कोलकाता रेप-मर्डर, 2 और डॉक्टर भूख हड़ताल पर:संख्या 10 हुई; आरोप लगाया- पुलिस अनशन खत्म करने के लिए दबाव बना रही
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के विरोध में 6 अक्टूबर से अनशन पर बैठे ट्रेनी डॉक्टरों के साथ 2 और डॉक्टर जुड़ गए हैं। ये दोनों परिचय पांडा और अलोलिका घोरुई के जुडने से हड़ताल करने वाले डॉक्टरों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में 2 और डॉक्टर भूख हड़ताल कर रहे हैं। उनमें से एक ने शुक्रवार रात को आरोप लगाया कि पुलिस उनके परिवार पर दबाव डालकर हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश कर रही है। लेकिन वे इस दबाव में नहीं आएंगे।
10 अक्टूबर की रात एक ट्रेनी डॉक्टर अनिकेत महतो की कंडीशन क्रिटिकल हुई थी, जिसके बाद उन्हें RG कर अस्पताल के CCU में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल के मुताबिक महतो की हालत गंभीर लेकिन स्थिर है। 5 डॉक्टरों की टीम उस पर नजर रखे हुए है।
उधर, बाकी 6 डॉक्टरों की भी हालात बिगड़ रही है, लेकिन उन्हें अभी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। एक डॉक्टर ने बताया कि तबीयत बिगड़ने के बावजूद इन्होंने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है। हड़ताल की जगह के पास एक एंबुलेंस तैनात है।
आरजी कर अस्पताल में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर किया गया था। 9 अगस्त को विक्टिम की बॉडी मेडिकल कॉलेज में मिली थी। इसके अगले दिन से जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था।
राज्य सरकार ने डॉक्टरों की मांगें नहीं मानी। जिसके चलते डॉक्टरों ने 5 अक्टूबर की शाम से भूख हड़ताल शुरू की। इसमें 9 डॉक्टर शामिल हैं, आज भूख हड़ताल का सातवां दिन है।
हड़ताल और प्रोटेस्ट की 3 तस्वीरें…
भूख हड़ताल के दौरान क्या-क्या हुआ, सिलसिलेवार पढ़ें…
11 अक्टूबर
- मुख्य सचिव की रिपोर्ट: मुख्य सचिव मनोज पंत ने पश्चिम बंगाल में चल रहे हेल्थ इनिशिएटिव की स्टेटस रिपोर्ट भेजी। उन्होंने डॉक्टरों को लिखे मेल में बताया- डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेजों में 7,051 CCTV कैमरे, 893 नए ड्यूटी रूम और 778 वॉशरूम बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा सभी अस्पतालों में अलार्म सिस्टम और बायोमेट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं।
- IMA का CM को लेटर: इंडियान मेडिकल एसोसिएशन ने भी CM ममता बनर्जी को लेटर लिखा है। जिसमें मांग की गई है कि वे राज्य सरकार डॉक्टरों की मांगों पर तुरंत एक्शन ले, शांतिपूर्ण माहौल और सुरक्षा कोई विलासिता नहीं है। हम अपील करते हैं, इस मुद्दे को सुलझाएं। करीब एक हफ्ते से डॉक्टर आमरण अनशन कर रहे हैं। बंगाल सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। आप डॉक्टरों की सभी मांगों को मानने में सक्षम है।
- IMA चीफ डॉक्टरों से मिले: IMA के चीफ डॉक्टर अशोकन ने भूख हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से मुलाकात की। उन्होंने कहा- ये बच्चे अपने लिए नहीं, बल्कि लोगों के हित के लिए लड़ रहे हैं। वे असली हीरो हैं और हम सभी को उन पर गर्व है।
10 अक्टूबर
- 1 डॉक्टर अस्पताल में भर्ती: लगातार भूख हड़ताल पर बैठे रहने के चलते एक डॉक्टर अनिकेत महतो की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें बेहोशी की हालात में देर रात को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। 5 डॉक्टरों की टीम ने उनकी निगरानी की।
- ममता ने 4 डॉक्टर भेजे: भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए ममता सरकार ने 4 विशेषज्ञ डॉक्टरों को भूख हड़ताल वाली जगह पर भेजा। उन्होंने डॉक्टरों को तबीयत बिगड़ने से पहले अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया।
9 अक्टूबर
- मुख्य सचिव और हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों की मीटिंग: मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ डॉक्टरों के एक दल ने 9 अक्टूबर को करीब 2 घंटे तक मीटिंग की। साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में हुई इस बैठक में राज्य भर के मेडिकल कॉलेज के लगभग 20 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। जूनियर डॉक्टर बोले- राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के बाद मांगों के बारे में सोचने की बात कही है।
- 100 से ज्यादा डॉक्टरों का इस्तीफा: आरजी कर अस्पताल के 106 डॉक्टरों और फैकल्टी ने इस्तीफा दिया। जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 19, सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 42, कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 35 और कोलकाता के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के करीब 70 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं
डॉक्टरों ने पहले 5 मांगें रखी थीं, इनमें सरकार ने 3 पूरे किए… फिर भूख हड़ताल जूनियर डॉक्टरों ने रेप-मर्डर घटना के खिलाफ 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिन तक हड़ताल की थी। डॉक्टरों ने सरकार के सामने पहले 5 मांगें रखी थीं। इनमें से सरकार ने 3 मांगें मान लीं। CM ममता ने दो अन्य मांगों और शर्तों पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी थी। वे अस्पतालों में काम पर लौट गए थे। 27 सितंबर को सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया, जिससे नाराज होकर डॉक्टरों ने 1 अक्टूबर को फिर से हड़ताल शुरू कर दी।
4 अक्टूबर को जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली, लेकिन धरना जारी रखा। उन्होंने कहा कि हम काम पर लौट रहे हैं क्योंकि सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज परेशान हो रहे हैं। हालांकि उन्होंने राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद उन्होंने अनशन शुरू किया।
आरजी कर में जूनियर डॉक्टर को बॉक्स में खून के धब्बों वाले ग्लव्स मिले गुरुवार को आरजी कर के एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि उसे एक मरीज का इलाज करते समय सील्ड बॉक्स में खून के धब्बों वाले सर्जिकल ग्लव्स मिले। ऐसे दस्तानों के इस्तेमाल से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
जूनियर डॉक्टर ने कहा कि वह अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर में संक्रमित मरीज का इलाज कर रहे थे, जब उन्हें वह दस्ताने मिले। उन्होंने कहा कि अगर धब्बे मिट्टी या गंदगी के होते, तो उन्हें पोंछा जा सकता था। लेकिन ये खून के धब्बे लगते हैं।
जूनियर डॉक्टर ने यह भी दावा किया कि यह आरजी कर अस्पताल तक सीमित मुद्दा नहीं है, बल्कि कई अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी ऐसी समस्या सामने आई है। इससे पहले 28 सितंबर को सलाइन बोतलों में फंगस पाया गया था।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के सेंट्रल मेडिकल सप्लाई डिपार्टमेंट ने इस मामले की जांच करने की बात कही है।