हरियाणा में युवक को मौत के बाद 2 सरकारी नौकरियां:रिजल्ट के 47 दिन पहले हार्ट अटैक आया; जन्मदिन पर मिला नौकरी लगने का मैसेज
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने ग्रुप-सी और डी की भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित किया। जिसमें नारनौल के मुकेश का ग्रुप सी और ग्रुप डी में चयन हुआ। ग्रुप सी में उनका चयन पटवारी के लिए हुआ था।
मोबाइल पर 2-2 सरकारी नौकरियों में चयन का मैसेज आया तो परिजनों की आंखें नम हो गईं। क्योंकि मुकेश की मौत रिजल्ट से 47 दिन पहले ही हार्ट अटैक से हो गई थी।
जिस दिन रिजल्ट आया, उस दिन मुकेश का जन्मदिन था। उनके परिवार का कहना है कि अब हम इन नौकरियों का क्या करेंगे। जब कोई नौकरी करने वाला ही नहीं है तो हम क्या करेंगे?
मुकेश का परिवार नारनौल के मोती नगर में रहता है। उनके पिता सीता राम पेशे से व्यवसायी हैं। परिवार को नहीं पता था कि मुकेश ने कब फॉर्म भरा था। जब वह परीक्षा देने गया, तब जाकर परिवार को पता चला कि उसने नौकरी का फॉर्म भरा है।
रोहतक से बी.टेक किया था मुकेश के भाई नवीन अग्रवाल ने बताया कि उनका भाई पढ़ाई में होशियार था। उसने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई सरस्वती स्कूल नसीबपुर से की। उसने 10वीं में 82% और 12वीं में 80% अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद उसने रोहतक के वैष्णव कॉलेज से बीटेक की।
किसी कोचिंग सेंटर में नहीं गया उन्होंने बताया कि मुकेश ने सरकारी नौकरी के लिए घर पर ही तैयारी की। कभी किसी कोचिंग सेंटर में नहीं गया। तैयारी के साथ-साथ उसके भाई ने बिजनेस पर भी ध्यान दिया, लेकिन उसका दिल नौकरी करने पर था।
इससे पहले लोको पायलट की भर्ती में हुआ था चयन बीटेक की पढ़ाई कर चुके मुकेश का चयन पहले रेलवे में लोको पायलट के पद पर हुआ था, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप सी और ग्रुप डी के लिए कुल पदों की संख्या 25500 और 2600 थी। इनमें ग्रुप की कुल संख्या 25 और श्रेणियों की कुल संख्या 205 थी।
महेंद्रगढ़ से 1980 युवाओं के चयन की चर्चा इन पदों के लिए करीब 24800 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इस ग्रुप सी और डी की भर्ती परीक्षा का परिणाम गुरुवार को घोषित किया गया। आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर परिणाम जारी कर दिए गए हैं। भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी दिनभर रजिस्ट्रेशन नंबर और रोल नंबर डालकर परिणाम देखते रहे।
इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि तो नहीं हुई, लेकिन सोशल मीडिया पर यह चर्चा जरूर रही कि हरियाणा में सबसे ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों की संख्या महेंद्रगढ़ जिले में करीब 1980 रही। जिले का शायद ही कोई गांव हो, जहां एक भी अभ्यर्थी चयनित न हुआ हो।