सूरत की आश्रम शाला में 35 छात्राओं का सेक्शुअल हैरेसमेंट:लड़कियों को नहाते हुए देखता, दवा देने के बहाने छेड़छाड़ करता था प्रिंसिपल
गुजरात में सूरत जिले के मांडवी तालुका के नरेना आश्रम शाला में छात्राओं के शारीरिक उत्पीड़न का शर्मनाक मामला सामने आया है। इस मामले में आरोपी टीचर के खिलाफ खुद आदिवासी विकास विभाग ने शिकायत दर्ज कराई है। छेड़छाड़ के इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब आदिवासी विभाग की एक टीम निरीक्षण के लिए शाला पहुंची थी।
इस दौरान 35 छात्राओं ने आरोपी प्रिंसिपल योगेश पटेल की ऐसी करतूतों का खुलासा किया, जिसे सुनकर विभाग की टीम दंग रह गई। फिलहाल आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। आपको बताते चलें कि यह नरेना आश्रम शाला आदिवासी और अनुसूचित जनजातियों के बच्चों के लिए है। यहां बच्चों को माध्यमिक स्तर की शिक्षा के साथ-साथ रहने व खाने-पीने की सुविधा भी दी जाती है।
विभाग की महिला अधिकारी को छात्राओं ने बताया कि प्रिंसिपल रात में टॉर्च लेकर उनके कमरे में पहुंच जाता था। वह उन्हें नहाते हुए भी देखता था। दवा देने के बहाने उनके साथ शारीरिक छेड़छाड़ करता था। आरोपी ने पांच-पांच, छह-छह छात्राओं के कई ग्रुप बने रखे थे, जिनसे आश्रम के अलग-अलग काम भी करवाता था। इस दौरान वह किसी न किसी बहाने उनके प्राइवेट पार्ट छूता था। उन्हें किस भी करता था।
अब आगे सिलसिलेवार सुनिए, छात्राओं की आपबीती
दवा देने के बहाने भी करता था छेड़छाड़
आरोपी की छेड़छाड़ का शिकार हुई कुछ छात्राओं ने बताया कि योगेश पटेल ने अपने कमरे में कई तरह की दवाईयां रखी हुई थीं। किसी भी छात्रा को सर्दी-जुखाम या बुखार होने पर वह खुद ही उन्हें दवाई देता था। दवा देने के बहाने उन्हें अपने कमरे में बुलाता था और उनके साथ शारीरिक छेड़छाड़ करता था।
रात में टॉर्च से छात्राओं को सोते हुए देखता था
विभाग की टीम ने छात्राओं ने यह भी बताया कि योगेश पटेल अक्सर रात को खिड़की से टॉर्च मारकर उन्हें सोते हुए देखता था। आश्रम में पंखे-कूलर की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते गर्मियों में कुछ लड़कियां कम कपड़ों में सो रही होती थीं। आरोपी की इस करतूत से वे शर्मनाक स्थिति में आ जाती थीं।
एक बार छात्राओं ने इसकी शिकायत हाउस मदर से भी की। जब हाउस मदर ने प्रिंसिपल योगेश पटेल से इस बारे में पूछा तो उसने उन्हें जवाब दिया था कि लड़कियों की सही-सलामती मेरी जिम्मेदारी है। इसी के चलते मैं रात में उनका निरीक्षण करता हूं।
एक छात्रा के प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान मिले प्रिंसिपल द्वारा छेड़छाड़ की शिकार छात्राओं के बयान लेने के बाद पुलिस सभी 35 लड़कियों का मेडिकल टेस्ट करवा रही है। अब तक 6 छात्राओं का टेस्ट हो चुका है। इसमें एक 13 साल की छात्रा के प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान भी मिले हैं। महिला विभाग की टीम छात्रा से पूछताछ कर रही है।
21 साल से शाला में है टीचर
