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12 लाख रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस मिलेगा:केंद्रीय कैबिनेट का फैसला; किसानों की 2 योजनाओं के लिए एक लाख करोड़ मंजूर

दिवाली के पहले रेलवे के कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस मिलेगा। यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को लिया गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए 2029 करोड़ रुपए के प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस को मंजूरी दी है।

उन्होंने बताया कि इस ऐलान से रेलवे के 11,72,240 कर्मचारियों का फायदा मिलेगा। सरकार ने प्रधानमंत्री-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) और कृषोन्नति योजना को भी मंजूरी दी है। इसके लिए 1,01,321 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।

कैबिनेट बैठक के 5 बड़े फैसले

  • मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिया जाएगा।
  • चेन्नई मेट्रो के फेज-2 के लिए 63,246 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
  • प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस योजना 20,704 पोर्ट कर्मचारियों के लिए भी मंजूर की गई है।
  • राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- तिलहन (NMEO-Oilseeds) के तहत तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 2024-25 से 2030-31 तक 10,103 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

शास्त्रीय भाषा घोषित किए जाने के 3 पैमाने

किसी भाषा को इस श्रेणी में लाने के लिए उस भाषा के कम से कम हजार साल के दौरान रिकॉर्ड किए गए इतिहास या शुरुआती ग्रंथ बेहद प्राचीन होने चाहिए। भाषा का एक प्राचीन साहित्य या ग्रंथों का संग्रह हो, जिसे कई पीढ़ियां मूल्यवान मानती हों। भाषा की साहित्यिक परंपरा मौलिक हो, किसी अन्य भाषा से उधार नहीं ली गई हो।

भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 2004 को ‘शास्त्रीय भाषाओं’ की एक नई श्रेणी बनाई थी और तमिल को शास्त्रीय भाषा घोषित किया था। इसके बाद 2005 में संस्कृत, 2008 में तेलुगु, 2008 में कन्नड़, 2013 में मलयालम और 2014 में उड़िया को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया गया।

एक महीने पहले 12 इंडस्ट्रियल सिटीज को मंजूरी मिली थी

सरकार नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 28,602 करोड़ रुपए निवेश करेगी।

इससे पहले 28 अगस्त को मंत्रिपरिषद बैठक में 12 नई इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी को मंजूरी दी गई थी। 10 राज्यों और छह प्रमुख कॉरिडोर से लगी ये इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी, मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में अहम छलांग साबित होंगी। सरकार नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इन पर 28,602 करोड़ रुपए निवेश करेगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि भारत में जल्द स्वर्णिम चतुर्भुज की रीढ़ पर इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी का एक भव्य हार होगा। इनसे 10 लाख प्रत्यक्ष, 30 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इन परियोजनाओं से 1.52 लाख करोड़ रुपए की निवेश क्षमता पैदा होगी।

मोदी ने 10 जून को पहली कैबिनेट बैठक की थी

तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम ने अगले ही दिन यानी 10 जून को मंत्रिपरिषद की पहली बैठक की थी। इसमें गरीबों के लिए तीन करोड़ नए घर बनाने को मंजूरी दी थी। इस स्कीम के तहत पिछले 10 साल में कुल 4.21 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। योजना के तहत घर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से आर्थिक मदद दी जाती है।

पीएम मोदी ने सम्मान निधि की फाइल पर भी साइन किए थे। केंद्र की किसान कल्याण योजना के तहत देश के 9.3 करोड़ किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है। इसे ही किसान सम्मान निधि कहा जाता है। मोदी ने इसकी 17वीं किश्त को मंजूरी दी थी।

PM जब 10 जून को कार्यालय पहुंचे तो उनका स्वागत हुआ था। इसके बाद उन्होंने पहली फाइल पर साइन किए थे।

3 लाख 60 हजार करोड़ में बनेंगे 3 करोड़ नए घर

केंद्रीय कैबिनेट ने 9 अगस्त को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 योजना को मंजूरी दी थी। योजना के तहत 3,60,000 करोड़ रुपए की लागत से तीन करोड़ घर बनाए जाने हैं। कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए आठ रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट में लिए फैसलों की जानकारी दी थी।

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 योजना के अनुसार EWS/LIG/मिडिल इनकम ग्रुप (MIG) सेगमेंट से संबंधित परिवार जिनके पास देश में कहीं भी कोई पक्का घर नहीं है, वे PMAY-U 2.0 के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के पात्र हैं। EWS 3 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवार हैं। LIG वे परिवार हैं जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से 6 लाख रुपए तक है। MIG परिवार 6 लाख रुपए से 9 लाख रुपए तक की आय वाले परिवार हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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