तेलंगाना सरकार ने तत्काल प्रभाव से कच्चे अंडे से बनी मेयोनीज के प्रोडक्शन, स्टोरेज और सेलिंग पर एक साल के प्रतिबंध लगा दिया है। मोमोज-मेयोनीज को लेकर लगातार मिल रहीं पाइजनिंग की शिकायतों के चलते ये फैसला लिया गया।
तेलंगाना के फूड सेफ्टी कमिश्नर ये जारी आदेश में कहा गया कि पिछले कुछ महीनों में फूड पाइजनिंग की जो घटनाएं हुई हैं, उनके लिए कच्चे अंडे से बनी मेयोनीज पर संदेह है। लोगों ने इसको लेकर कई शिकायतें की हैं। इसलिए ये कदम उठाया गया है।
दरअसल, 25 अक्टूबर को हैदाराबाद के खैरताबाद इलाके में एक स्ट्रीट वेंडर के यहां बंजारा हिल्स की रहने वाली 33 साल की रेशमा बेगम ने अपने दो बच्चों के साथ मोमोस खाए थे। इसके बाद तीनों की तबीयत बिगड़ गई थी।
तीनों को डायरिया, पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत हुई थी। 27 अक्टूबर को इलाज के दौरान रेशमा की मौत हो गई। उनके बच्चों का अभी-भी इलाज चल रहा है। रेशमा सिंगल मदर थीं। उनके बच्चों की उम्र 12 साल और 14 साल है।
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 अन्य लोगों को भी इसी मोमोस स्टॉल वालों की वजह से फूड पॉइजनिंग हुई। पुलिस ने बताया कि इन 20 में से 15 मामलों की शिकायत मंगलवार को दर्ज की गई।
रेशमा बेगम के परिवार की शिकायत दर्ज होने के बाद ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के फूड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट और पुलिस ने मोमोस का स्टॉल चलाने वाले 2 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने गैर-इरादतन हत्या का मामला करते हुए बताया कि वेंडर्स के पास फूड सेफ्टी लाइसेंस नहीं था।
पुलिस बोली- वेंडर ने साफ-सफाई नहीं रखी पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि मोमोज बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया आटा बिना किसी पैकिंग के फ्रिज में रखा गया था। वेंडर ने साफ-सफाई भी नहीं रखी थी।
फ्रिज का दरवाजा भी टूटा हुआ था, जिसकी वजह से फ्रिज में वह टेम्परेचर नहीं बन पा रहा था, जो मैदे के आटे को फ्रेश बनाए रखने के लिए जरूरी था।
पुलिस ने बताया कि वेंडर के पास से अलग-अलग सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए लैब भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि फूड पॉइजनिंग मोमोस में डलने वाली किस चीज के कारण हुई।
बेंगलुरु में केक खाने से 5 साल के बच्चे की मौत हुई थी
बेंगलुरु के भुवनेश्वरी नगर इलाके में 7 अक्टूबर को बर्थडे का केक खाने से 5 साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी। उसके माता-पिता की भी हालत गंभीर थी।
बच्चे का नाम धीरज था। उसके पिता बलराज Swiggy कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करते थे। 6 अक्टूबर को एक कस्टमर ने केक का ऑर्डर कैंसिल कर दिया था, जिसके बाद बलराज केक अपने घर ले आए थे।
उन्होंने अपने बेटे धीरज का जन्मदिन मनाया। पूरे परिवार ने साथ मिलकर केक काटा और खाया। फिर डिनर करके सो गए थे। 7 अक्टूबर को तीनों के पेट में तेज दर्द होने लगा।
वे दर्द से चिल्लाने लगे। उनकी चीखें सुनकर पड़ोसी पहुंचे और उन्हें अस्पताल ले आए, जहां बच्चे की मौत हो गई।
पंजाब में 24 मार्च को केक खाने से बच्ची की मौत हुई थी
बेंगलुरु से पहले पंजाब के पटियाला में केक खाने से 10 साल की बच्ची की मौत का मामला सामने आया था। परिवार ने 24 मार्च को बच्ची के बर्थडे पर जोमैटो से केक ऑर्डर किया था।
केक खाने के बाद बच्ची सहित 4 अन्य पारिवारिक मेंबर्स की हालत खराब हो गई थी। सबको उल्टियां हो रही थीं। पुलिस ने इस मामले में बेकरी के खिलाफ केस दर्ज किया था। पूरी खबर पढ़ें…