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मोदी बोले-कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सावरकर को गाली दी:मेरा MVA को चैलेंज- कांग्रेस नेताओं से बाल ठाकरे की प्रशंसा करवाकर दिखाएं

मोदी बोले-कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सावरकर को गाली दी:मेरा MVA को चैलेंज- कांग्रेस नेताओं से बाल ठाकरे की प्रशंसा करवाकर दिखाएं

मुंबई29 मिनट पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार यानी 8 नवंबर से नासिक के धुले से महाराष्ट्र में चुनाव अभियान की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार की शुरुआत की। नासिक में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग महाराष्ट्र में वीर सावरकर का अपमान करते हैं।

पीएम ने कहा कि देश और महाराष्ट्र की राजनीति में बाला साहब ठाकरे का योगदान अतुलनीय है। लेकिन कांग्रेस नेताओं के मुंह से बाला साहब ठाकरे की प्रशंसा में एक शब्द नहीं निकलता है।

उन्होंने कहा कि मैं महा-विकास अघाड़ी में कांग्रेस के दोस्तों को चुनौती देता हूं कि वे कांग्रेसी नेताओं से बाला साहब ठाकरे और उनकी विचारधारा की प्रशंसा करवाकर दिखाएं।

50 मिनट में भाषण में मोदी ने कहा कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। पहले वे धर्म के नाम पर लड़ाते थे। इसी के चलते देश का बंटवारा हुआ। अब वे जातियों को लड़ाने का काम कर रहे हैं। ये भारत के खिलाफ साजिश है।

महाराष्ट्र की 288 सीटों में एक फेज में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। भाजपा महायुति गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने 148, शिंदे गुट ने 80, अजित गुट ने 53 उम्मीदवार उतारे हैं।

मोदी के भाषण के 6 पॉइंट…

1. महाराष्ट्र के लोगों ने दिल खोलकर दिया है महाराष्ट्र से मेरा अपनापन आप सब जानते हैं। महाराष्ट्र से मैंने जब भी कुछ मांगा है, यहां के लोगों ने दिल खोलकर मुझे आशीर्वाद दिया। 2014 के विधानसभा चुनाव में मैं यहां आया था। मैंने आपसे महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार के लिए आग्रह किया था। आपने राज्य में 15 साल के सियासी कुचक्र को तोड़कर बीजेपी को जीत दिलाई। आज मैं धुले की धरती से मैं महाराष्ट्र में चुनाव अभियसान की शुरुआत कर रहा हूं।

2. MVA ने पहले सरकार, फिर जनता को लूटा हम जनता को भगवान मानते हैं, उनकी सेवा करते हैं। कुछ लोग लोगों को लूटने आए हैं। जब लोगों को लूटने की नीयत वाले आते हैं तो हर योजना बंद कर देते हैं। आपने महाविकास अघाड़ी के धोखे से बनी सरकार के ढाई साल देखे हैं। इन्होंने पहले सरकार लूटी, फिर जनता को लूटा।

3. हमने महिलाओं को केंद्र में रखकर फैसले लिए महायुति का वचननामा (मैनिफेस्टो) विकसित भारत का आधार बनेगा। विकसित महाराष्ट्र विकसित भारत के लिए हमारी बहन-बेटियों का जीवन आसान बनाना बहुत जरूरी है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं तो पूरा समाज तेजी से आगे बढ़ता है। इसलिए केंद्र सरकार ने भी महिलाओं को केंद्र में रखकर कई बड़े फैसले लिए हैं।

4. MVA महिलाओं को गाली देने पर उतरा महाराष्ट्र की हर महिला को अघाड़ी वालों से सतर्क रहना है। ये नारी शक्ति को सशक्त नहीं देख सकते। ये महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं, कैसी-कैसी अभद्र भाषा बोल रहे हैं। महाराष्ट्र पुलिस में 25000 बेटियों की भर्ती से महिलाओं में उत्साह बढ़ेगा। उन्हें सुरक्षा मिलेगी।

5. कांग्रेस दलितों-पिछड़ों को आगे बढ़ते नहीं देख सकती कांग्रेस की तरफ से एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने का खेल खेला जा रहा है। कांग्रेस कभी दलितों, पिछड़ों आदिवासियों को आगे बढ़ते नहीं देख सकती। अंबेडकर ने कोशिश की, वंचितों को आरक्षण मिले लेकिन नेहरू जी अड़े रहे। बाबा साहेब मुश्किल से दलितों और आदिवासियों को आरक्षण दिला पाए। नेहरू के बाद इंदिरा जी आईं। उन्होंने भी आरक्षण के खिलाफ यही माहौल बनाए रखा। वे एससी, एसटी, ओबीसी को हमेशा कमजोर करना चाहत थीं। राजीव गांधी की सोच भी खानदान से अलग नहीं थी।

6. कश्मीर में कांग्रेस के मंसूबे कामयाब नहीं होने दूंगा कांग्रेस ने कश्मीर को आर्टिकल 370 के जरिए देश की मुख्यधारा से अलग किया। कांग्रेस ने कश्मीर में अंबेडकर का संविधान लागू नहीं होने दिया। देश में दो संविधान रहते थे, कश्मीर में दलितों , वंचितों को उनका हक नहीं मिलने दिया। इन्होंने अलगावदियों को संरक्षण दिया। इन्होंने जो समस्या पैदा की, हमने आर्टिकल 370 हटाकर उसे खत्म कर दिया। कश्मीर में उनके मंसूबे कामयाब नहीं होने दूंगा।

2019 की तुलना में भाजपा कम सीटों पर लड़ रही 2019 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा इस बार कम सीटों पर लड़ रही हैं। भाजपा ने पिछली बार 164 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस बार 16 उम्मीदवार कम उतारे हैं।

वहीं, शिवसेना-शिंदे ने 80, NCP-अजित ने 53 के लिए पार्टी में बगावत के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। पिछले चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) 124-124 सीटों पर लड़ी थीं। इन सबके अलावा इस बार महायुति ने 5 सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं।

भाजपा बोली- CM पर फैसला चुनाव के बाद होगा मुख्यमंत्री के रूप में देखे जाने पर डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने करीब एक हफ्ते पहले कहा था कि लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं तो यह समस्या नहीं है, समाधान है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे CM बनने जा रहा हैं।

महायुति को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एकनाथ शिंदे मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसकी घोषणा की जाएगी। शिवसेना प्रमुख CM एकनाथ शिंदे, NCP प्रमुख अजीत पवार और भाजपा का संसदीय बोर्ड तय करेगा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा।

महायुति भ्रमित नहीं हैं, समस्या महाविकास अघाड़ी (MVA) में है। चेहरे का सवाल उनके लिए है, महायुति के लिए नहीं। MVA मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं कर रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि चुनाव के बाद उनका CM आ सकता है।

महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर…

लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं।

लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।

विधानसभा चुनाव- 2019

  • 2019 में BJP-शिवसेना गठबंधन था। बीजेपी ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती। गठबंधन से NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, पर मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट।
  • 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर को ही दोनों ने इस्तीफा दे दिया।
  • 28 नवंबर को शिवसेना (अविभाजित), NCP (अविभाजित) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई।
  • इसके बाद शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) में फूट पड़ गई और ये दो पार्टियां चार धड़ों में बंट गई। फिर भी लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को फायदा हुआ। अब इसी पृष्ठभूमि पर विधानसभा चुनाव भी हो रहा है। पूरी खबर पढ़े…

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