लखनऊ पुलिस की कस्टडी में युवक की मौत:भाई बोला- पुलिस की पिटाई से रात भर कराहता रहा; लॉकअप में पानी तक नहीं दिया
लखनऊ में कपड़ा व्यापारी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। इसका पता चलते ही परिजन लोहिया अस्पताल पहुंचे और हंगामा कर दिया। रोड जाम कर नारेबाजी करने लगे। हालात बिगड़ता देख कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची।
परिजनों का आक्रोश देखकर रात में ही मृतक की मां तपेश्वरी देवी की शिकायत पर इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी सहित अन्य के खिलाफ चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
मृतक के भाई ने कहा- पुलिस वालों ने मेरे भाई को बुरी तरह से पीटा, आधी रात के बाद उसे मेरे लॉकअप में डाल दिया। वह रात भर कराहता रहा। सुबह पानी-पानी चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने पानी नहीं दिया। दोपहर में उसने दम तोड़ दिया।
पूरी घटना 600 रुपए के लेनदेन से शुरू हुई। युवक और आरोपी के बीच झगड़ा हुआ। आरोपी ने पुलिस बुलाई। शांति भंग के आरोप में पुलिस मोहित (32) को पकड़कर थाने ले गई। भाई छुड़ाने पहुंचा तो उसे भी लॉकअप में बंद कर दिया। रात में दोनों की पिटाई हुई, जिससे मोहित पांडेय की मौत हो गई।
मौत की खबर सुनते ही थाने पहुंचे परिजन इधर, मोहित की मौत की खबर मिलते ही परिजन लोहिया अस्पताल पहुंच गए। यहां रोड जाम कर दिया और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने जबरन जाम खुलवाने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
रात करीब 9 बजे तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने और चिनहट इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज न होने पर परिजन फिर से उग्र हो गए। रात करीब 9.15 बजे परिजनों ने अस्पताल के बाहर की सड़क जाम कर दी और हंगामा करने लगे। पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।
परिजनों ने करीब तीन घंटे तक रोड जाम रखा। इससे लोहिया पथ, शरीद पथ और गोमती नगर के रास्तों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। देर रात पुलिस ने मृतक की मां तपेश्वरी देवी की शिकायत पर इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी, आरोपी आदेश और उसके चाचा समेत थाने में मौजूद अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, तब लोगों को शांत कराया जा सका।
लॉकअप में पुलिस की पिटाई से बेटे की मौत- मां तपेश्वरी देवी चिनहट में अपट्रान चौकी जैनाबाद नई बस्ती निवासी मृतक मोहित पांडेय की मां तपेश्वरी देवी ने कहा कि शुक्रवार रात को मटियारी निवासी लोडर चालक आदेश घर पर आया था। जिससे भाड़े को लेकर मेरे दोनों बेटे मोहित और शोभाराम का विवाद उससे हो गया।
इसके बाद बीच-बचाव करने के लिए उसने पुलिस बुला ली। पुलिस मोहित को थाने ले गई। इसके बाद बड़ा बेटा शोभाराम भी रिश्तेदारों के साथ थाने पहुंचा। वहां, पुलिस ने शोभा को भी आदेश और उसके चाचा के कहने पर पकड़कर लॉकअप में डाल दिया। पुलिस ने शोभा को कम मारा लेकिन मोहित के साथ ज्यादा मारपीट की, जिससे मोहित की मौत हो गई।
मां ने कहा- थाने में रची गई हत्या की साजिश मोहित की मां तपेश्वरी देवी की तहरीर पर चिनहट इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी, आदेश और उसके चाचा के साथ थाने में मौजूद अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। तपेश्वरी देवी ने अपनी शिकायत में लिखा है, कि उनके बेटे का शव भी पुलिसकर्मियों ने पास से नहीं देखने दिया। चोट दिख न जाए, इसलिए आनन-फानन में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
आदेश और उसके चाचा ने पुलिस के साथ मिलकर बेटे की हत्या की पूरी साजिश रची। आदेश के चाचा ने कहा था कि इन लोगों को थाने ले जाओ, वहीं पर इनका काम खत्म करवा देंगे। यही नहीं बेटे शोभाराम को पुलिसकर्मियों ने धमकाया है और कुछ भी बोलने से मना किया है।
