भारत ने कनाडा के उस बयान पर आपत्ति जताई है, जिसमें कहा गया था कि कनाडा में खालिस्तानियों पर एक्शन के पीछे गृह मंत्री अमित शाह हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को बताया कि एक नवंबर को कनाडाई उच्चायोग के अफसर को तलब किया गया।
इस दौरान कहा गया कि अमित शाह पर लगाए आरोप निराधार और बेतुके हैं। कनाडाई अधिकारी जानबूझकर भारत को बदनाम करने की रणनीति के तहत आरोप लगा रहे हैं। फिर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसे लीक करते हैं। इससे दोनों देशों के संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।
दरअसल, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने 29 अक्टूबर को एक संसदीय पैनल में दावा किया था कि अमित शाह ने कनाडा में सिख खालिस्तानियों को निशाना बनाने का आदेश दिया था।
भारतीय अफसरों पर नजर रख रही कनाडाई सरकार
- रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमारे कुछ वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को हाल ही में कनाडा सरकार की तरफ से सूचना दी गई थी कि वे ऑडियो और वीडियो निगरानी में हैं। उनके कम्युनिकेश को भी बाधित किया गया है।’
- ‘हमने औपचारिक रूप से इसका भी विरोध किया है। हम ऐसे काम को राजनयिक और वाणिज्य कन्वेंशन का उल्लंघन मानते हैं। तकनीकी बातों का हवाला देकर, कनाडा सरकार इस चीज को सही नहीं ठहरा सकती है। हमारे राजनयिक पहले से ही उग्रवाद और हिंसा के माहौल में काम कर रहे हैं।’
दिवाली सेलिब्रेशन कैंसिल करने पर भी बोले जायसवाल कनाडा में दिवाली सेलिब्रेशन कैंसिल होने पर प्रवक्ता ने कहा- हमने इससे जुड़ी कुछ खबरें सुनी हैं। यह बहुत दुखद है कि वहां पर माहौल इस स्तर पर पहुंच गया है।
कनाडा की संसद पार्लियामेंट हिल में दिवाली उत्सव रद्द करने की खबरें सामने आईं थी। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत के साथ चल रहे राजनयिक गतिरोध के बीच दिवाली समारोह को रद्द कर दिया गया।
मॉरिसन ने माना- अमेरिकी अखबार को जानकारी दी थी मॉरिसन ने 29 अक्टूबर को यह भी माना था कि उन्होंने ही अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट को अमित शाह का नाम बताया था और भारत-कनाडा मीटिंग से जुड़ी जानकारी दी थी।
हालांकि, मॉरिसन यह नहीं बता पाए कि उन्हें यह कैसे पता चला कि अमित शाह ने खालिस्तानियों को निशाना बनाने का आदेश दिया था। यह पहली बार था, जब कनाडाई अधिकारी ने खुलकर भारत सरकार के किसी मंत्री का नाम लिया। पूरी खबर पढ़ें
इससे पहले 16 अक्टूबर को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने एक आयोग के सामने कहा था कि पिछले साल सितंबर 2023 में जब उन्होंने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के शामिल होने का आरोप लगाया था, तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी। कोई ठोस सबूत नहीं था।
कनाडा पुलिस ने कहा था, भारतीय एजेंट्स ने कई जानकारियां जुटाईं कनाडाई पुलिस के कमिश्नर माइक दुहेमे ने 14 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेस भी की थी। उन्होंने इसमें कहा था कि कनाडा में भारतीय राजनयिक और अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर गुप्त तरीके से भारत सरकार के लिए जानकारियां जुटाई हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों ने एजेंट्स का इस्तेमाल किया।
अधिकारी ने कहा कि इनमें से कुछ एजेंट्स को भारत सरकार के साथ काम करने के लिए धमकाया गया और उन पर दबाव बनाया गया। उन्होंने कहा कि भारत ने जो जानकारी जुटाई, उसका इस्तेमाल दक्षिण एशियाई लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।
कनाडा में पुलिस अधिकारियों ने अगले दिन 16 अक्टूबर को आरोप लगाया कि खालिस्तानियों और साउथ एशियाई मूल के लोगों को लॉरेंस ग्रुप ने टारगेट किया। कनाडाई पुलिस विभाग RCMP में असिस्टेंट कमिश्नर ब्रिजिटी गौविन ने कहा कि भारतीय सरकार के लॉरेंस ग्रुप का इस्तेमाल किया है।