श्रीनगर के संडे मार्केट में ग्रेनेड ब्लास्ट, 12 घायल:उमर बोले- हमलों से परेशान हूं; कल यहीं सेना ने एक आतंकी को मार गिराया था
जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (TRC) के नजदीक संडे मार्केट में रविवार को ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ। इसमें 12 लोग घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद हमलावरों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। घायलों की संख्या बढ़ सकती है।
श्रीनगर में पिछले 2 साल में यह दो दिन में लगातार दूसरी आतंकी वारदात है। 2 नवंबर को खान्यार इलाके में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। एक घर में 2 से 3 आतंकी छिपे थे। सेना ने घर को बम से उड़ा दिया। इसमें एक पाकिस्तानी आतंकी मारा गया था। घटनास्थल से आतंकी की बॉडी और गोला-बारूद बरामद किए गए। हालांकि इस मुठभेड़ में 4 जवान भी घायल हुए थे।
शनिवार को अनंतनाग में भी सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में 2 आतंकियों को ढेर किया था। एक की पहचान जाहिद राशिद के रूप में हुई। वहीं दूसरा अरबाज अहमद मीर था। दोनों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग मिली थी।
घटना से जुड़ी 6 तस्वीरें…
CM अब्दुल्ला बोले- निर्दोषों पर हमले का कोई औचित्य नहीं घटना पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से घाटी के कुछ हिस्सों में हमलों और मुठभेड़ की खबरें सुर्खियों में हैं। श्रीनगर के संडे मार्केट में निर्दोष दुकानदारों पर ग्रेनेड हमले की आज की खबर बेहद परेशान करने वाली है। निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। सुरक्षा तंत्र को जल्द से जल्द लगातार हाे रहे हमलों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि लोग बिना किसी डर के अपना जीवन जी सकें।
LG सिन्हा बोले- नागरिकों को निशाना बनाने पर आतंकियों को भारी कीमत चुकानी होगी LG मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में ग्रेनेड हमले के बारे में DGP नलिन प्रभात और सुरक्षा एजेंसियों के सीनियर अधिकारियों से बात की। सिन्हा ने कहा, नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। सुरक्षा एजेंसियां आतंकी संगठनों और उनके मंसूबों को कुचलने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं।
अब देखिए 2 नवंबर को एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों की तस्वीरें…
फारूक बोले थे- आतंकी को मारा न जाए, उन्हें गिरफ्तार करें नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा था- जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने से पहले आतंकी हमलों में तेजी क्यों नहीं आई। इसकी जांच होनी चाहिए कि यह कौन कर रहा है। अब्दुल्ला ने कहा कि श्रीनगर के खान्यार में मौजूद आतंकी को मारा नहीं जाना चाहिए, बल्कि उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या उमर सरकार को अस्थिर करने का काम किसी एजेंसी को सौंपा गया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फल-फूल रहा था। आतंकवाद अपने सबसे निचले स्तर पर था, इसलिए मैं जांच की मांग कर रहा हूं।
अक्टूबर में आतंकियों के 5 हमले
- 28 अक्टूबर: अखनूर में 3 आतंकी ढेर हुए। LoC के पास आतंकियों ने आर्मी एंबुलेंस पर फायरिंग की थी। इसके बाद वे जंगल की ओर भाग गए थे। 5 घंटे तक चले एनकाउंटर में सेना का कोई जवान घायल नहीं हुआ।
- 24 अक्टूबर: बारामूला में सेना की गाड़ी पर आतंकियों के हमले की जिम्मेदारी PAFF संगठन ने ली थी। पुलिस ने बताया था आतंकी हमला करके जंगल की ओर भाग गए थे।
- 24 अक्टूबर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने मजदूर पर गोलीबारी की। हमले में मजदूर घायल हो गया, जिसका इलाज चल रहा है।
- 20 अक्टूबर: गांदरबल के सोनमर्ग में कश्मीर के डॉक्टर, MP के इंजीनियर और पंजाब-बिहार के 5 मजदूरों की जान गई थी। इसकी जिम्मेदारी लश्कर के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली।
- 16 अक्टूबर: शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद इलाके में आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
घाटी में गैर-कश्मीरियों की हत्या का कारण
खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि टारगेट किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई साजिश है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है।
आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।