पुलिसकर्मियों ने जमानत से पहले शोभाराम से सादे कागज पर हस्ताक्षर भी करवाया था। वहीं, DCP पूर्वी शशांक सिंह का कहना है, कि मां की तहरीर पर FIR दर्ज कर ली गई है। साक्ष्यों और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शव देखने की लिए पत्नी रोती रही, पुलिस ने नहीं सुनी मोहित की पत्नी सुषमा और उसकी मां तपेश्वरी देवी उसके शव को देखने की लिए पुलिस के सामने गिड़गिड़ाती रहीं, लेकिन पुलिस ने किसी को शव नहीं देखने दिया। पत्नी सुषमा अपने बच्चों शिवांश (9), छोटू (5) और बेटी बिट्टू (5) के साथ रोती-बिलखती रही।
वह बच्चों के साथ सड़क पर धरने पर बैठी यही कहती रही कि कोई मेरी पति को आखिरी बार दिखा दो, अब मेरे बच्चों का क्या होगा। उसकी बातों को सुनकर परिजन ही नहीं पुलिसकर्मी भी परेशान दिखे, लेकिन रोड जाम होने की वजह से सभी को सड़क से हटने की चेतावनी देते रहे।
चिनहट पुलिस ने शराबी बताकर पीटा: भाई शोभाराम जब बवाल बढ़ा तो मोहित के भाई शोभाराम को देर शाम छोड़ दिया। लोहिया अस्पताल पहुंचे शोभा ने बताया कि जब वह भाई को छुड़ाने थाने पहुंचा तो पुलिस ने उसके साथ बहुत अभद्रता की गई। पुलिसवालों ने कहा कि तुम लोग शराबी हो, तुम लोग मार खाने के ही लायक हो। यह कहते हुए लॉकअप में डाल दिया।
वहां मेरा सिर कई बार दीवार में लड़ाया गया। पहले दोनों को अलग-अलग लॉकअप में रखा था, लेकिन देर रात दोनों को एक ही लॉकअप में कर दिया गया। पुलिस की पिटाई के चलते मोहित रात भर कराहता रहा। सुबह से वह पानी मांगता रहा, लेकिन किसी ने पानी तक नहीं दिया। दोपहर में उसकी मौत हो गई, तो पुलिस उसके साथ पहले सीएसची ले गई, फिर लोहिया अस्पताल ले गई।
600 रुपए के लेनदेन से शुरू हुआ था विवाद शोभाराम का कहना है कि लौलाई चिनहट निवासी आदेश उसके यहां चार साल से सामान डिलीवरी का काम करता है। वह आए दिन घर में आकर जेब में रखे पैसे निकाल लेता था। पुराना कमर्चारी होने के चलते कोई टोकता नहीं था।
इस बार उसके एक भाड़े के छह सौ रुपए बकाया थे। जिसको लेकर वह तीन-चार दिन से फोन पर गाली-गलौज कर रहा था। इस पर मोहित ने घर पर आकर पैसे ले जाने की बात कही। वह घर पर आया और पैसे के लेनदेन के हिसाब को लेकर फिर भिड़ गया। जिसके चलते दोनों में मारपीट होने लगी। मां समेत हम सब ने बीच-बचाव किया।
इसी बीच उसने पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनने की जगह सिर्फ मोहित को थाने में ले जाकर लॉकअप में डाल दिया। आदेश के चाचा की थाना-पुलिस में पकड़ थी। नतीजा यह हुआ कि जब हम उसको छुड़ाने पहुंचे तो हमारे साथ भी वही हुआ।
वहीं, DCP पूर्वी का कहना है कि मोहित और आदेश के बीच लेनदेन का विवाद था। सूचना पर पुलिस दोनों पक्षों को थाने लेकर गई थी। मोहित, शोभाराम और आदेश का शांति भंग की धारा में चालान किया गया था।
अस्पताल आने से पहले ही हो चुकी थी मौत मोहित के परिजनों का आरोप है कि लोहिया अस्पताल लाने से पहले ही मोहित की मौत हो चुकी थी। लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि भी की है। मोहित की मौत की जानकारी पर ही शोभाराम ने उसकी पत्नी सुषमा को फोन कर सूचना दी। इसके बाद घरवाले लोहिया अस्पताल पहुंचे।
परिजन बोले- न्याय दो, नहीं तो हमको भी मार डालो परिजनों ने मोहित की मौत के जिम्मेदारों को सजा दिलाने के लिए लोहिया अस्पताल के बाहर पहले शाम 6 बजे के करीब जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस से झड़प के बाद सभी हट गए, लेकिन रात 9 बजे के करीब फिर सड़क पर आ गए और जाम लगा दिया।
उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि हर कीमत पर न्याय चाहिए। अगर न्याय नहीं दे सकते, तो हमको भी मार डालो। जिसके बाद पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सड़क पर लेट गए। वहीं, पत्नी सुषमा भी अपने बच्चों के साथ धरने पर बैठ गई।
पुलिस ने परिजनों के आक्रोश को देखते हुए लोहिया अस्पताल की तरफ आने वाले दोनों लेन का ट्रैफिक रोक दिया और लिंक रोड पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया।
पुलिस अंत तक देती रही सफाई ADCP पंकज सिंह ने लोहिया अस्पताल में बताया कि मोहित पर शांति भंग में कार्रवाई हुई थी। तबीयत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां, डॉक्टर ने मृत घोषित किया। शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट आने पर मौत का कारण स्पष्ट होगा।