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जयशंकर बोले- भारत-चीन सीमा पर 2 वजहों से समझौता:पहला-हम अपनी बात पर अड़े रहे, सेना डटी रही; दूसरा- कूटनीति काम आई

भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार का अपनी बात पर अड़े रहना काम कर गया। आज हम जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसके दो कारण हैं।

पहला- हम अपनी बात से पीछे नहीं हटे यह केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि सेना देश की रक्षा के लिए हर मौके पर डटी रही। सेना ने अपना काम किया और दूसरी तरफ कूटनीति ने अपना काम किया।

इसके अलावा पिछले एक दशक में हमने अपने बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया है। मुझे लगता है कि इन दो कारणों के चलते भारत-चीन सीमा विवाद पर पेट्रोलिंग का मुद्दा हल हो सका है।

जयशंकर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात हुई, तो यह डिसीजन लिया गया कि विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक मसले को हल करने की कोशिश करेंगे और यह हुआ भी।

29 अक्टूबर तक पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटेंगी दोनों देशों की सेनाए

भारत और चीन की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं।

आर्मी के सूत्रों के मुताबिक, 28 और 29 अक्टूबर तक दोनों देश देपसांग और डेमचोक से अपनी- अपनी सेनाएं पूरी तरह हटा लेंगे। पेट्रोलिंग के लिए सीमित सैनिकों की संख्या तय की गई है। ये संख्या कितनी है, इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।

देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी 18 अक्टूबर को सामने आई थी। इसमें बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी

2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।

गलवान घाटी-गोगरा हॉट स्प्रिंग्स पर पेट्रोलिंग पर अभी फैसला नहीं समझौते में लद्दाख के देपसांग के तहत आने वाले 4 पॉइंट्स को लेकर सहमति बन गई है, लेकिन डेमचोक के गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में गश्त को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।

देपसांग: भारतीय सेना के मुताबिक, सैनिक अब गश्त के लिए देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जा सकेंगे।

डेमचोक: पेट्रोलिंग पॉइंट-14 यानी गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स यानी PP-15 और PP-17 बफर जोन हैं। रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यहां पर गश्त को लेकर बाद में विचार होगा। बफर जोन यानी ऐसा इलाका जहां दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं आ सकतीं। ये जोन विपक्षी सेनाओं को अलग करते हैं।

कहां से हट चुकीं सेनाएं, कहां से हट रहीं

3 पॉइंट में भारत-चीन का पेट्रोलिंग समझौता

1. PM मोदी की ब्रिक्स यात्रा के पहले समझौता फाइनल हुआ। ब्रिक्स में मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। मोदी ने यहां कहा था कि शांति कायम रखना हर हाल में जरूरी है।

2. पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करने के लिए चीन और भारत राजी हुए। यानी अब चीन की आर्मी उन इलाकों से हटेगी, जहां उसने अतिक्रमण किया था।

3. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया था कि भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोलिंग के साथ 2020 के बाद उठे मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रस्ताव तैयार हुआ है। इस पर दोनों देश कदम उठाएंगे।

गलवान में 15 जून 2020 को झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए

तस्वीर लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प की है। इसी के बाद दोनों देशों के बीच विवाद गहराया।

15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।

भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।

इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।

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