लोकसभा सांसद और अवामी इत्तेहाद पार्टी के चीफ इंजीनियर राशिद ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आर्टिकल 370 अब्दुल्ला परिवार से पूछकर ही हटाया था। उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने उन्होंने बुधवार सुबह कहा- भाजपा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की मदद की है, जिसके कारण घाटी में NC की वापसी हुई है। पूरा मैच फिक्स था।
राशिद ने कहा- उमर अब्दुल्ला स्टेहुड, धारा 370 और 35A की बात करते हैं। उमर अब्दुल्ला आर्टिकल 370 से भाग रहे हैं। जब पीएम मोदी ने 370 हटाई थी, तो उससे 3 दिन पहले उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की थी।
मुलाकात के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कुछ भी नहीं हटने वाला है, लेकिन 370 हटा दी गई। इसके बाद फारूक और उमर अब्दुल्ला को गेस्ट हाउस में रखा गया। ऐसा लगता है जैसे फारूक-उमर केंद्र सरकार के फैसले के साथ थे।
जयशंकर को पाकिस्तान में कश्मीर की बात करना चाहिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा पर इंजीनियर राशिद ने कहा कि दोनों मुल्कों को सोचना होगा एक दूसरे से लड़ नहीं सकते। एक दूसरे की बात माननी होगी। इन्हें लोगों के साथ इंसाफ करना होगा। कश्मीर का मुद्दा जल्द ही हल करना होगा। जयशंकर को वहां कश्मीर की बात करना चाहिए।
पाकिस्तान कहता है कि सारा कश्मीर उनका है। एक अप्रोच होनी चाहिए, तभी लोगों का भला होगा। हमारी दोनों सरकार से मांग है कि दोनों जम्मू-कश्मीर को इंसानियत से देखें। यह पॉलिटिकल मामला नहीं है। यह जिंदा लोगों का मामला है। 1947 से यहां सिर्फ लोग मरे हैं। मिल बैठकर, ईगो दूर रखकर कोई हल निकालना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में राशिद ने उमर को हराया था राशिद को 2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था। वे तिहाड़ जेल में बंद थे। राशिद ने जेल में रहते हुए ही 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। उन्होंने बारामूला सीट से चुनाव लड़ते हुए NC के प्रत्याशी और अब CM बन चुके उमर अब्दुल्ला को हराया था।
10 सितंबर को दिल्ली की अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। वे 11 सितंबर को तिहाड़ से बाहर आए। उन्होंने जेल से निकलकर कहा था मोदी ने जो ‘नया कश्मीर’ का नैरेटिव बनाया है, जिसे लोगों ने नकार दिया है, उसके खिलाफ लड़ाई लड़ूंगा। मोदी ने 5 अगस्त 2019 को जो किया, उसे लोगों ने खारिज कर दिया है।
पिछले 10 साल में जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक समीकरण
- 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई। 28 सीटों के साथ PDP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं, भाजपा 25 सीटों के साथ दूसरी सबसे पार्टी बनी। NC को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं।
- भाजपा और पीडीपी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी, लेकिन यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चली। जून, 2018 में गठबंधन टूट गया और सरकार गिर गई। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
- राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त, 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया।
- इसके बाद करीब 6 साल तक राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा और अब जाकर विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें NC- कांग्रेस की जीत हुई और उमर मुख्यमंत्री बने।