरोपी की हिरासत में मौत की जांच रिपोर्ट 18 नवंबर तक जमा करने को कहा है।
पिछली सुनवाई में बॉम्बे HC ने पूछे थे 3 सवाल 25 सितंबर की सुनवाई ने कोर्ट ने एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठाए थे। कोर्ट ने पूछा था- हम कैसे मान लें कि 4 अफसर एक आरोपी को संभाल नहीं पाए। हथकड़ी भी लगी थी, अगर सेल्फ डिफेंस जैसी स्थिति थी तो आरोपी के पैर पर गोली मारते हैं, सिर में नहीं।
बेंच ने कहा- अगर गोली चलाने वाला अफसर असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर है, तब वह यह नहीं कह सकता कि उसे रिएक्ट कैसे करना है, इसकी जानकारी नहीं थी। उसे पता होना चाहिए कि फायर कहां करना है।
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के सवाल, राज्य सरकार का जवाब… कोर्ट: जो अफसर अक्षय शिंदे को ले जा रहा था वो ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच से था?
राज्य सरकार: जी।
कोर्ट: जिस जगह घटना हुई, वो जगह खाली थी या फिर आसपास कॉलोनी और मकान थे?
राज्य सरकार: दाईं ओर पहाड़ियां थीं और बाईं तरफ एक छोटा सा कस्बा था। जैसे ही यह घटना हुई उसके तुरंत बाद अक्षय और घायल पुलिसवाले को अस्पताल ले जाया गया।
कोर्ट: किस अस्पताल ले गए, वो कितनी दूर था?
राज्य सरकार: कलवा के करीब शिवाजी हॉस्पिटल। करीब 25 मिनट का रास्ता था। सबसे करीब अस्पताल यही था।
कोर्ट: जब इतने गंभीर अपराध के आरोपी को ले जा रहे थे तो लापरवाही कैसे हो सकती है। SOP क्या है, क्या उसे हथकड़ी लगी थी?
राज्य सरकार: लगी थी, उसने पानी मांगा था।
कोर्ट: क्या आपने पिस्टल के फिंगर प्रिंट लिए थे?
राज्य सरकार: FSL ने फिंगर प्रिंट लिए थे।
कोर्ट: आप कह रहे हैं कि आरोपी ने 3 गोलियां चलाई थीं, पुलिस जवान को एक गोली लगी, बाकी 2 कहां गईं? आमतौर पर सेल्फ डिफेंस में हम पैर या हाथ पर गोली मारते हैं?
राज्य सरकार: अफसर ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया, उसने खाली रिएक्ट किया।
कोर्ट: हम कैसे मान लें कि गाड़ी में 4 अफसर थे और एक आरोपी को संभाल नहीं पाए?
राज्य सरकार: यह ऑन द स्पॉट रिएक्शन था।
बोले- आरोपी की पत्नी उसे हैवान कहती है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पुलिस ने अक्षय शिंदे पर सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई। शिंदे ने कहा कि अगर वो भाग जाता तो विपक्ष पूछता कि पुलिस के हाथों में बंदूक नहीं, शो पीस थे क्या। कहते कि हमने उसे भागने क्यों दिया।
शिंदे इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस एनकाउंटर पुलिसवाला घायल हुआ हमें पुलिस का सपोर्ट करना चाहिए। अक्षय शिंदे की 4 बीवियां थीं, एक भाग गई और उसने पुलिस में केस दर्ज कराया। उसने अक्षय पर अननैचुरल सेक्स का आरोप लगाया और कहा कि वो राक्षस है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बोले कि बदलापुर में जिन लड़कियों का रेप हुआ, वो आरोपी की बेटियों की उम्र की थीं। कल्पना कीजिए कि उन पर क्या गुजरी होगी। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।
हालांकि, 1 अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार ने अक्षय शिंदे के एनकाउंटर मामले की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस (सेवानिवृत्त) दिलीप भोसले की अगुवाई में एकल सदस्यीय आयोग जांच करेगा।
बदलापुर यौन शोषण केस, 3 पॉइंट में समझिए…
12-13 अगस्त: आरोपी ने 1 अगस्त को स्कूल जॉइन किया, 12 दिन बाद यौन शोषण बच्चियों से रेप का आरोपी अक्षय शिंदे स्कूल में स्वीपर का काम करता था। वह 1 अगस्त को ही कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। 12 और 13 अगस्त को उसने स्कूल के गर्ल्स वॉशरूम में किंडरगार्टन में पढ़ने वाली 3 और 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया।
घटना के बाद दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डर रही थीं। एक बच्ची के माता-पिता को शक हुआ तो उन्होंने बेटी से पूछताछ की। इसके बाद बच्ची ने सारी बात बताई। फिर उस बच्ची के माता-पिता ने दूसरी बच्ची के पेरेंट से बात की। इसके बाद दोनों बच्चियों का मेडिकल टेस्ट हुआ, जिसमें यौन शोषण का खुलासा हुआ।
17 अगस्त: आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया, बच्चियां अक्षय को दादा कहती थीं पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि बच्ची आरोपी शिंदे को दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) कहकर बुलाती थी। बच्ची के मुताबिक, ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई थी, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।
दोनों बच्चियों का परिवार जब केस दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा, तो पुलिस ने भी FIR दर्ज करने में टालमटोल की। पीड़ित परिवारों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। दो दिन बाद 16 अगस्त की देर रात पुलिस ने शिकायत दर्ज की। पुलिस ने 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया था।
20 अगस्त: लोगों ने ट्रेनें रोकी थीं, पुलिस पर पथराव किया, स्कूल में तोड़फोड की
घटना को लेकर भीड़ ने 20 अगस्त को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर प्रदर्शन किया था। 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही। शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया। तब पुलिस पर भीड़ ने पत्थरबाजी भी की थी।
कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए बदलापुर स्टेशन पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटना पड़ा था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने SIT गठित करने का ऐलान किया। इसके अलावा सरकार ने केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कही थी।
राज्य सरकार ने केस दर्ज करने में देरी के आरोप में बदलापुर थाने के महिला पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही प्रिंसिपल समेत कुछ स्कूल स्टाफ को भी सस्पेंड किया था।
आरोपी पर गोली चलाने वाले इंस्पेक्टर ने दाऊद के भाई को पकड़ा था बदलापुर के स्कूल में बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी अक्षय पर गोली चलाने वाले इंस्पेक्टर संजय शिंदे ठाणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल के हेड रह चुके हैं। वे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की टीम में भी थे। इसी टीम ने 2017 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 मार्च को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को आजीवन जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें 2006 में गैंगस्टर छोटा राजन के करीबी के फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी माना गया था। प्रदीप शर्मा की टीम के एनकाउंटर की कहानी पर डॉक्युमेंट्री सीरीज भी बन चुकी है।
संजय शिंदे के खिलाफ 2012 में इन्क्वायरी भी हुई थी। 2012 में दो हत्या मामलों का आरोपी विजय पलांडे पुलिस हिरासत से भाग निकला था। वह जिस SUV से भागा था, उसमें संजय की वर्दी मिली थी। वे साल 2000 में भी किडनैपिंग केस में विवादों में आए थे।