संजय राउत बोले- MVA में 210 सीटों पर सहमति:कांग्रेस नेता ने कहा था- कुछ सीटों पर उद्धव गुट से विवाद; 7 सीटों पर अनबन
शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महाविकास अघाड़ी (MVA) में 288 विधानसभा सीटों में से 210 पर सहमति बन गई है। यह बड़ी उपलब्धि है। हम एक ताकत के रूप में चुनाव लड़कर महाराष्ट्र को लूटने वालों को हराएंगे। MVA में शिवसेना (UBT), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) शामिल हैं।
राउत का बयान ऐसे समय आया है जब उद्धव ठाकरे की पार्टी के MVA से अलग होने की चर्चाएं चल रही हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी अकेले सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। पिछले कुछ दिनों से MVA में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत के साथ ही कांग्रेस और शिवसेना (UBT) में अनबन की खबरें भी आ रही हैं।
इसे लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में लीडर ऑफ अपोजीशन और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सोमवार कहा-
MVA में 17 सीटों पर चर्चा बाकी है। हमारा कुछ सीटों पर ठाकरे गुट के साथ विवाद चल रहा है। गठबंधन में तीन पार्टियां हैं। तीन दलों के बीच सीट शेयरिंग में समय लगता है।
माना जा रहा है कि विदर्भ की सात सीटों पर उद्धव की पार्टी और कांग्रेस अपना-अपना दावा कर रही है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को बताया कि कांग्रेस कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट कल (22 अक्टूबर) घोषित की जाएगी।
शिवसेना (UBT)-भाजपा के एक साथ चुनाव लड़ने की भी अटकलें कुछ दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संजय राउत से फोन पर बात भी की थी। इसके बाद शिवसेना (UBT) और भाजपा के एक साथ चुनाव लड़ने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। दोनों पार्टियों ने 2019 विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन तोड़ दिया था।
उस समय अविभाजित शिवसेना ने भाजपा पर मुख्यमंत्री पद देने के वादे से मुकरने का आरोप लगाया था। वहीं, भाजपा ने हमेशा ऐसे किसी समझौते से इनकार किया है।
फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा- भाजपा झूठी खबरें फैला रही है। उन्हें हार का डर है, इसलिए गलत खबरें फैलाई जा रही हैं। भाजपा ने शिवसेना तोड़ी, उद्धव ठाकरे की सरकार गिराई। उन्होंने सुनिश्चित किया कि पार्टी का नाम और चुनाव निशान शिंदे गुट को मिले। भाजपा ने सबसे खराब काम यह किया कि उसने सरकार की बागडोर गद्दारों को दे दी। वे तब से महाराष्ट्र को लूट रहे हैं।
अखिलेश ने MVA से 12 सीटें मांगी थीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) से 12 सीटें मांगी हैं। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 19 अक्टूबर को धुले विधानसभा सिटी सीट से उम्मीदवार की घोषणा की। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा- हमने MVA से 12 सीटें मांगी हैं। सीटों की डीटेल्स भी उन्हें भेज दी गई हैं।
पार्टी ने 18 अक्टूबर को भिवंडी पूर्व से मौजूदा विधायक रईस शेख, भिवंडी पश्चिम से रियाज आजमी और मालेगांव मध्य से शान-ए-हिंद को प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया था। सपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा था – हमने पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है ताकि MVA को पता चले कि हम यहां मजबूत हैं, वरना वे बैठक में बताएंगे कि आपका उम्मीदवार मजबूत नहीं है।
भाजपा ने 21 अक्टूबर को पहली लिस्ट जारी की, 79 चेहरे रिपीट विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 21 अक्टूबर को 99 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की। इनमें 6 सीटें एसटी और 4 सीटें एससी के लिए हैं। वहीं, 13 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया है। वहीं, 10 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पहली बार चुनाव लड़ेंगे। मौजूदा तीन निर्दलीय विधायकों को भी टिकट दिया है।
डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम और महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कामठी से चुनाव लड़ेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व CM अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण को भोकर और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के बेटे संतोष दानवे को भोकरदन सीट से टिकट दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…
सिंगल फेज में 20 नवंबर को चुनाव, 23 नवंबर को रिजल्ट महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को 2024 को खत्म हो रहा है। महाराष्ट्र में महायुति यानी शिवसेना, भाजपा और NCP अजित पवार गुट की सरकार है। एंटी इनकम्बेंसी और 6 बड़ी पार्टियों के बीच बंटने वाले वोट को साधना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी।
महाराष्ट्र 2019 विधानसभा चुनाव समीकरण
- 2019 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन था। बीजेपी ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती। गठबंधन से एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, पर मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट।
- 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ये सुबह-सुबह की शपथ थी। पर बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर 2019 को दोनों ने इस्तीफा दे दिया। 28 नवंबर 2019 को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सत्ता में आई। इसके बाद शिवसेना और एनसीपी में बगावत हुई और 4 दल बने। लोकसभा चुनाव में शरद और उद्धव को बढ़त मिली। इन्हीं सब पृष्ठभूमि में विधानसभा चुनाव होगा। पूरी खबर पढ़े…