प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट पर अपना चुनाव प्रचार सोमवार से शुरू कर दिया। राहुल गांधी के रायबरेली सीट चुनने के बाद वायनाड सीट से कांग्रेस ने प्रियंका को कैंडिडेट बनाया है। यहां 20 नवंबर को चुनाव है। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा।
प्रियंका ने वायनाड पहुंचने पर पहले रोड शो किया फिर मीनांगड़ी में रैली की। उन्होंने कहा कि हम जिस दौर में हैं, उसमें केंद्र में भाजपा की सरकार है। ये सरकार प्लानिंग के साथ समाज में नफरत और गुस्सा फैलाती है। हमने अल्पसंख्यकों पर हमले देखे हैं, मणिपुर में जो हुआ सबसे ने देखा है।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के मूल्यों को लगातार मिटाया जा रहा है। जनता के भले की जगह पीएम के खास दोस्तों के भले के लिए पॉलिसी बनाई जा रही हैं। किसानों-आदिवासियों की जमीनें बड़े व्यापारियों को दी जाती हैं।
प्रियंका ने कहा कि मेरा भाई राहुल जैसा होना आसान नहीं है। उन्होंने 10 साल तक भाजपा के क्रूर हमले झेले। उनके बारे में झूठ फैलाया गया। ऐसा होना ग्लोबल पॉलिटिक्स में बहुत अलग है।
प्रियंका ने सुनाया मदर टेरेसा का किस्सा
प्रियंका ने कहा कि नॉमिनेशन फाइल करने के बाद मेरी मुलाकात एक सैनिक से हुई। मैं उनके घर गई। उनकी मां से मिली। सैनिक की मां ने यूं गले लगाया जैसे मैं उनकी की बेटी हूं। इसके बाद उन्होंने मुझे एक माला दी। और कहा कि इसे मैं अपनी मां को दे दूं। मुझे गले लिया।
उन्होंने कहा कि पिता के निधन के 6-7 महीने बाद मदर टेरेसा मेरी मां सोनिया गांधी से मिलने हमारे घर आईं। उस वक्त में 19 साल की थी। मदर टेरेसा मुझसे मिलीं, मुझे बुखार था। उन्होंने मेरे सिर पर अपना हाथ रखा। मेरे हाथ में अपनी माला पहनाई।
उन्होंने कहा कि शादी के बाद मैं दिल्ली में मदर टेरेसा सिस्टर्स (NGO) में शामिल हुई थी। वहां छोटे बच्चों को अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाती थी। वहां बाथरूम और फर्श साफ करती थी, खाना बनाती थी। प्रियंका का वायनाड के लोगों को ओपन लेटर
23 अक्टूबर को नॉमिनेशन फाइल करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के लोगों को ओपन लेटर लिखकर कहा था कि मैं राहुल और वायनाड के रिश्ते को मजबूत करूंगी। उन्होंने X पर शेयर किए गए लेटर में लिखा- जन प्रतिनिधि के रूप में यह मेरी पहली यात्रा रहेगी, लेकिन फाइटर के रूप में यह मेरी पहली यात्रा नहीं होगी। पूरी खबर पढ़ें…