MUDA स्कैम- चेयरमैन ने इस्तीफा दिया:लेटर लिखा- CM ने रिजाइन को बोला था; मैंने दबाव में नहीं तबीयत के चलते कुर्सी छोड़ी
मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) के चेयरमैन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी मारी गौड़ा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रेजिग्नेशन लेटर में लिखा कि CM ने उन्हें इस्तीफा देने को कहा था। लेकिन उन्होंने किसी दबाव में नहीं, बल्कि स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दिया है। उन्होंने यह कदम MUDA जमीन घोटाले की लोकायुक्त जांच के बीच उठाया है।
मैसुरु लोकायुक्त MUDA जमीन घोटाले की जांच कर रहा है। जांच शुरू होने के बाद से अब तक सिद्धारमैया की पत्नी MUDA की तरफ से मिले 14 प्लॉट वापस करने की बात कह चुकी हैं, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल खड़गे ने भी अपने ट्रस्ट को दी गई 5 एकड़ जमीन को लौटा दिया है।
इस्तीफे में लिखा- मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देने को कहा पर दबाव नहीं बनाया अपने इस्तीफे में मारी गौड़ा ने लिखा- ‘मैंने अपना इस्तीफा अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को दे दिया है। मुझे CM ने रिजाइन करने को कहा तो मैंने रिजाइन कर दिया। मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है। MUDA की जांच जारी है, ये हो जाने दीजिए। जांच में सच सामने आ जाएगा। मुझे पर कोई दबाव नहीं है। मैंने सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। मुख्यमंत्री ने मुझ पर कोई दबाव नहीं डाला है।’
सिद्धारमैया पर जमीन घोटाले मामले में केस चलेगा कर्नाटक CM सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन घोटाले से जुड़े मामले में केस चलेगा। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने 21 सितंबर को कहा- ‘याचिका में जिन बातों का जिक्र है, उसकी जांच जरूरी है। केस में मुख्यमंत्री का परिवार शामिल है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।’
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी। CM ने 19 अगस्त को इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।
MUDA केस क्या है साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाके विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई।
MUDA पर आरोप है कि उसने 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु के कसाबा होबली स्थित कसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले मैसुरु के एक पॉश इलाके में 14 साइट्स आवंटित की। इन साइट्स की कीमत पार्वती की जमीन की तुलना में बहुत ज्यादा थी।
हालांकि, इस 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार भी नहीं था। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था।
3 एकड़ जमीन से जुड़ा है MUDA घोटाला दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसुरु जिले के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था।
हालांकि इस जमीन के बदले 2022 में बसवराज बोम्मई सरकार ने पार्वती को साउथ मैसुरु के पॉश इलाके में 14 साइट्स दिए थे। इनका 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,283 वर्ग फीट एरिया था।
सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं
- सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत केसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है।
- स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर MUDA साइट को पारिवारिक संपत्ति का दावा करने के लिए डॉक्युमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
- 1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे। भले ही सीधे तौर पर वे इस घोटाले से न जुड़े हों, लेकिन उन्होंने अपने पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों की मदद की।
- सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डेनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी। 2004-05 में कर्नाटक में फिर कांग्रेस-JDS गठबंधन की सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी CM थे।
- योजना के तहत, जिन लैंड ओनर्स की भूमि MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई है। उन्हें मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं। साथ ही रियल एस्टेट एजेंट्स को भी इस स्कीम में जमीन दी गई है।
- भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक RTI एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में 50:50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं।
- भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह 3 हजार से 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। इसमें सिद्धारमैया का परिवार शामिल है। कांग्रेस इस पर चुप्पी साधे हुए है। राज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं, उनका शुक्रिया।