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मुख्यमंत्री शिंदे ने रोड शो के बाद नामांकन भरा:बारामती में डिप्टी CM अजित पवार का नॉमिनेशन, यहां भतीजे युगेंद्र चुनाव मैदान में उतरे

मुख्यमंत्री शिंदे ने रोड शो के बाद नामांकन भरा:बारामती में डिप्टी CM अजित पवार का नॉमिनेशन, यहां भतीजे युगेंद्र चुनाव मैदान में उतरे

मुंबई2 घंटे पहले
बारामती से डिप्टी CM अजित पवार के खिलाफ उन्हीं के भतीजे युगेंद्र पवार चुनाव लड़ रहे हैं। युगेंद्र के नॉमिनेशन के लिए शरद पवार भी पहुंचे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे की कोपरी पाचपाखडी सीट से चुनाव लड़ने के लिए सोमवार सुबह नॉमिनेशन फाइल किया। नॉमिनेशन से पहले उन्होंने ठाणे में रोड शो भी किया था।

डिप्टी CM अजित पवार ने भी सोमवार सुबह बारामती से नामांकन भर दिया है। इसी सीट से अजित के भतीजे युगेंद्र पवार NCP-शरद गुट से उम्मदीवार हैं। युगेंद्र ने भी सोमवार सुबह ही नामांकन भरा। इस दौरान उनके साथ शरद पवार और सुप्रिया सुले भी मौजूद रहीं।

उधर, महिम सीट से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की टिकट पर चुनाव लड़ रहे राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने भी नामांकन भर दिया है। इस दौरान उनके साथ उनके MNS के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। नामांकन भरने की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है।

नॉमिनेशन और रोड शो की तस्वीरें

CM एकनाथ शिंदे ने नॉमिनेशन फाइल करने से पहले ठाणे में रोड शो किया।
नामांकन से पहले युग्रेंद्र पवार ने NCP के संस्थापक शरद पवार के पैर छूए।
MNS चीफ राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने नॉमिनेशन फाइल करने से पहले मंदिर में पूजा की।
मुंबई के अनुशक्ति नगर विधानसभा सीट से एनसीपी उम्मीदवार और नवाब मलिक की बेटी सना मलिक ने नामांकन से पहले रोड शो किया।

शरद पवार बोले- 90 से 95% सीटों पर सहमति बनी शरद पवार ने कहा कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) राज्य की कुल 288 सीटों में से 90 से 95 प्रतिशत सीटों पर आम सहमति पर पहुंच गई है। हमारी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने राजनीतिक दलों में फूट डाली और विचारधारा से समझौता किया। जो लोग सत्ता में हैं, उन्होंने लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया।

युगेंद्र के चुनाव लड़ने पर अजित बोले- हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार बारामती सीट से युगेंद्र के चुनाव लड़ने पर अजित पवार ने कहा- हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। जब भी मेरे खिलाफ कोई उम्मीदवार आता है तो मैं उसे मजबूत उम्मीदवार के तौर पर लेता हूं और उसी के हिसाब से प्रचार करता हूं। इस बार भी बारामती की जनता मुझे ही चुनेगी और मुझे उन पर पूरा भरोसा है।

युगेंद्र बोले- लड़ाई मुश्किल नहीं, लेकिन आसान भी नहीं

युगेंद्र ने कहा- अजित पवार के खिलाफ लड़ाई मुश्किल नहीं होगी, लेकिन आसान भी नहीं होगी। बारामती के लोग पवार साहब के साथ हैं। पवार साहब ने यही बात लोकसभा में भी दिखाई थी। यह काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि परिवार में यह सब हो रहा है। इसकी शुरुआत लोकसभा चुनाव से हुई थी।

पहले अजित पार्टी के संस्थापक और परिवार के मुखिया शरद पवार साहब के मार्गदर्शन में थे, लेकिन पिछले सालों में जो हुआ, उसे पूरे भारत ने देखा। पार्टी टूटने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव चिह्न भी दे दिया।

हालांकि, परिवार में हम सभी ने फैसला किया कि हमें पवार साहब के साथ रहना चाहिए, क्योंकि वे NCP के संस्थापक हैं। वे परिवार के मुखिया हैं और उनकी वजह से न केवल बारामती बल्कि आसपास के सभी लोगों का विकास हुआ है।

महाराष्ट्र में सिंगल फेज में 20 नवंबर को चुनाव, 23 नवंबर को रिजल्ट

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को 2024 को खत्म हो रहा है। महाराष्ट्र में महायुति यानी शिवसेना, भाजपा और NCP अजित पवार गुट की सरकार है। एंटी इनकम्बेंसी और 6 बड़ी पार्टियों के बीच बंटने वाले वोट को साधना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी।

लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी 2024 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें BJP को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 लोकसभा चुनाव से NDA को 41 सीटें मिली थीं। 2014 में यह आंकड़ा 42 था। यानी आधे से भी कम।

लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान 2024 लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमट जाएगी। विपक्षी गठबंधन के एक सर्वे में राज्य की 288 सीटों पर MVA यानी महाविकास अघाड़ी को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।

महाराष्ट्र 2019 विधानसभा चुनाव समीकरण

  • 2019 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन था। बीजेपी ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती। गठबंधन से एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, पर मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट।
  • 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ये सुबह-सुबह की शपथ थी। पर बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर 2019 को दोनों ने इस्तीफा दे दिया। 28 नवंबर 2019 को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सत्ता में आई। इसके बाद शिवसेना और एनसीपी में बगावत हुई और 4 दल बने। लोकसभा चुनाव में शरद और उद्धव को बढ़त मिली। इन्हीं सब पृष्ठभूमि में विधानसभा चुनाव होगा। पूरी खबर पढ़े…

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