नरेन आश्रम स्कूल में कुल 177 स्टूडेंट्स हैं, जिनमें 80 लड़कियां भी शामिल हैं। विभाग की अब तक की जांच में पता चला है कि प्रिंसिपल ने लड़कियों से ही छेड़छाड़ की है। आरोपी योगेश पटेल वर्ष 2003 में इस आश्रम में बतौर टीचर नियुक्त हुआ था। साल 2013 में शाला का प्रिंसिपल बन गया था। आरोपी की करतूत सामने आने के बाद आशंका है कि छात्राओं से शारीरिक छेड़छाड़ का मामला लंबे समय से चला आ रहा है। इसके चलते अब विभाग शाला से बाहर जा चुकीं कुछ छात्राओं से भी पूछताछ करने की तैयारी में है।
प्रिंसिपल को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा
मामले की जांच कर रही आदिवासी विभाग की एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- छात्राओं ने हमें बताया कि काफी समय से उनके साथ छेड़छाड़ हो रही है। छात्राएं अपने परिवार से दूर यहां रहती हैं। इसके चलते अब तक किसी ने भी आरोपी के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं की।
लेकिन, अब हमारी टीम ने उनमें विश्वास जगाया है। इसके चलते छात्राएं खुलकर अपनी तकलीफें बता रही हैं। अभी हम इसकी पुख्ता रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। जल्द ही प्रिंसिपल को कोर्ट में पेश कर उसे रिमांड पर लिया जाएगा। फिलहाल छात्राओं का बयान दर्ज कर उनके मेडिकल टेस्ट की कार्रवाई कर रहे हैं।
परियोजना अधिकारी निधि और आदिवासी विकास अधिकारी अंजूबेन की टीम ने जब पूरे आश्रम की जांच की तो पाया कि आश्रम में जिस जगह लड़कियां रहती थीं, वहां अंदर उनके नहाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। आश्रम के बाहर ही टेंपरेरी उनके नहाने का ब्लॉक बनाया गया था।
वहीं, आरोपी योगेश पटेल को आश्रम स्कूल में ही रहने के लिए एक कमरा दिया गया है। इस कमरे में दो दरवाजे हैं, एक सामने की तरफ और एक कमरे के पीछे की तरफ। कमरे के पीछे के दरवाजे से करीब 200 कदम की दूरी पर ही छात्राओं के नहाने के लिए एक ब्लॉक बनाया गया था। इसीलिए जब भी लड़कियां ब्लॉक में नहाने जातीं तो प्रिंसिपल उन्हें देखा करता था।
स्कूल का पुराना स्टाफ रिटायर हो चुका आश्रम में अब पुराना स्टाफ रिटायर हो चुका है। वर्तमान में यहां जो टीचर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उनमें एक दो साल पुराने हैं और दो ने छह महीने पहले ही जॉइन किया है। हालांकि, आश्रम का बाकी स्टाफ आश्रम में नहीं रहता। आश्रम में सिर्फ योगेश पटेल ही रहता था। उसका परिवार नवसारी में रहता है, जहां वह दो-तीन महीने में एक-दो दिन के लिए जाता है। छात्राओं से पूछताछ में शाल स्टाफ के अन्य किसी सदस्य द्वारा किसी तरह की बदसलूकी की बात सामने नहीं आई है।
2001 में इसी आश्रम के अन्य टीचर के खिलाफ दर्ज हुआ था रेप का मामला शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाले इस मामले के सामने आने के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि यह आश्रम स्कूल साल 2001 में भी विवादों में आ चुका है। इसी आश्रम के एक अन्य टीचर गंभीर सिंह ने यहां 7वीं क्लास में पढ़ने वाली 15 साल की एक स्टूडेंट का रेप किया था। हालांकि, वह लड़की टीचर की किसी धमकी से डरी नहीं। उसने अपनी मां को यह बात बताई और 10 जनवरी 2001 को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इस तरह आरोपी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा।