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बारामूला हमले में 3-4 आतंकी शामिल थे:सेना बोली- जवाबी हमला होने पर आतंकियों ने हथियार-बैग छोड़ा, अंधेरे में जंगल की ओर भागे

बारामूला हमले में 3-4 आतंकी शामिल थे:सेना बोली- जवाबी हमला होने पर आतंकियों ने हथियार-बैग छोड़ा, अंधेरे में जंगल की ओर भागे

श्रीनगर4 घंटे पहलेलेखक: रउफ डार
आतंकियों ने सेना के इसी ट्रक पर हमला किया था। हमले में 3 जवान शहीद हुए थे। 2 पोर्टर की भी मौत हुई थी।

जम्मू-कश्मीर के बारामूला में हुए आतंकी हमले को लेकर नए खुलासे हुए हैं। बारामूला के SSP मोहम्मद जैद मलिक ने भास्कर को शनिवार सुबह बताया कि हमले में 3-4 आतंकियों के शामिल होने के सबूत मिले हैं। आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन लगातार तीसरे दिन भी जारी है।

उधर, आर्मी के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एमके साहू ने कहा- सेना के वाहन पर गोलीबारी होने पर हमारे सैनिकों ने तेजी से जवाबी कार्रवाई की थी, जिससे आतंकवादियों को हथियार और बैग छोड़कर पीछे हटना पड़ा। वे एक नाले का फायदा उठाकर घने जंगल में भाग गए। अंधेरा होने के कारण आतंकियों को भागने में सफलता मिली।

दरअसल, LoC के पास 24 अक्टूबर की देर रात सेना की गाड़ी पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था। इसमें 3 जवान शहीद हुए थे। साथ ही 2 पोर्टर वर्कर्स की भी मौत हुई थी।

पोर्टर जहूर अहमद मीर को शुक्रवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

सेना ने कहा- घाटी में आतंक का राज ही आतंकियों की विचारधारा लेफ्टिनेंट कर्नल एमके सिंह ने कहा- भारतीय सेना राइफलमैन कैसर अहमद शाह और राइफलमैन जीवन सिंह की बहादुरी को सलाम करती है। दोनों ने गोली लगने के बावजूद आतंकवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया। दोनों शहीदों के साहस से और अधिक नुकसान नहीं हुआ। दोनों जवानों ने कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे के खिलाफ अटूट साहस का परिचय दिया।

हमले में बोनियार के जहूर अहमद मीर और उरी के मुश्ताक अहमद चौधरी ने भी देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। कश्मीर लगातार शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रहा है, लेकिन पाकिस्तानी आतंकवादी जानबूझकर घाटी में आतंक पैदा करने के लिए कश्मीरी स्थानीय लोगों को निशाना बना रहे हैं। आतंकवादियों की एकमात्र विचारधारा है ‘घाटी में आतंक का राज’ है।

आतंकी हमले में मौत की खबर सुनकर पोर्टर जहूर अहमद मीर की बहन रोने लगीं।

हमले की जिम्मेदारी PAFF ने ली सेना के सूत्रों के मुताबिक हमले में शामिल 3-4 आतंकियों ने उत्तरी कश्मीर के बोटापथरी सेक्टर में LoC से घुसपैठ की थी। इस हमले की जिम्मेदारी पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली। उसने हमले की जिम्मेदारी वाली पोस्ट और हमले के पहले की एक तस्वीर भी जारी की।

इसके मैसेज में PAFF में हमले की जिम्मेदारी ली।

हमले पर किसने क्या कहा

  1. प्रियंका गांधी: गुलमर्ग में हुए हमले में दो जवानों की शहादत की खबर बहुत दुखद है। हमले में दो पोर्टर ने भी जान गंवाई है। सभ्य समाज में हिंसा और आतंकवाद स्वीकार नहीं है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है।
  2. CM उमर: सेना के वाहन पर हुए हमले की खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हाल ही में हुए हमले गंभीर चिंता का विषय है। मैं हमले की कड़ी निंदा करता हूं और मृतकों के प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
  3. फारूक अब्दुल्ला: मैं यहां 30 साल से हमले देख रहा हूं। निर्दोष मारे जा रहे हैं। पाकिस्तान को वहां की समस्याओं को देखना चाहिए। पाकिस्तान यह सब बंद करे और दोस्ती का रास्ता खोजे अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो समस्याएं होंगी।
  4. BJP नेता रविंदर रैना: कायर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने घने जंगलों का फायदा उठाकर रात के समय हमला किया। इन आतंकवादियों में हमारे सैनिकों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों का सामना करने का साहस नहीं है। परछाई से घात लगाकर हमला करना उनकी कायरता को दर्शाता है।
पोर्टर मुश्ताक अहमद की अंतिम विदाई के लिए शुक्रवार को कई लोग जुटे।

एक हफ्ते में चौथा हमला, पिछले 3 हमले गैर-स्थानीय लोगों पर जम्मू-कश्मीर में बीते एक हफ्ते में गैर कश्मीरियों पर हुआ यह चौथा हमला है। इन 4 हमलों में 3 जवान शहीद हुए हैं। वहीं, 8 गैर स्थानीय लोगों की मौत हुई है।

  • 24 अक्टूबर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने मजदूर पर गोलीबारी की। हमले में मजदूर घायल हो गया, जिसका इलाज चल रहा है।
  • 20 अक्टूबर: गांदरबल के सोनमर्ग में कश्मीर के डॉक्टर, MP के इंजीनियर और पंजाब-बिहार के 5 मजदूरों की जान गई थी। इसकी जिम्मेदारी लश्कर के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली।
  • 16 अक्टूबर: शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद इलाके में आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

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